फ्रांस के ग्रैंड थिएटर लुमियरे में आयोजित 74वें कॉन्स फिल्म फेस्टिवल 2021 में 28 साल बाद एक बार फिर इतिहास दोहराते देखा गया. इस बार कान्स का सबसे प्रतिष्ठित और बड़ा अवॉर्ड Palme d'Or जिसे गोल्डन पाम भी कहते हैं, फ्रांसीसी फिल्म निर्देशक Julia Ducournau के नाम हुआ. जूलिया Palme d'Or अवॉर्ड से सम्मानित होने वाली दूसरी महिला फिल्म निर्देशक हैं.
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38 वर्षीय जूलिया एक फ्रांसीसी डायरेक्टर और स्क्रीनराइटर हैं. टाइटन से पहले उनकी फिल्म रॉ ने खूब चर्चा बटोरी थी. जूलिया की अब तक रिलीज फिल्मों में उनका जॉनर मुख्यत बॉडी-हॉरर देखा गया है.
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जूलिया को Palme d'Or अवॉर्ड उनकी फिल्म टाइटन के लिए दिया गया है. फिल्म का वर्ल्ड प्रीमियर कान्स में 13 जुलाई को किया गया था. यह फिल्म जूलिया की दूसरी फीचर फिल्म है जो कि एक बॉडी-हॉरर ड्रामा है.
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टाइटन में सेक्स और हिंसा को दर्शाया गया है. यह फिल्म एक ऐसी लड़की के इर्द-गिर्द घूमती है जो बचपन में सड़क हादसे के कारण एक यौन विकृति का शिकार हो जाती है. वह कारों के प्रति यौन आकर्षण महसूस करती है. फिल्म में अगाथा रोसेल, विन्सेंट लिंडन, गारांस मैरिलिएर अहम रोल में हैं.
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शनिवार को कान्स में Palme d'Or अवॉर्ड के ऐलान के वक्त एक दिलचस्प वाकया देखने को मिला. दरअसल, जूरी के अध्यक्ष स्पाइक ली ने क्लोजिंग सेरेमनी की शुरुआत में ही फिल्म की जीत की घोषणा कर दी थी. उनके इस ऐलान के बाद सभी हैरान रह गए थे.
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मालूम हो जूलिया की यह दूसरी फीचर फिल्म है. इससे पहले उन्होंने 2011 में शॉर्ट फिल्म जूनियर बनाई थी. इस फिल्म को भी कान्स फिल्म फेस्टिवल में जगह मिली थी. इसके बाद 2012 में Mange, 2016 में Raw का निर्देशन किया था. Raw के लिए जूलिया को कान्स में FIPRESCI (International Federation of Film Critics) प्राइज से सम्मानित किया गया था.
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Raw भी जूलिया की हॉरर ड्रामा है जिसमें Garance Marillier, Ella Rumpf और Rabah Nait Oufella ने अहम भूमिका अदा की थी. यह फिल्म एक शाकाहारी लड़की की कहानी है, जो मांस का स्वाद चखने के बाद उसमें मांस की भूख विकसित हो जाती है.
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इस फिल्म को 2016 के कॉन्स फिल्म फेस्टिवल में 14 मई 2016 को प्रीमियर किया गया था. बाद में 10 मार्च 2017 को यह फिल्म अमेरिका के थिएटर्स में रिलीज किया गया. फिल्म को क्रिटिक्स का शानदार रिस्पॉन्स मिला था.
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जूलिया की यह जीत कान्स के इतिहास में बहुत महत्वपूर्ण है. उनसे पहले 1993 में न्यूजीलैंड की महिला फिल्म निर्देशक Jane Campion को उनकी फिल्म 'The Piano' के लिए Palme d'Or अवॉर्ड दिया गया था. 28 साल के लंबे इंतजार के बाद इस फेहरिस्त में जूलिया ने अपना नाम दर्ज करवाया है.
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इस साल कान्स में महिलाओं का दबदबा रहा. इंडस्ट्री के मुख्य अंतराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा की जूरी में महिलाओं की संख्य पुरुषों के मुकाबले ज्यादा रही. भारतीय फिल्म निर्देशक पायल कपाड़िया ने भी कान्स में देश और अपनी कला का परचम लहराया. पायल को उनकी डॉक्यूमेंट्री 'ए नाइट ऑफ नोइंग नथिंग' के लिए Oeil d'Or (गोल्डन आई) अवॉर्ड फॉर बेस्ट डॉक्यूमेंट्री अवॉर्ड से नवाजा गया.
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