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कार बेची, गर्लफ्रेंड छोड़ी, उबली सब्जियों से किया गुज़ारा, तब कहीं जाकर मिला ऑस्कर

Adrian broody crazy method acting won him oscar award ब्रूडी ने अपने इस रोल के लिए मेथड एक्टिंग की इंतेहा पार कर दी थी. फिल्म के डायरेक्टर उन्हें हर रोज चार घंटे की पियानो की प्रैक्टिस तो करवाते ही थे खुद ब्रूडी ने भी कई मायनों में इस रोल के लिए काफी समर्पण दिखाया था.

aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 22 फरवरी 2019,
  • अपडेटेड 11:40 PM IST

कुछ फिल्में ऐसी होती हैं जिन्हें देखकर आप सिनेमाघरों से वापस आते हैं और अपनी रोजमर्रा की ज़िंदगी में वापस लौट जाते हैं लेकिन कुछ फिल्में ऐसी होती हैं जिनसे आप चाहकर भी अलग नहीं हो पाते. ये आपके दिमाग में ऐसी रच बस जाती है जिसे ताउम्र भुलाना मुश्किल होता है. 2002 में आई  'दि पियानिस्ट' एक ऐसी ही फिल्म है. ये पोलैंड में रहने वाले एक ऐसे पियानिस्ट की कहानी है जो द्वितीय विश्व युद्ध में अपना सब कुछ गंवा देता है और अपनी ज़िंदगी के दो साल वो छिपते-छिपाते बिताता है. भयानक स्तर पर अकेले इस शख़्स का सहारा सिर्फ उसका पियानो होता है. ये फिल्म एक सच्ची घटना पर आधारित थी.

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महान डायरेक्टर रोमन पोलेंस्की द्वारा निर्देशित इस फिल्म में पियानिस्ट का मुख्य किरदार एड्रियन ब्रूडी ने निभाया था. ब्रूडी ने अपने इस रोल के लिए मेथड एक्टिंग की इंतेहा पार कर दी थी. फिल्म के डायरेक्टर उन्हें हर रोज चार घंटे की पियानो की प्रैक्टिस तो करवाते ही थे खुद ब्रूडी ने भी कई मायनों में इस रोल के लिए काफी समर्पण दिखाया था.

साल 2003 में एक इंटरव्यू में ब्रूडी ने कहा था, 'एक ऐसा शख़्स जिसने अपनी ज़िंदगी में सब कुछ खो दिया हो, उसका किरदार निभाने के लिए जरुरी था कि मैं भी अपनी ज़िंदगी में महत्वपूर्ण चीज़ों से दूर हो जाऊं. मैंने अपना अपार्टमेंट छोड़ दिया था, अपनी कार बेच दी थी, फोन छोड़ दिया था. मैं सिर्फ दो बैग और अपना कीबोर्ड लेकर यूरोप चला गया था.' गौरतलब है कि उन्होंने उस दौरान अपनी गर्लफ्रेंड से भी ब्रेकअप कर लिया था.

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ब्रूडी ने इस रोल को निभाने के लिए 14 किलो वजन घटाया था और वे 6 हफ्तों तक सिर्फ दो उबले अंडे खाते थे. लंच में थोड़ा सा चिकन और डिनर में उबली सब्जियों के साथ थोड़ा चिकन लेते थे. एक समय पर उनका वज़न महज 58 किलो रह गया था जो 6 फीट 5 इंच लंबे ब्रूडी के लिए बेहद खतरनाक था. उन्होंने इस बारे में बात करते हुए कहा था, 'अपने आपको भूखा रहना एक बड़ी चुनौती है. भूख से होती तड़प में जो खालीपन होता है, उसकी किसी भी चीज़ से तुलना नहीं की जा सकती. मैंने अपनी ज़िंदगी में नुकसान झेला है, उदासी झेली है लेकिन भूखे पेट रहना किसी भी इंसान को बेहद विचलित कर सकता है.'

ब्रूडी की हैरतअंगेज़ एक्टिंग के लिए उन्हें बेस्ट एक्टर का ऑस्कर अवॉर्ड मिला था. वे महज 29 साल के थे जब उन्होंने ये अवॉर्ड जीता था. ब्रूडी के लिए ये फिल्म केवल शारीरिक तौर पर नहीं बल्कि मानसिक तौर पर भी बेहद मुश्किल थी. इस फिल्म के साथ ही वे रातों-रात स्टार बन गए थे. हालांकि वे पियानिस्ट जैसा करिश्मा किसी और फिल्म के साथ नहीं दोहरा पाए. ये फिल्म कितनी ज्यादा तीव्र थी, इसका अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है कि रिलीज के 15 साल बाद भी ब्रूडी से उनके अनुभवों के बारे में पूछा जाता रहा है. उन्होंने इंडीवायर के साथ बातचीत में कहा था 'मै ये फिल्म करने के बाद एक साल तक डिप्रेस रहा था और ऐसा नहीं है कि मैं जल्दी डिप्रेस हो जाता हूं. मुझे लगता है कि वो डिप्रेशन नहीं था बल्कि मेरी आत्मा रो रही थी.'

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