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इजरायल-फिलिस्तीन के खूनी खेल में एक्ट्रेस को लगी गोली, शेयर किया दर्द

aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 13 मई 2021,
  • अपडेटेड 3:41 PM IST
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इजरायल और फिलिस्तीन के बीच खूनी जंग लगातार तेज होती जा रही है. इस बीच हाइफा शहर में शांतिपूर्ण प्रदर्शन में शामिल हुईं फिलिस्तीनी एक्ट्रेस मैसा अब्द इलाहदी को कथित तौर पर इजरायली पुलिस ने गोली मार दी. सोशल मीडिया पर जानकारी देते हुए उन्होंने दावा किया कि इजरायली पुलिस ने उनके पैर में गोली मारी, लेकिन वह अब इससे रिकवर हो रही हैं. प्रदर्शन के कुछ समय बाद एक्ट्रेस ने उन सभी लोगों का शुक्रिया अदा किया जो उनकी मदद के लिए आगे आए और उनकी देखभाल की. 

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एक्ट्रेस ने पोस्ट में यह भी बताया कि उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था कि वह ऐसी कोई पोस्ट जिंदगी में लिखेंगी. अपने लोगों के साथ पोस्ट शेयर करते हुए उन्होंने बताया कि वह कितना खराब महसूस कर रही हैं. वह जानती हैं कि उनके अपने लोग इससे भी कही ज्यादा कष्ट में हैं और उसका सामना कर रहे हैं.  

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मैसा ने लिखा कि रविवार को मैंने शांतिपूर्ण प्रदर्शन में हिस्सा लिया था, जहां हम सभी लोग मिलकर गा रहे थे, अपनी आवाज के दम पर अपना गुस्सा जाहिर कर रहे थे. मैं खुद वहां गुनगुना रही थी और वहां हो रहे इवेंट्स को शूट कर रही थी. 

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मैसा ने आगे लिखा कि प्रदर्शन के कुछ देर बाद ही एक फॉजी ने ग्रेनेड्स (बारूद के गोले) और गैस ग्रेनेड्स (गैस के गोले) छोड़ने शुरू कर दिए. उसके बाद मुझे अहसास हुआ कि चीजें बढ़ती जा रही हैं. मैं सड़क के किनारे खड़ी हुई जो मुझे सेफ लग रही थी. मैं अकेली थी और मेरी बैक फॉजी की बैक के सामने थी. बहाई गार्डन में फिलिस्तीनियन झंडे को शूट कर रही थी और मैं किसी को डरा नहीं रही थी. 

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मैसा ने लिखा कि मैं अपनी गाड़ी की ओर बढ़ी और मैंने अपने बहुत नजदीक एक बम फटने की आवाज सुनी. मुझे लग गया था कि मेरी जीन्स फट गई है. यह पहली चीज थी, जिसका मुझे अहसास हुआ. मैंने आगे वॉक करने की कोशिश की, लेकिन मैं नहीं कर पाई. मैंने देखा कि खून मेरे पैर से टपक रहा है और मेरी स्किन बाहर आ चुकी है. एक यंग लड़का मेरे पास खड़ा था. वह मेरे पास आया, जिसकी मदद से मैं चल सकी. 

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मैसा लिखती हैं कि मैं सोच रही थी कि अचानक मेरे साथ यह क्या हुआ? मुझे लगा कि उन्होंने मेरे पैर पर गोली मारी, क्योंकि पैर की स्थिति काफी खराब नजर आ रही थी. मैं नहीं जान पा रही थी कि वह एक स्टंट ग्रेनेड था या कुछ और. मैं बस इतना जानती हूं कि मैं दर्द से चीख रही थी. पैर की हालत देखकर मैं परेशान हो रही थी. इजरायल फोर्स के सामने सभी जवान लड़के-लड़कियां चिल्ला रहे थे और मैं उनके सामने दर्द से कराह रही थी. और लोग मुझे बचाने के लिए आए. प्रदर्शन से मुझे दूर किया. 

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मैसा ने लिखा कि पास के पार्क में मेरा इलाज किया. उन लोगों में एक पैरामेडिक भी था, जिसने मेरे पैर का खून रोका. लड़के और लड़कियों ने एम्बुलेंस बुलाई जो आधे घंटे बाद आई. पुलिस उस जगह में किसी को अंदर आने नहीं दे रही थी और प्रदर्शन में जख्मी हुए लोगों की सेवा में जुटी थी. किसी भी फिलिस्तीनी को जान से मारने से पुलिस पीछे नहीं हटी. 

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मैसा लिखती हैं कि उन्होंने नहीं देखा कि कौन उस प्रदर्शन में शामिल हुआ और कौन नहीं. ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब एक शांतिपूर्ण प्रदर्शन में पुलिस ने हम पर हमला किया हो. 

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मैसा ने अंत में लिखा कि मुझे कोई शक नहीं, एक फिलिस्तीनी होने के नाते मुझे कई बार धमकियां मिल चुकी हैं, लेकिन इस बार साफ हो गया कि हम लड़ाई में हैं और हमें मौत से केवल एक ही चीज अलग रख रही है, वह है किस्मत. 

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