आपने ट्रायल बाय फायर (Trial By Fire) का ट्रेलर तो देखा ही होगा. अगर देखा है, तो मुमकिन ही नहीं कि आप उसमें लीड कैरेक्टर प्ले कर रहीं राजश्री देशपांडे को नोटिस ना किया हो, ये तो पॉसिबल ही नहीं. राजश्री इस सीरीज के रिलीज के बाद से ही फिल्म इंडस्ट्री के उभरते सितारों में गिनी जाने लगी हैं. सीरीज की तो हर जगह तारीफ हो ही रही है. वहीं उनकी एक्टिंग को भी लोग काफी प्रेज कर रहे हैं.
राजश्री देशपांडे ने इस सीरीज के लिए अपने बॉडी में काफी बदलाव किए हैं. राजश्री ने बताया कि कैसे जब उन्होंने इस सीरीज के शूटिंग की शुरुआत की थी. तब वो 50 किलो की थीं, लेकिन शो खत्म होते होते उनका वजन 66 किलो हो गया था. राजश्री अपने काम को लेकर काफी डेडिकेटेड हैं. इस शो के लिए किए ट्रांसफॉर्मेशन पर राजश्री ने अपने इंटरव्यू में बताया कि उन्होंने ऐसा क्यों किया.
ट्रायल बाय फायर एक रियल इंसीडेंट पर बेस्ड कहानी है. 1997 में उपहार सिनेमा में आग लग गई थी, जिसमें कई लोगों की जान चली गई थी. फायर सेफ्टी ना होने की वजह से लोगों को बचाना नामुमकिन हो गया था. इसी हादसे में दो बच्चों की भी मौत हो गई थी, जिनके माता-पिता नीलम और शेखर कृष्णमूर्ती ने न्याय पाने के लिए 20 साल कोर्ट के चक्कर काटे. राजश्री देशपांडे और अभय देओल उन्हीं माता-पिता का रोल अदा कर रहे हैं.
राशी ने इस रोल के लिए काफी तैयारी की. राशी ने बताया कि वो लोगों को करीने से ऑब्सर्व करती थीं. उन्होने कहा- मैं यहां राजश्री नहीं बन सकती थी. अगर मैं राजश्री को सामने रख के नीलम करूंगी तो मैं नीलन को कभी ढूंढ नहीं पाउंगी. मुझे नीलम को ढूंढना होगा, तो मुझे नीलम जैसा ही सोचना होगा. मैं ऐसे किरदार को निभा रही थीं, जो 20 साल से एक लड़ाई लड़ रही है.
राजश्री ने कहा- मेरे लिए ये एक गर्व की बात है. मैं ऐसे रोल को निभा रही थी, जो बहुत स्ट्रॉन्ग है. उसकी जिंदगी के इन 20 सालों में सिर्फ चैलेंजेस ही रहे. मैंने जब इस शो की शुरुआत की थी तब मेरा वजन 50 किलो था. शूटिंग खत्म होते-होते मैं 66 किलो की हो चुकी थी. मुझे वजन बढ़ाना पड़ा, क्योंकि मुझे इस कैरेक्टर एक अलग तरीके से दिखाना था. उसमें 20 साल की जर्नी है. जब आपकी उम्र बढ़ती है, तो आप में फिजिकली भी बहुत चेंजेस आते हैं. मुझे वो दिखाना जरूरी था.
राजश्री ने कहा- हम लोग एक सिलसिलेवार तरीके से शूट कर रहे थे. मुझे सीरीज के शुरुआत में ही थोड़े बढ़े वजन के साथ दिखना था. मेरे पास टाइम कम था. मैंने बहुत अनहेल्दी तरीके से वजन बढ़ाया, जो कि सही नहीं है. लेकिन क्या करें. काम मिल गया, तो जाना नहीं चाहिए हाथ से. इतना तैयार हो जाओ कि डायरेक्टर कहे हां यही तो है मेरी नीलम. मौका ही नहीं दे कि मुझे निकाल दे काम से. मैं उस तरह की इंसान हूं.
ट्रायल बाय फायर की शूटिंग पैनडेमिक के दौरान हुई थी. उस दौरान राजश्री के लिए बहुत मुश्किल रहा था, शूट के बाद खुद को नीलम के कैरेक्टर से खुद को निकाल पाना. राजश्री ने कहा- हम लोग जिस सिचुएशन में थे, हर दिन किसी ना किसी के मरने की खबरें देखते थे. अपने ही अगल बगल लोगों को ऑक्सीजन और सिलेंडर के लिए तड़पते देखते थे, ये बहुत मुश्किल था. मैंने उसी ट्रेजेडी वाली फीलिंग को इस फिल्म में इस्तेमाल किया. मैं हर दिन सोचती थी कि कैसे नीलन और शेखर ने हर दिन इस विश्वास को अपने अंदर जिंदा रखा कि उन्हें देश के जुडिशियल सिस्टम पर विश्वास है. कितनी हिम्मत है उनमें कि वो आज भी लड़ रहे हैं.
राजश्री ने कहा- मैं बहुत शुक्रगुजार हूं कि मुझे ऐसा कैरेक्टर प्ले करने को मिला है. मैं नीलम कृष्णमूर्ती से दिल्ली में मिली थी. इस शो के रिलीज से पहले. उनकी सहमति मेरे लिए बहुत जरूरी थी. जब वो मुझसे मिलीं, तो उन्होंने मुझे गले लगा लिया और कहा कि तुमने मुझे ढूंढ लिया है. उन्हें हमारा शो बहुत अच्छा लगा. वो मेरे लिए रियल लाइफ हीरोज हैं. राजश्री ट्रायल बाय फायर के अलावा एंग्री इंडियन गॉडेस, सेक्सी दुर्गा, सेकरेड गेम्स जैसे प्रोजेक्ट्स का भी हिस्सा रही हैं. सेकरेड गेम्स में राजश्री के नवाजुद्दीन के साथ दिए न्यूड सीन के काफी चर्चे हुए थे. राजश्री एक सोशल वर्कर भी हैं.
(Photo Credit: Rajshri Deshpande Instagram)