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अल्लू अर्जुन: पहली फिल्म में लुक्स के लिए आलोचना झेलने वाला लड़का कैसे बना 'स्टाइलिश स्टार', फिर यूं मिला 'आइकॉन स्टार' नाम!

'स्टाइलिश स्टार' अल्लू अर्जुन का स्वैग मैच करना किसी भी एक्टर के लिए एक बहुत तगड़ा टास्क है. उनके लुक्स, डांस, एक्शन और फैशन हर चीज का फैन्स के बीच एक अलग क्रेज है. लेकिन हमेशा से ऐसा नहीं था. शुरुआत में लुक्स के लिए अल्लू अर्जुन की काफी आलोचना हुई थी. फिर उन्होंने कैसे बदली अपनी कहानी, आइए बताते हैं.

अल्लू अर्जुन (फोटो क्रेडिट: बंदीप सिंह) अल्लू अर्जुन (फोटो क्रेडिट: बंदीप सिंह)
सुबोध मिश्रा
  • नई दिल्ली ,
  • 08 अप्रैल 2023,
  • अपडेटेड 4:28 PM IST

एक लड़के के लिए जिस प्रेमिका की झलक मिलना 'अशर्फी' मिलने जितना कीमती रहा हो, उसकी जीवन-संगिनी बन जाना कितना कीमती पल होगा... दुनिया की किसी भी करंसी में ये नापना संभव नहीं है. फिल्म का हीरो इस पल को जी ही रहा था कि जैसे एक बवंडर आ गया. मंडप में बैठ चुके, मुस्कुरा रहे हीरो को याद दिलाया जाता है कि उसके राशन कार्ड पर पिता का नाम नहीं है. उसका जन्म 'नाजायज' रिश्ते से हुआ है. उसकी मां को बुरी तरह जलील किया जाता और जिस सपने को वो हथेलियों में सहेजे चल रहा था, उसे अपमान की चोट से चकनाचूर कर दिया जाता है.

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इस सारे बवंडर से अपनी घायल मां को लेकर निकला हीरो अस्पताल की बेंच पर बैठा याद कर रहा है कि उसकी मां ने एक आदमी से बेशर्त प्यार किया था. और सिर्फ इसी वजह से उसे बचपन से जलील किया जा रहा है. अब उसका खुद का प्यार अधूरा रह गया है. अपनी पहचान को अपराध की कमाई से बदलने निकले इस हीरो की आंखें, अब आंसू की जगह शोले बरसा रही हैं. वो कुहनी मोड़कर, हथेली उलटी करके अपनी गझिन दाढ़ी पर फिराता है और मानो फिल्म देख रही जनता के मन पर अपनी पहचान गोद देता है- 'पुष्पा... पुष्पराज... मैं झुकेगा नहीं ***'. अपनी पहचान पर उठे हर सवाल का जवाब अथाह स्वैग से देता ये हीरो 'स्टाइलिश स्टार' के नाम से जाना जाता है.

अल्लू अर्जुन (क्रेडिट: सोशल मीडिया)

फिल्म तो आप पहचान ही गए होंगे और इस हीरो का रोल करने वाले एक्टर का नाम तो जाने कबसे सुनते आ रहे होंगे. 1000 से भी ज्यादा फिल्मों में नजर आने वाले आइकॉनिक कॉमेडियन-एक्टर 'पद्म श्री' अल्लू रामलिंगय्या के पोते और बड़े तेलुगू फिल्म प्रोड्यूसर अल्लू अरविंद के बेटे- अल्लू अर्जुन. थिएटर्स में जिन लोगों ने अल्लू अर्जुन को 'पुष्पा' अवतार में देखा, वो पूरी उम्र के लिए उनके फैन हो गए. हिंदी पट्टी में उनके फैन्स पहले भी थे मगर 'पुष्पा' ने उनका स्टारडम किसी भी बॉलीवुड स्टार की टक्कर का बना दिया.

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अल्लू अर्जुन स्टार-किड थे, लेकिन उनकी शुरुआत इतनी तीखी आलोचनाओं के साथ हुई कि किसी भी न्यूकमर का दिल बैठ जाए. फिर अपनी 'स्टाइलिश स्टार' और एक नई इमेज को उन्होंने किस सिलसिलेवार तरीके से आकार दिया, ये उनके बारे में एक जरूर जानने लायक बात है. आइए बताते हैं...   

लुक्स के लिए हुई आलोचना 
अल्लू अर्जुन के लुक को देखकर बहुत से लड़कों ने 'स्टाइल' शब्द का मतलब सीखा है. इसलिए शायद ये सुनकर आपको यकीन न हो कि 2003 में जब अल्लू ने फिल्म 'गंगोत्री' से डेब्यू किया, तो उनके लुक्स और अपीयरेंस की काफी आलोचना हुई. एक रिव्यू में तो लिखा गया- 'लुक्स की बात करें तो अर्जुन बहुत एवरेज हैं.' इसी रिव्यू की एक लाइन में लिखा था कि 'उन निकर्स में वो बहुत अजीब लग रहे थे.' फिल्म को क्रिटिक्स और जनता दोनों ने कुछ खास पसंद नहीं किया. 

'गंगोत्री' में अल्लू अर्जुन (क्रेडिट: सोशल मीडिया)

 
दूसरी ही फिल्म से बदला स्टाइल 
2004 में अल्लू की दूसरी फिल्म 'आर्य' रिलीज हुई. इस फिल्म में अल्लू को देखकर लोगों के मुंह खुले रह गए. फिल्म में शर्ट्स गायब थीं, और उनकी जगह कूल-सी टीशर्ट्स थीं. पैंट्स का स्टाइल बदला हुआ था और अल्लू का हेयरस्टाइल तो फिल्म के बाद यंग फैन्स में खूब चला. ये वही अल्लू थे जिन्हें डेब्यू फिल्म के बाद 'नॉट सो गुड लुकिंग' (बहुत अच्छा नहीं दिखता) कहा गया था. मगर 'आर्य' से उनका स्वैग और स्टाइल यंग जनता को भाने लगा. ये अल्लू अर्जुन की पहली बड़ी हिट फिल्म बनी. फिल्म के एक रिव्यू में कहा गया, 'ये हीरो अल्लू अर्जुन को एक नई पहचान देती है.' 

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'आर्य' में अल्लू अर्जुन (क्रेडिट: सोशल मीडिया)

 
तेलुगू फिल्मों में पहली बार आए सिक्स पैक ऐब्स
पहली दो फिल्मों में ड्रामा और रोमांस करते नजर आ चुके अर्जुन, 'बनी' (2005) और 'हैप्पी' (2006) में कॉमेडी के साथ तेलुगू फिल्मों के स्टार्टअप कोर्स वाला एक्शन करते नजर आए थे. ये दोनों फिल्में भी चलीं और इसके लिए अल्लू अर्जुन के डांस और स्टाइल को भी क्रेडिट मिला था. मगर उनके स्टाइल के मामले में एक बहुत बड़ी फिल्म थी 2007 में आई 'देसमुदुरु' (हिंदी टाइटल- एक ज्वालामुखी). इस फिल्म में जर्नलिस्ट का रोल निभा रहे अर्जुन ने लंबे बाल रखे और सिक्स पैक ऐब्स के साथ स्क्रीन पर नजर आए. तेलुगू सिनेमा ने इस फिल्म में पहली बार सिक्स-पैक ऐब्स वाला हीरो स्क्रीन पर देखा. इस स्टाइल ने स्क्रीन पर तो आग लगाई ही, ऑफ स्क्रीन भी यंग लड़कों ने एक बार फिर अल्लू का लुक कॉपी करना शुरू कर दिया. 

'देसमुदुरु' में अल्लू अर्जुन (क्रेडिट: सोशल मीडिया)

कॉमेडी से किया इम्प्रेस 
अपने इंटरव्यूज में अर्जुन ने कई बार एक बात दोहराई है कि वो 'एक्टर' से ज्यादा 'स्टार' बनना चाहते हैं. स्टारडम किसी पहुंचे हुए जादूगर के सबसे कामयाब जादू जैसा है. इसके सेटअप और तैयारियों पर जमकर बात हो सकती है. लेकिन वो क्या चीज होती है जो जनता को मंत्रमुग्ध कर देती है, ये एकदम सटीक रूप से कोई नहीं बता सकता. हालांकि, ये शर्त पूरी करना मायने रखता है कि आप एक बार जहां चूक चुके हों, वहां अगली बार अपना झंडा बुलंद कर दें. और अल्लू अर्जुन ने फैन्स का फेवरेट 'स्टाइलिश स्टार' बनने में ये शर्त हर बार न सिर्फ पूरी की, बल्कि हर बार पिछली बार से बेहतर भी किया.

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इंडियन फिल्मों में स्टार बनने की एक जरूरी शर्त कॉमेडी भी होती है. अपनी शुरूआती फिल्मों में अल्लू अर्जुन ने कॉमेडी करने की जो कोशिशें कीं, उन्हें बहुत खास पसंद नहीं किया गया. उनकी कॉमिक टाइमिंग 'थोड़ी ऑफ' कही गई. लेकिन 2009 में जब 'आर्य 2' (हिंदी डब टाइटल- आर्य एक दीवाना) रिलीज हुई तो फैन्स ही नहीं, क्रिटिक्स भी उनकी कॉमेडी के फैन हो गए. 

'आर्य 2' में अल्लू अर्जुन (क्रेडिट: सोशल मीडिया)

एक्टिंग पर शक का जवाब 
'जहां तक एक्टिंग की बात है, अर्जुन को अभी बहुत लंबा सफर तय करना है...' अल्लू की पहली फिल्म के रिव्यू में ये एक बात कही गई थी. स्टाइल, बॉडी और कॉमेडी में खुद को मजबूत करने के बाद अब अर्जुन ने इस आलोचना का भी जवाब दिया. 2010 में रिलीज हुई 'वेदम' (हिंदी में- अंतिम फैसला) देखने के बाद क्रिटिक्स उनके काम की तारीफ किए बिना नहीं रह सके. 26/11 के मुंबई हमले से प्रेरित इस फिल्म में अर्जुन ने 'केबल राजू' का किरदार निभाया, जो अपनी पत्नी को वापस लाने के लिए किसी भी हद तक जा सकता था. अल्लू अर्जुन की एक्टिंग तो इस फिल्म से हाईलाइट हुई ही, मगर उनके डांस को खास तौर पर सराहा गया.  

'वेदम' में अल्लू अर्जुन (क्रेडिट: सोशल मीडिया)

डांस में काम आई बचपन की जिम्नास्टिक्स ट्रेनिंग! 
यंग बॉलीवुड स्टार टाइगर श्रॉफ के डांस का फैन्स में जबरदस्त क्रेज है. डांस में उनके शानदार होने की एक वजह जिम्नास्टिक्स ट्रेनिंग भी है. लेकिन क्या आपको पता है कि अल्लू अर्जुन ने भी कम उम्र से ही जिम्नास्टिक की ट्रेनिंग की थी? ये बात उन्होंने खुद कई जगह बताई है. अर्जुन ने ये भी कहा कि इस ट्रेनिंग की वजह से उनके डांस मूव बहुत स्मूथ होते हैं, मगर गानों के हिसाब से वो डांस के लिए भी ट्रेनिंग लेते रहते हैं. 

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एक्शन में एक नई पहचान
एक पक्का तेलुगू स्टार बिना एक्शन किए पूरा ही नहीं हो सकता. 2010 तक अल्लू अर्जुन ने फिल्मों में जो भी एक्शन सीन किए वो पसंद तो किए जा रहे थे मगर उनके खाते में एक धमाकेदार एक्शन फिल्म की कमी थी. ये कमी पूरी हुई 2011 में रिलीज हुई 'बद्रीनाथ' (हिंदी डबिंग टाइटल- संघर्ष और विजय) से. फिल्म में अर्जुन ने एक मॉडर्न समुराई का किरदार निभाया. उस समय ये उनके करियर की सबसे बड़े बजट वाली फिल्म थी.

एक इंटरव्यू में अर्जुन ने बताया कि अपने इस किरदार की तैयारी के लिए उन्होंने दो महीने विएतनाम में रहकर मार्शल आर्ट्स की ट्रेनिंग ली. उन्होंने कहा, 'मुझे फील हो रहा है कि मेरी बॉडी इतनी अच्छी कभी नहीं लगती थी.' एक बार फिर अर्जुन की फिल्म, साल की सबसे बड़ी तेलुगू हिट्स में शामिल हुई.

'बद्रीनाथ' में अल्लू अर्जुन (क्रेडिट: सोशल मीडिया)

मिलिट्री मैन बनने के लिए फिर ली ट्रेनिंग
आलू अर्जुन की जो फिल्में हिंदी में भी खूब पॉपुलर हैं, उनमें 'सूर्या द सोल्जर' (ऑरिजिनल तेलुगू टाइटल- ना पेरु सूर्या) भी शामिल है. फिल्मों में अपने हर रोल के लिए मेहनत करने वाले अर्जुन ने इस बार एक मिलिट्री मैन का किरदार निभाया. इसके लिए वो ट्रेनिंग लेने अमेरिका गए और लौटे तो सोल्जर जैसी बॉडी लेकर.   

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'ना पेरु सूर्या' में अल्लू अर्जुन (क्रेडिट: सोशल मीडिया)

और एक नया नाम! 
कोविड 19 और लॉकडाउन की उदासी थिएटर्स में अब भी घर किए हुए थी. हिंदी ही नहीं, तमिल, कन्नड़, मलयालम और देशभर की सभी फिल्म इंडस्ट्रीज स्ट्रगल कर रही थीं. और यही हाल तेलुगू इंडस्ट्री का भी था, जो पिछले कुछ सालों से लगातार देश की सबसे बड़ी फिल्म इंडस्ट्री बनने के लिए बॉलीवुड से होड़ कर रही थी. हिंदी के बाद अगर किसी और भाषा में सबसे ज्यादा 300-400 करोड़ वाली फिल्में आती हैं, तो वो तेलुगु इंडस्ट्री है. 2021 का दिसंबर शुरू हो चुका था. लेकिन फिर भी ट्रेड एक्सपर्ट्स को तेलुगू इंडस्ट्री से बहुत उम्मीदें थीं. क्योंकि अल्लू अर्जुन की फिल्म 'पुष्पा: द राइज' अभी रिलीज होनी बाकी थी. 

'स्टाइलिश स्टार' का टैग अर्जुन को उनके फैन्स ने दिया था. बताया जाता है कि इस टैग का पूरा सम्मान करते हुए अर्जुन भी अपने ऑटोग्राफ साइन करते हुए साथ में अपना ये टाइटल लिख देते थे. मगर 'पुष्पा' के साथ एक छोटी सी दिक्कत थी. इस फिल्म में उनका लुक बहुत रॉ और देसी था. इसमें स्वैग भले जोरदार था, लेकिन कोई ग्लैमर या स्टाइल स्टेटमेंट नहीं था. अर्जुन के साथ उनकी पहली फिल्म 'गंगोत्री' में काम कर चुके डायरेक्टर सुकुमार ही 'पुष्पा' भी बना रहे थे. उन्होंने कहा कि इस नई फिल्म से अर्जुन ने अपनी इमेज पूरी तरह बदल ली है और अब वो उन्हें 'स्टाइलिश स्टार' नहीं बुलाने वाले. सुकुमार ने कहा, 'तुम जो भी करते हो आइकॉनिक बन जाता है. तो तुम्हें आइकॉन स्टार क्यों न कहा जाए?'  

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'पुष्पा 2' से अल्लू अर्जुन का लुक (क्रेडिट: सोशल मीडिया)

नया टाइटल, नया धमाका! 
17 दिसंबर, शुक्रवार को 'पुष्पा' थिएटर्स में रिलीज हुई और फिर से उस तरह की दीवानगी की खबरें आने लगीं जिसके लिए तेलुगू ऑडियंस को जाना जाता है. कहीं फैन्स ने रुबिक क्यूब से 'पुष्पा' का एक पोस्टर बनाया था, तो कहीं थिएटर्स के बाहर दिवाली मनाई जा रही थी. अल्लू अर्जुन के पोस्टर के 'दुग्धाभिषेक' यानी दूध से नहलाने के वीडियो तो देशभर में कई जगहों से आ रहे थे. एक वायरल विडियो तो अल्लू अर्जुन के फैनडम की इन्तेहा था... इसमें एक फैन अपना अंगूठा काटकर, खून से अल्लू के 'पुष्पा' वाले पोस्टर पर तिलक कर रहा था! फैन्स का फेवरेट 'स्टाइलिश स्टार' अब 'आइकॉन स्टार' बन चुका था और इस बार पूरे इंडिया में फैन्स उसके दीवानेपन में डूबे हुए थे.

 

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