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'मत सोचो रातोरात सुपरस्टार बन जाओगे', प्रतीक गांधी से तुलना पर क्यों बोले तेलगी?

प्रतीक गांधी संग तुलना पर तेलगी अका गगन देव रियार कहते हैं, 'मैंने कभी अपनी जिंदगी में इनसिक्यॉर महसूस किया ही नहीं है. मैं काम को लेकर भी किसी जल्दी में नहीं हूं.'

गगन देव रियार गगन देव रियार
नेहा वर्मा
  • मुंबई,
  • 09 सितंबर 2023,
  • अपडेटेड 8:45 AM IST

स्कैम 2003 में तेलगी का किरदार निभा रहे गगन देव रियार की तुलना स्कैम 1992 के प्रतीक गांधी से हो रही है. दरअसल हंसल मेहता के इस प्रोजेक्ट ने थिएटर से आए प्रतीक गांधी की करियर को एक नई दिशा दी थी. सीरीज के रिलीज होने से पहले ही इनके कंपैरिजन की बातें सोशल मीडिया पर तेजी से चल रही थीं. 

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प्रतीक संग अपने कंपैरिजन पर गगन कहते हैं, जब यह प्रोजेक्ट मुझे ऑफर किया गया था. मेरे जेहन में यह बात चल रही थी. प्रतीक ने बेहतरीन काम किया था. जाहिर सी बात है, कहीं न कहीं यह तुलना वाली बात तो जरूर आएगी ही. इसी बीच जब शूटिंग शुरू हुई, तो खुद हंसल सर ने यह प्रेशर मेरा पहले से ही रिलीज करा दिया था. उन्होंने कहा था कि तुम अलग किरदार कर रहे हो. ये मत सोचना कि वो प्रतीक वाली स्कैम 1992 कितनी बड़ी रही है..या तुम रातोरात सुपरस्टार बन जाओगे. बिलकुल टेंशन फ्री होकर तुम इमानदारी से अपना काम करना. मुझे यकीन है कि तुम बहुत अच्छा करोगे इसलिए अपनी कला पर भरोसा रखो. बस दिल लगाकर काम करो. बाकी हम संभाल लेंगे. 

मैं इनसिक्यॉर महसूस नहीं करता हूं

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गगन एक लंबे समय से थिएटर में एक्टिव हैं, लेकिन फिल्मों में सक्रियता खास नहीं रही है. इसके जवाब पर गगन कहते हैं- वो कहते हैं न शेर को जब भूख लगती है, तब वो शिकार पर निकलता है. मेरा हाल भी कुछ ऐसा ही है. दरअसल मैंने अभी तक कुछ प्लान किया नहीं है. अभी भी कहूं, तो मेरे पास कोई और प्रोजेक्ट नहीं है. अब यहां से सोचूंगा कि अब आगे क्या करना है.

तेगली के बाद से लोगों की उम्मीदें बढ़ गई हैं. मैं वक्त लेकर काम करने पर यकीन करता हूं. एक वक्त में एक चीज पर फोकस होता है. मैं किसी जल्दबाजी में हूं भी नहीं. मैं किसी रेस में नहीं हूं, और मुझे कहीं भाग कर पहुंचना नहीं है. मैं इस जर्नी के प्रॉसेस को एन्जॉय करना चाहता हूं. मैं इनसिक्योर कभी हुआ नहीं. मुझे ऐसा विश्वास है कि ईमानदारी से काम करता जाऊंगा, तो काम मिलेगा. मेरी करियर के साथ ऐसा ही होता आया है. हां, फाइनैंसियल इनसिक्योरिटी को लेकर कैलकुलेट करता रहता हूं. मैं सोचता हूं कि इतने पैसे में अभी कितने महीने घर पर खाली बैठकर निकल जाएंगे. फिर जब दिक्कत सताती है, तो नया प्रोजेक्ट तबतक आ ही जाता है. 

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