
रॉकिंग स्टार यश के अगले प्रोजेक्ट का इंतजार जनता पिछले साल से ही कर रही है. आखिरी बार 'KGF चैप्टर 2' में नजर आए यश को लोग जल्दी से जल्दी फिर से धांसू सी फिल्म में देखने का इंतजार कर रहे थे. लेकिन यश ने अपना वक्त लिया और फाइनली उन्होंने अपना नया प्रोजेक्ट अनाउंस कर दिया है.
यश की 19वीं फिल्म की ऑफिशियल अनाउन्समेंट शुक्रवार को सामने आई. उनके इस प्रोजेक्ट का नाम है 'टॉक्सिक' और इस बार उन्हें मलयालम डायरेक्टर गीतू मोहनदास डायरेक्ट करने वाली हैं. फिल्म की अनाउंसमेंट में, कहानी से जुड़ी कोई डिटेल सामने नहीं आई, लेकिन स्केच के स्टाइल में यश के किरदार की कुछ झलकियां इस अनाउंसमेंट वीडियो में हैं.
'टॉक्सिक' के बारे में सामने आईं रिपोर्ट्स बता रही हैं कि ये भी एक गैंगस्टर ड्रामा ही है. फिल्म की टैगलाइन है- 'बालिग हो चुके लोगों के लिए एक परी कथा'. फिल्म का पोस्टर सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए मेकर्स के वी एन प्रोडक्शन्स ने लिखा, 'अराजकता एक पुरुष है और आप चाहते हैं कि वो बुरा हो!' 'टॉक्सिक' की अनाउंसमेंट की टाइमिंग बहुत कमाल की है. यश की फिल्म उस समय अनाउंस हुई है जब रणबीर कपूर की गैंगस्टर ड्रामा फिल्म 'एनिमल' थिएटर्स में आग लगा रही है.
रणबीर की फिल्म कमाई तो जमकर कर रही है, मगर इसकी आलोचना भी बहुत हो रही है. फिल्म में रणबीर के अल्फा-मेल किरदार को महिला विरोधी बताकर क्रिटिक्स, सेलेब्रिटीज और आम जनता ने भी इसे लेकर सोशल मीडिया पर काफी कुछ लिखा है. जहां 'एनिमल' देखकर की बहुत सारी बातें लोगों को खटक रही हैं, वहीं 'टॉक्सिक' में एक ऐसी चीज है जो गैंगस्टर फिल्मों को पूरी तरह बदल सकती है. कैसे? आइए बताते हैं...
बदलती नजर का फर्क
सिनेमा के पर्दे पर आए अधिकतर गैंगस्टर किरदार पुरुष डायरेक्टर्स या पुरुष लेखकों के गढ़े हुए हैं. जाहिर सी बात है कि उनका बर्ताव, एटिट्यूड और रिएक्शन हाइपर-मेल नजरिए से आते हैं. और इस नजर से गड़े गए किरदारों का बर्ताव उनके मर्द होने को बढ़ा-चढ़ा कर दिखाने पर फोकस करता है. लेकिन मर्दानगी को हाईलाइट करने के चक्कर में इस तरह के किरदार अक्सर महिला किरदारों को नीचा दिखाने लगते हैं.
फिल्म के ट्रीटमेंट में यही समस्या बहुत सारे लोगों को 'एनिमल' के रणविजय सिंह (रणबीर कपूर) में परेशान कर रही है. इसे समझने के लिए एक बहुत कॉमन, छोटा सा उदाहरण ये है कि लड़ाई के लिए ललकारते पुरुष किरदार अक्सर कहते पाए जाते हैं- 'मैंने चूड़ियां नहीं पहनीं.' जैसे चूड़ियां पहनने से युद्ध कौशल में कोई कमी आ जाती है! गीतू मोहनदास का 'टॉक्सिक' डायरेक्ट करना इस एक बहुत महत्वपूर्ण चीज को बदल सकता है.
गीतू की जेंडर पॉलिटिक्स को मिली है खूब सराहना
यश को डायरेक्ट करने जा रहीं गीतू मोहनदास एक ऐसी डायरेक्टर हैं जिन्हें क्रिटिक्स से बहुत तारीफ मिली है. उनकी मलयालम फिल्म 'मूथुन' को, किरदारों की जेंडर पॉलिटिक्स के लिए बहुत सराहना मिली थी. जिस तरह उन्होंने अपनी फिल्म में किरदारों के जेंडर और उनकी सेक्सुअलिटी को पेश किया था, वो एक पहले से तयशुदा नियम तोड़ने वाली चीज थी.
बॉलीवुड से लेकर साउथ की चारों बड़ी इंडस्ट्रीज तक इस समय कई फीमेल डायरेक्टर्स सिनेमा में शानदार काम कर रही हैं. हिंदी फिल्म इंडस्ट्री से देखें तो मेघना गुलजार, कोंकणा सेनशर्मा, जोया अख्तर, गौरी शिंदे, अश्विनी अय्यर तिवारी और जसमीत के. रीन जैसे नाम लगातार कमाल कर रहे हैं.
इन सभी की फिल्मों में ऐसे पुरुष किरदार मिलते हैं जो खुद मर्दानगी साबित करते रहने के बोझ से दबे हुए लगते हैं. आपको उनसे सहानुभूति होती है. जबकि इनकी फिल्मों में ऐसे किरदार मिलते हैं जो 'मर्दानगी' जैसे किसी पैमाने में यकीन ही नहीं करते, वो सिर्फ एक इंसान होकर खुश हैं. महिला डायरेक्टर्स की फिल्मों से कुछ बड़े शानदार पुरुष किरदार निकलकर आते हैं. बॉलीवुड की इन महिला डायरेक्टर्स की बनाई फिल्मों में कॉमेडी, फैमिली ड्रामा, सोशल कनफ्लिक्ट और थ्रिलर-सस्पेंस तो दिखता ही रहा है, मगर अभी तक गैंगस्टर ड्रामा के मामले में इधर से कोई यादगार काम नहीं देखने को मिला है.
क्या बदल सकती है 'टॉक्सिक'?
'KGF' फ्रैंचाइजी में यश का निभाया रॉकी भाई का किरदार, हमारे दौर के सबसे बड़े अल्फा-मेल किरदारों में से एक है. इस समय जनता उन्हें फिल्मी मर्दानगी के नए से नए लेवल पर देखने के लिए तैयार है. ऊपर से गैंगस्टर का किरदार ही ऐसा है कि वो मर्दानगी की मूरत माना जाता है.
ऐसे में गीतू की नई नजर, 'टॉक्सिक' में यश के गैंगस्टर किरदार को किस विजन के साथ लेकर आएगी ये देखना अपने आप में एक बहुत दिलचस्प बात होगी. ऊपर से एक्शन फिल्म को हमेशा से एक प्रो-मर्दानगी वाली चीज माना जा रहा है. जब एक्ट्रेसेज इस नोशन को तोड़ती हैं और पर्दे पर धुआंधार एक्शन करती हैं, तो इस अनकहे नियम का टूटना फिल्म को और शानदार बना देता है. जैसे 'पठान' में दीपिका पादुकोण को ही देख लीजिए. और अगर महिला डायरेक्टर की नजर से निकला गैंगस्टर किरदार पर्दे पर भौकाल मचा दे, तब तो कमाल ही अलग होगा!
एक दमदार गैंगस्टर एक्शन फिल्म इस नोशन का तो जवाब देगी ही कि महिला डायरेक्टर एक्शन फिल्में नहीं बना सकतीं. बल्कि, एक गैंगस्टर के किरदार को इसे जो शेड मिलेंगे वो यकीनन बहुत मजेदार होने वाले हैं.