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Gujarat Panchayat Aajtak: कार्यक्रम में लोग इतना पैसा बरसाते हैं, उसका क्या करते हैं? कीर्तिदान गढ़वी ने खोला राज

Gujarat Panchayat Aajtak: गुजरात चुनाव के सबसे बड़े सियासी मंच पंचायत आजतक पर सिर्फ राजनीति पर ही चर्चा नहीं हुई है बल्कि गरबा किंग कहे जाने वाले कीर्तिदान गढ़वी ने भी अपने संगीत से चार चांद लगाने का काम किया है. उन्होंने अपनी जिंदगी का एक बड़ा राज भी इसी मंच पर खोला.

कीर्तिदान गढ़वी कीर्तिदान गढ़वी
aajtak.in
  • अहमदाबाद,
  • 15 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 3:51 PM IST

गुजरात चुनाव के सबसे बड़े सियासी मंच पंचायत आजतक पर सिर्फ राजनीति पर ही चर्चा नहीं हुई है बल्कि गरबा किंग कहे जाने वाले कीर्तिदान गढ़वी ने भी अपने संगीत से चार चांद लगाने का काम किया है. उनके साथ मशहूर कॉमेडियन और एक्टर ओजस रावल ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई और लोगों को हंसाने के साथ एक बड़ी सीख भी दी.

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उड़ाए गए पैसों का क्या होता है, पता चल गया

अब एक सवाल सभी के मन में आता है कि कीर्तिदान गढ़वी जब गाना गाते हैं, तब कार्यक्रम में उन पर पैसों की खूब बरसात होती है. लेकिन आखिर उन पैसों का होता क्या है? उन पैसों को कीर्तिदान गढ़वी अपने साथ ले जाते हैं या फिर वो किसी और के पास जाते हैं? अब सिंगर आजतक के पंचायत मंच पर इस राज से पर्दा उठा दिया है. उन्होंने बताया है कि वे कभी भी उन पैसों को अपने साथ लेकर नहीं जाते हैं. ये एक ऐसी परंपरा है जिसका पालन वे शुरुआत से कर रहे हैं. जो पैसे कार्यक्रम में फेंके जाते हैं, उन्हें मंदिर में दान कर दिया जाता है, गायों पर भी उनका खर्च होता है.

कीर्तिदान गढ़वी के मुताबिक अब तक उन्हीं पैसों में से 100 करोड़ के करीब सिर्फ गायों के उत्थान में खर्च कर दिए गए हैं. मंदिरों के विकास पर भी पैसों को खर्च किया गया है. वे इस बात पर भी जोर देते हैं कि वे कोई गरबा के बादशाह नहीं है. बादशाह सिर्फ ऊपर वाला भगवान हैं. वे सिर्फ अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं और लोगों के चेहरे पर मुस्कान लाते हैं. 

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ओजस रावल का संघर्ष प्रेरणा देने वाला

अब कीर्तिदान गढ़वी ने तो अपना अनुभव साझा किया ही, एक्टर ओजस रावल ने भी अपने संघर्ष को दुनिया के सामने रखा. उन्होंने बताया कि लोगों को उनकी सफलता तो दिख जाती है, लेकिन ये बात कोई नहीं जानता कि उन्होंने एक ऑफिस बॉय के रूप में अपने करियर की शुरुआत की थी. तब उन्हें सिर्फ ऑफिस के बाहर बैठना होता था. चाय बनानी होती थी, बॉस के ऑफिस में होने या ना होने की जानकारी दूसरों को देनी होती थी. रावल ने जोर देकर कहा कि अगर आज की युवा पीढ़ी संघर्ष को गले लगाने का काम करेगी तो सही समय आने पर उन्हें सफलता जरूर मिलेगी.

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