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India Today Conclave East 2021: 'अगर लोगों से सत्यजीत रे के बारे में पूछते हैं तो उनका ज्ञान काफी धुंधला है': श्रीजीत मुखर्जी

श्रीजीत मुखर्जी ने कहा कि अगर आप लोगों से सत्यजीत रे के बारे में पूछते हैं तो उनका ज्ञान काफी धुंधला है. बहुत से लोग तो जानते ही नहीं है कि कौनसी फिल्में उन्होंने डायरेक्ट की. इंटरनेशनल स्टैज पर उन्होंने इंडिया को कैसे सम्मान दिलाया.

सत्यजीत रे सत्यजीत रे
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 12 फरवरी 2021,
  • अपडेटेड 2:11 PM IST

इंडिया टुडे कॉन्क्लेव ईस्ट 2021 में फिल्म निर्देशक श्रीजीत मुखर्जी, एक्टर सब्यसाची चक्रवर्ती, एक्टर टोटा रॉय चौधरी शामिल हुए. उन्होंने REEL RECALL: Satyajit Ray: The enigma of a legend सेशन में शिरकत की. यहां उन्होंने निर्देशक सत्यजीत रे और उनके काम को याद किया. 

क्या बोले श्रीजीत मुखर्जी?
 
यहां श्रीजीत मुखर्जी ने कहा, 'इंटरनेशन और रिजनल लेवल पर हम सत्यजीत रे को सेलिब्रेट करते हैं. लेकिन अगर हम नेशनल लेवल पर बात करें तो अपने सत्यजीत रे को उतना सेलिब्रेट नहीं किया. अगर आप लोगों से सत्यजीत रे के बारे में पूछते हैं तो उनका ज्ञान काफी धुंधला है. बहुत से लोग तो जानते ही नहीं है कि कौनसी फिल्में उन्होंने डायरेक्ट की. इंटरनेशनल स्टैज पर उन्होंने इंडिया को कैसे सम्मान दिलाया. अगर आप हिंदी फिल्म नहीं करते हैं तो तो आपको इंडियन नेशनल फिल्म डायरेक्टर के तौर पर कंसीडर नहीं किया जाता. ऐसा परसेप्शन है कि इंडिया=बॉलीवुड.' 

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वहीं फिक्शनल कैरेक्टर फेलुदा पर बात करते हुए सब्यसाची चक्रवर्ती ने कहा- फेलुदा की कई किताबों को फ्रैंच, इटालियन, जापानी सहित कई भाषाओं में ट्रांसलेट किया गया. हो सकता है कि उन्हें उतनी पॉपुलैरिटी नहीं मिली हो, लेकिन राइटिंग काफी लोगों के बीच पहुंची. मैंने हमेशा कहा कि हमारे पास एक फेलुदा का संग्रहालय होना चाहिए. सबसे बड़ी परेशानी की बात ये है कि हमारे पास सत्यजीत रे के लिए भी संग्रहालय नहीं है. हमें पहले सत्यजीत रे पर एक संग्रहालय बनाना चाहिए फिर बाद में हम फेलुदा के बारे में सोच सकते हैं.  

बता दें कि शशि कपूर ने Kissa Kathmandu Mein में फेलूदा का रोल किया. उन्होंने इसके साथ न्याय किया. पूरे देश में इसकी सराहना हुई. बता दें कि फेलुदा एक फिक्शनल कैरेक्टर है, जिसे सत्यजीत रे में बनाया था.

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वहीं एक्टर टोटा रॉय चौधरी इस बारे में बात करते हुए कहा- 'फेलुदा स्वभाव से बंगाली हैं. मैंने अंग्रेजी में अनुवादित एक पुस्तक को पढ़ा और सार खो गया.'  

 

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