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काली पोस्टर विवाद: डायरेक्टर लीना ने लगाई सुप्रीम कोर्ट से गुहार, FIR हटाने की मांग, बताया- दी गई धमकी

इस विरोध को देखते हुए लीना ने अपने खिलाफ दर्ज किए गए मामलों में संरक्षण की मांग की है. लीना ने अदालत से अपील की है कि फिल्म काली के पोस्टर के कारण उनके खिलाफ दर्ज सभी एफआईआर को जोड़कर रद्द कर दिया जाए. लीना ने अपनी याचिका मे दलील दी है कि उसने किसी भी व्यक्ति की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का प्रयास नहीं किया है.

काली पोस्टर विवाद: लीना मणिमेकलई काली पोस्टर विवाद: लीना मणिमेकलई
संजय शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 15 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 2:52 PM IST

देवी काली के विवादित पोस्टर बनाने वाली फिल्म डायरेक्टर लीना मणिमेकलई ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर अपने खिलाफ दर्ज मुकदमे को रद्द करने की मांग की है. फिल्म 'काली' के पोस्टर को लेकर पूरे देशभर में इतना विवाद हुआ कि कई हिस्सों में फिल्म और इसकी निर्माता लीना मणिमेकलई को लेकर एफआईआर दर्ज करवाई गई थी. अब खुद फिल्म की निर्माता लीना ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. 

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काली पोस्टर पर विवाद
दरअसल, लीना ने देवी काली को हिंदू देवता के शीर्षक वाली डॉक्यूमेंट्री के एक पोस्टर में सिगरेट पीते हुए दिखाया है. लीना की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में काली शीर्षक वाली उनकी डॉक्यूमेंट्री के पोस्टर को लेकर विभिन्न राज्यों में उनके खिलाफ दर्ज सभी एफआईआर को रद्द करने की मांग की गई है. डॉक्यूमेंट्री के पोस्टर के खिलाफ दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड में लीना के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है.

लीना को मिली धमकी
इस विरोध को देखते हुए लीना ने अपने खिलाफ दर्ज किए गए मामलों में संरक्षण की मांग की है. लीना ने अदालत से अपील की है कि फिल्म काली के पोस्टर के कारण उनके खिलाफ दर्ज सभी एफआईआर को रद्द कर दिया जाए. लीना ने अपनी याचिका मे दलील दी है कि उसने किसी भी व्यक्ति की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का प्रयास नहीं किया है. लीना ने दावा किया है कि डॉक्यूमेंट्री के पोस्टर को ट्वीट करने के बाद उनके और उनके परिवार के खिलाफ धमकी भरे फोन भी आए थे.

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20 जनवरी को होगी सुनवाई

लीना ने बताया कि, उनका मोटिव सिर्फ एक मौलिक समावेशी देवी की छवि को पेश करना था. यह डॉक्यूमेंट्री देवी के व्यापक विचारों को दर्शाती है. अब लीना ने अपने खिलाफ हर प्रदेश की जिला अदालतों में चल रही कार्यवाही को चुनौती दे डाली है. लीना का कहना है कि उनके खिलाफ दर्ज कराई गईं ये एफआईआर उनके उत्पीड़न, बोलने के अधिकार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता जैसे मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है. अब इस मामले पर 20 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की जाएगी. 

लीना की डॉक्यूमेंट्री पर छिड़े विवाद को देखते हुए ट्विटर ने भी पोस्टर को प्लेटफॉर्म से हटा दिया था. पोस्टर में मां काली के एक हाथ में सिगरेट दिखा दी थी तो दूसरे हाथ में LGBTQ समुदाय का झंडा था. इस मामले में लीना को समन भी जारी किया गया था. 

 

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