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कमल हासन को नहीं पसंद 'टॉलरेंस' का कॉन्सेप्ट, बोले 'बर्दाश्त सिरदर्द को किया जाता है, दोस्तों को नहीं'

कमल ने बताया कि पहली 'हिंदुस्तानी' फिल्म से अब थोड़े असहमत भी हैं क्योंकि वैसा कभी नहीं हो सकता. वो तरीका भ्रष्टाचार की समस्या का समाधान नहीं है, वो बस एक राह चलते आदमी का सपना है. लोग उम्मीद करते हैं कि वैसा हो जाए. मगर ये हो नहीं सकता.

'हिंदुस्तानी' में कमल हासन 'हिंदुस्तानी' में कमल हासन
तुषार जोशी
  • मुंबई,
  • 28 जून 2024,
  • अपडेटेड 2:00 PM IST

वेटरन इंडियन एक्टर कमल हासन की फिल्म 'हिंदुस्तानी 2' का ट्रेलर हाल ही में रिलीज हुआ. भ्रष्टाचार के खिलाफ खड़े होने के आईडिया पर बनी इस फिल्म का पहला पार्ट, 'हिंदुस्तानी' 1996 में रिलीज हुआ था. नई फिल्म के पोस्टर पर लिखा है 'जीरो टॉलरेंस'. 

अब इंडिया टुडे के साथ एक बातचीत में कमल हासन ने बताया है कि रियल लाइफ में किन चीजों को लेकर वो 'जीरो टॉलरेंस' रखते हैं. कमल ने कहा कि उन्हें 'टॉलरेंस' का कॉन्सेप्ट ही नहीं पसंद, खासकर हिंदू-मुस्लिम कम्युनिकेशन में. उन्होंने ये भी बताया कि 'हिंदुस्तानी' फिल्म से उन्होंने क्या सीखा है. 

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समुदायों को दोस्तों की तरह रहना चाहिए 
एक खास बातचीत में कमल ने टॉलरेंस पर बात करते हुए कहा, 'टॉलरेंस पर मेरी सोच थोड़ी अलग है. मैं मिस्टर मोहनदास करमचंद गांधी का बहुत बड़ा फैन हूं. और जब ये कहा जाता है कि 'टॉलरेट कीजिए' तो मुझे अच्छा नहीं लगता, खासकर हिंदू-मुस्लिम कम्युनिकेशन में. आप बर्दाश्त करते क्या हैं? सिरदर्द को बर्दाश्त किया जाता है, दोस्तों को नहीं. इसलिए मुझे लगता है कि समुदायों को दोस्तों की तरह एक दूसरे को स्वीकार करना चाहिए.' 

कमल ने आगे कहा, 'मैं टॉलरेंस के लिए ही जीरो टॉलरेंस रखता हूं. बिल्कुल भी बर्दाश्त मत कीजिए. टॉलरेंस को बिल्कुल टॉलरेट मत कीजिए. उसे स्वीकार कीजिए. या तो अस्वीकार कीजिए या कहिए कि मैं स्वीकार नहीं कर सकता. लेकिन बर्दाश्त मत करते रहिए, क्योंकि वो जख्म को और गहरा कर देता है, जो 75 साल बाद भी भारत में हो रहा है. हर बार गलत तरीके से यूज होने वाली, इस टॉलरेंस जैसी झूठी चीज को लेकर मुझमें जीरो टॉलरेंस है.' 

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भ्रष्टाचार का समाधान लोग कैसे करेंगे?
'हिंदुस्तानी 2' रिलीज होने से पहले कमल हासन फिल्म के लिए कैम्पेन में जुट चुके हैं. उनकी फिल्म 'कल्कि 2898 AD'   भी थिएटर्स में पहुंच चुकी है और धमाल मचा रही है. फिल्म में कमल के काम को क्रिटिक और जनता दोनों से जमकर तारीफ कर रहे हैं. 

जब कमल से पूछा गया कि 'हिंदुस्तानी' में उनके किरदार, सेनापति ने उन्हें क्या सिखाया है? तो उन्होंने जवाब में कहा, 'अवॉर्ड और रिवॉर्ड से हटकर, एक तरह की शांति है जो इस किरदार ने मुझे दी है. क्योंकि एक साझा गुस्सा है तो है ही जो फटने के लिए तैयार है. इस तरह के आउटलेट (जैसे फिल्में) देखकर उन्हें (ऑडियंस को) समझ आएगा कि ये सही तरीका नहीं है. दूसरे रास्ते भी हैं, लेकिन आपको उन्हें अपने जीवन में अपनाना होगा. ना कि किसी विजिलांते से आकर मदद करने की उम्मीद करनी चाहिए. ऐसे नहीं चल पाएगा. हम सभी को नजर रखनी पड़ेगी, वरना एक आदमी एक खड़े होकर भ्रष्टाचार पर बात करने से बात नहीं बनेगी.' 

कमल ने बताया कि पहली फिल्म से अब थोड़े असहमत भी हैं क्योंकि वैसा कभी नहीं हो सकता. वो तरीका भ्रष्टाचार की समस्या का समाधान नहीं है, वो बस एक राह चलते आदमी का सपना है. लोग उम्मीद करते हैं कि वैसा हो जाए. 

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उन्होंने आगे कहा कि 'हिंदुस्तानी 2' में उन्हें डायरेक्टर शंकर और समाज की ग्रोथ नजर आती है और उन्हें लगता है कि सब सही दिशा में जा रहा है. कमल ने कहा कि नई फिल्म में उन्होंने जनता के लिए ये सवाल छोड़ा है कि वो भ्रष्टाचार के लिए क्या कर सकते हैं. 'हिंदुस्तानी 2' 12 जुलाई को थिएटर्स में आ रही है. फिल्म में कमल हासन के साथ सिद्धार्थ, काजल अग्रवाल और रकुलप्रीत सिंह जैसे कलाकारों ने काम किया है. उससे पहले कमल, हाल ही में रिलीज हुई 'कल्कि 2898 AD' में विलेन का किरदार निभाते नजर आ रहे हैं. 

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