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'कांतारा' स्टार रिषभ शेट्टी बोले- 'भाषा से सिनेमा को मत बांटिए, बॉलीवुड का योगदान बड़ा है'

इस साल साउथ की फिल्म इंडस्ट्रीज से निकली कई फिल्मों ने जिस तरह का धुआंधार बिजनेस किया है, उसके बाद कहा जाने लगा है कि बॉलीवुड इन सबसे बहुत पीछे छूट गया है. साउथ की जोरदार फिल्मों में से एक 'कांतारा' बनाने वाले रिषभ शेट्टी ने एजेंडा आजतक 2022 में कहा कि बॉलीवुड का योगदान बहुत बड़ा है.

एजेंडा आजतक 2022 में रिषभ शेट्टी एजेंडा आजतक 2022 में रिषभ शेट्टी
aajtak.in
  • नई दिल्ली ,
  • 11 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 10:00 AM IST

पिछले कुछ वक्त में साउथ की इंडस्ट्रीज में बनीं RRR, 'पुष्पा', KGF 2 और 'कांतारा' जैसी फिल्मों ने सिर्फ अपनी भाषाओं में ही नहीं, बल्कि हिंदी में भी जोरदार बिजनेस किया. इन फिल्मों की धुआंधार कमाई के आगे हिंदी फिल्मों का जलवा इस साल काफी फीका नजर आया. लेकिन क्या बॉलीवुड कमजोर पड़ चुका है?

'कांतारा' स्टार रिषभ शेट्टी शनिवार को एजेंडा आजतक के मंच पर थे. अपनी फिल्म के नाम पर हुए सेशन 'ऑल इंडिया सितारा- कांतारा' में रिषभ ने कहा कि अब लोग स्क्रीन पर जड़ों से जुड़ी कहानियां देखना चाहते हैं. उन्होंने थिएटर्स में बॉलीवुड फिल्मों के फीके दौर पर भी बात की. 

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भाषा के आधार पर न बंटे सिनेमा 
आजकल सिनेमा फैन्स में हिंदी सिनेमा बनाम साउथ की अलग-अलग भाषाओं के सिनेमा की बहस खूब होती है. क्या ये बहस होनी चाहिए? रिषभ ने इसका जवाब देते हुए कहा, 'ये नहीं होना चाहिए. हमें इंडियन सिनेमा की तरह देखना चाहिए. क्योंकि इंडियन सिनेमा में हिंदी फिल्मों का योगदान बहुत बड़ा है. आज हिंदी सिनेमा नहीं चल रहा, साउथ का चल रहा है ये नहीं करना चाहिए. इतने साल का जो योगदान रहा है उसका क्या होगा. हर इंडस्ट्री का अप-डाउन रहता है. एक दिन ये भी फिर से चलेगा.'

रिषभ ने कहा कि कन्नड़ सिनेमा में जब वो और उनके साथी कलाकार कन्नड़ इंडस्ट्री में आए तो हिंदी से इंस्पिरेशन लेकर आए. यहां बड़े-बड़े कलाकार थे जिनसे लोग प्रेरणा लेते हैं इसलिए उनसे तुलना नहीं करनी चाहिए. 

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हर इंडस्ट्री का अपना स्ट्रगल है 
इस साल KGF 2 और 'कांतारा' ने मिलकर कन्नड़ सिनेमा का परचम बहुत बुलंद किया है. लेकिन रिषभ कहते हैं कि कन्नड़ सिनेमा दर्शकों का फेवरेट हो गया हो अभी ये भी नहीं है. उन्होंने कहा कि उनके होम स्टेट कर्नाटक के बाहर की जनता इन दोनों फिल्मों या 'चार्ली 777' जैसी कुछ एक बड़ी फिल्में ही देखती है, जबकि कन्नड़ इंडस्ट्री में हर साल 300 से ज्यादा फिल्में बन रही हैं. लोगों सभी फिल्में क्यों नहीं देखते. 

बॉलीवुड की वापसी पर रिषभ ने कहा कि वहां और अच्छे अच्छे राइटर्स आने चाहिए. यहां अच्छे राइटर्स हैं भी तो जल्द ही फिर से हिंदी फिल्में अच्छा बिजनेस करने लगेंगी और लोगों का दिल जीतेंगी. 

 

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