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उत्तर भारतीयों से भी ज्यादा साफ कैसे है साउथ के 'मास महाराजा' की हिंदी? इस वजह से अबतक नहीं किया बॉलीवुड में काम!

साउथ में जिन एक्टर्स का खूब जलवा है, उमें रवि तेजा का नाम भी शामिल है. रवि की नई फिल्म 'टाइगर नागेश्वर राव' हिंदी में भी रिलीज हो रही है और इसके लिए वो खूब प्रमोशन भी कर रहे हैं. तेलुगू में ज्यादा काम करने वाले रवि तेजा का ताबड़तोड़ हिंदी बोलना लोगों को हैरान कर रहा है. आइए बताते हैं उनकी इस साफ हिंदी का राज.

'टाइगर नागेश्वर राव' में रवि तेजा (क्रेडिट: सोशल मीडिया) 'टाइगर नागेश्वर राव' में रवि तेजा (क्रेडिट: सोशल मीडिया)
सुबोध मिश्रा
  • नई दिल्ली ,
  • 16 अक्टूबर 2023,
  • अपडेटेड 7:00 PM IST

साउथ के सिनेमा में एक से बढ़कर एक शानदार टाइटल वाले स्टार्स हैं. कोई स्टाइलिश स्टार है तो कोई मेगास्टार. लेकिन जब बात मास सिनेमा की आती है तो रवि तेजा अपने आप में एक किंग हैं. तेलुगू सिनेमा के 'मास महाराजा' कहे जाने वाले रवि की पॉपुलैरिटी बहुत तगड़ी है. आज जब शाहरुख खान की 'जवान' से हिंदी फिल्मों की ऑडियंस भी मास सिनेमा को एन्जॉय कर रही है, तो रियल 'मास महाराजा' का हिंदी फिल्म लेकर आना बनता ही है. 

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रवि तेजा की फिल्म आ रही है 'टाइगर नागेश्वर राव'. उनके अधिकतर काम की तरह, ये फिल्म भी तेलुगू इंडस्ट्री में बनी है. लेकिन 20 अक्टूबर को आ रही 'टाइगर नागेश्वर राव' एक पैन इंडिया फिल्म है और इसे हिंदी में भी रिलीज किया जा रहा है. फिल्म के हिंदी ट्रेलर को सॉलिड रिस्पॉन्स मिला है और मेकर्स इसे हिंदी में प्रोमोट करने पर पूरा जोर दे रहे हैं. 

'टाइगर नागेश्वर राव' पोस्टर (क्रेडिट: सोशल मीडिया)

'टाइगर नागेश्वर राव' की प्रमोशन में लगे रवि, जमकर इंटरव्यू दे रहे हैं और हिंदी रियलिटी टीवी शोज में भी नजर आ रहे हैं. और इस पूरे प्रमोशन में रवि की एक बात खूब चर्चा में बनी हुई है- उनकी चकाचक साफ हिंदी. उनके एक इंटरव्यू वीडियो पर तो एक कमेन्ट में किसी ने लिखा कि 'रवि की हिंदी उत्तर भारतीयों से ज्यादा उत्तर भारतीय है.' तेलुगू इंडस्ट्री के सबसे बड़े चेहरों में से एक रवि का इतनी बेहतरीन हिंदी बोलना लोगों हैरानी भरी खुशी दे रहा है. लेकिन असल में हिंदी से रवि तेजा का कनेक्शन बहुत पुराना है.

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रवि तेजा का हिंदी कनेक्शन 
रवि का जन्म तो आंध्र प्रदेश में हुआ था, लेकिन उनके पिता राज गोपाल राजू फार्मासिस्ट थे और नौकरी के चक्कर में वो कई जगह रहे. परिवार के साथ रवि का बचपन कई ऐसे इलाकों में बीता जहां हिंदी बोली जाती थी. उनका बचपन और पढ़ाई के दिन दिल्ली, जयपुर, भोपाल और मुंबई जैसे शहरों में बीते. इन जगहों पर रहने से ही रवि की हिंदी एकदम साफ है. 

बड़े होते हुए ही रवि को फिल्मों का बहुत चस्का था. अपनी जेनरेशन के बाकी लोगों की तरह अमिताभ बच्चन उनके फेवरेट थे और रवि उनके सीन्स की नक़ल किया करते थे. विजयवाड़ा में ग्रेजुएशन करने के दौरान रवि का एक्टिंग का जुनून चरम पर पहुंचा. एक दिन तो ऐसा था कि रवि की मां स्कूल के गेट पर उनका इंतजार कर रही थी और वो स्कूल की दीवार फांद कर फिल्म देखने भागे हुए थे. 

छोटे-छोटे किरदारों से शुरू की एक्टिंग 
फिल्मों में एक्टिंग का चस्का लिए रवि 1988 में मद्रास (अब चेन्नई) जा पहुंचे, तब तेलुगू फिल्म इंडस्ट्री वहीं से चलती थी. रवि ने साउथ के बड़े एक्टर्स नागार्जुन और चिरंजीवी की फिल्मों में बहुत छोटे-छोटे रोल किए. काम करते हुए उनकी मुलाकात डायरेक्टर कृष्णा वम्सी से हुई, जिन्होंने रवि को असिस्टेंट डायरेक्टर भी रख लिया. कृष्णा की फिल्म 'सिंदूरम' से ही रवि के हुनर को पहली बार लोगों ने नोटिस किया. 

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'सिंदूरम' में रवि तेजा (क्रेडिट: सोशल मीडिया)

करीब एक दशक तक छोटे रोल, सपोर्टिंग रोल और मल्टी स्टारर फिल्मों के बाद रवि को 2001 में लीड रोल करने का मौका मिला. साउथ के सबसे बड़े डायरेक्टर्स में से एक पूरी जगन्नाथ ने अपनी फिल्म 'Itlu Sravani Subramanyam' में रवि तेजा को लीड रोल दिया. 2006 में एस एस राजामौली की फिल्म 'विक्रमार्कुडू' में रवि ने लीड रोल किया और ये फिल्म तमिल सिनेमा की सबसे बड़ी फिल्म बन गई. इसके बाद से तो रवि का करियर ने ऐसी रफ्तार पकड़ी कि वो आज तेलुगू इंडस्ट्री के सबसे बड़े स्टार्स में गिने जाते हैं. 

हिंदी फिल्मों में इस वजह से नहीं किया काम 
2016 में दिए एक इंटरव्यू में रवि ने ये बताया था कि वो तेलुगू से भी ज्यादा अच्छी हिंदी बोलते हैं. लेकिन साउथ में इतनी बड़ी कामयाबी के बाद भी वो किस वजह से बॉलीवुड से दूर हैं. हिंदुस्तान टाइम्स से बात करते हुए रवि ने बताया था, 'मैं फर्राटेदार हिंदी बोलता हूं. बल्कि मैं तेलुगू से ज्यादा बेहतर हिंदी बोलता हूं. लेकिन तेलुगू सिनेमा मेरा होम ग्राउंड है. मैं बॉलीवुड में नाम जमाने की किसी जल्दी में नहीं हूं. मुझे मुंबई तक लाने के लिए सिर्फ एक स्क्रिप्ट ही नहीं, बल्कि उससे ज्यादा कुछ चाहिए होगा. जो उस काम को आगे बढ़ाए जो मैं तेलुगू सिनेमा में करता हूं.' 

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'Vikramarkudu' में रवि तेजा (क्रेडिट: सोशल मीडिया)

रवि ने कहा था कि साउथ में भले वो 'मास महाराजा' हैं लेकिन हिंदी में वो कोई एकदम अलग फिल्म करना चाहते हैं. जैसे आर बाल्की की 'की एंड का' या करण जौहर की 'कपूर एंड सन्स'. रवि ने कहा था, 'अगर मुझे एक्शन और कॉमेडी ही करना होगा तो मैं वहां क्यों न करूं जो मेरा होम ग्राउंड है.' 

रवि इस बार तो अपनी तेलुगू फिल्म 'टाइगर नागेश्वर राव' का ही हिंदी वर्जन लेकर यहां की ऑडियंस के सामने आ रहे हैं. लेकिन कुछ महीने पहले खबर आई थी कि वो वरुण धवन के साथ, तमिल फिल्म 'मानाडू' के रीमेक में नजर आ सकते हैं. हिंदी में जनता को रवि की फिल्मों के रीमेक और टीवी पर उनकी हिंदी डब फिल्में खूब पसंद आती रही हैं. देखते हैं कि 'टाइगर नागेश्वर राव' हिंदी में क्या कमाल करती है. उम्मीद है कि अभी अपनी फिल्म प्रमोट करने मुंबई आए रवि, जल्द ही किसी बॉलीवुड फिल्म में भी दिखें. 

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