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उत्तर प्रदेश में अधूरा कुछ नहीं, देंगे 'पूर्ण' फिल्मसिटी का उपहार, बोले सीएम योगी

फिल्म निर्माता-निर्देशकों, गीतकारों,कला निर्देशकों के साथ मुख्यमंत्री जी ने की बैठक. 50 साल की जरूरतों को ध्यान में रखकर होगा फिल्म सिटी का विकास. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फिल्म जगत के लोगों से सुझाव मांगा.

योगी आदित्यनाथ, अनुपम खेर योगी आदित्यनाथ, अनुपम खेर
कुमार अभिषेक
  • नई दिल्ली,
  • 22 सितंबर 2020,
  • अपडेटेड 6:59 PM IST

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जबसे यूपी में नए फिल्म सिटी के बनाने का ऐलान किया है तबसे लोगों में उत्साह तो है ही साथ में एक उम्मीद भी जागी है. उन्होंने कहा है कि उत्तर प्रदेश में अपूर्णता का कोई स्थान नहीं. यहां अधूरा कुछ नहीं होता यह राम की अयोध्या, कृष्ण की मथुरा, शिव की काशी के साथ ही बुद्ध, कबीर और महावीर की भी धरती है. गंगा, यमुना और सरस्वती का संगम है. यह सभी 'पूर्णता के प्रतीक' हैं. उत्तर प्रदेश अपनी इसी परंपरा को गति प्रदान करते हुए एक भव्य, आपकी जरूरतों को पूर्ण करने वाला दिव्य और सर्वसुविधायुक्त 'पूर्ण फिल्म सिटी' का विकास कर दुनिया को एक उपहार देगा. इसके विकास के लिए आप सभी के सुझावों का स्वागत है.

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बता दें कि फ़िल्म सिटी की बैठक के लिए लखनऊ आए सभी फिल्मी हस्तियों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को के आवास पर रात्रि भोज के लिए बुलावा. आज रात 8:00 बजे फिल्मी हस्तियों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ डिनर पार्टी देंगे. सरकार के कुछ मंत्री और अधिकारी भी डिनर पार्टी में शामिल होंगे.

मुख्यमंत्री मंगलवार को सिनेमा जगत की बड़ी हस्तियों से मुखातिब थे. अनुपम खेर, परेश रावल, उदित नारायण, नितिन देसाई, कैलाश खेर, अनूप जलोटा, अशोक पंडित, सतीश कौशिक सहित अनेक दिग्गजों के साथ मुख्यमंत्री जी ने प्रस्तावित फिल्म सिटी के स्वरूप पर विस्तार से विमर्श किया. मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश पर प्रकृति और परमात्मा की असीम कृपा है. फिल्मों ने हमारी भारतीय संस्कृति से विश्व जगत को परिचित कराया है. यह समाज का दर्पण है. ऐसे में फिल्म निर्माण को बढ़ावा देने और स्थानीय प्रतिभाओं को विशेष अवसर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में मॉडर्न फिल्म सिटी और इन्फोटेनमेन्ट जोन की स्थापना का निर्णय लिया है.

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इस दिशा में हमारे प्रयास अधिक उपयोगी, लाभदायक और व्यापक बन सकें, इसके लिए हम पूरे फिल्म जगत से सुझाव आमंत्रित कर रहे हैं. संवाद के माध्यम से एक-दूसरे की आवश्यकताओं को समझने और उनकी पूर्ति करने का अवसर प्राप्त होता है. मुख्यमंत्री जी ने कहा कि फिल्म जगत के लोगों के सुझाव और अनुभवों का लाभ लेते हुए हम वैश्विक फिल्म जगत को एक नया विकल्प देने को तत्पर है.

विश्व के लिए उदाहरण बनेगी यूपी की फिल्म सिटी

मुख्यमंत्री ने कहा कि फिल्म सिटी में वर्ल्ड क्लास सिविल व पब्लिक एमेनिटीज की स्थापना प्रस्तावित है. हमारा प्रयास रहेगा कि इसे उच्च डेडिकेटेड इंफोटेनमेंट जोन के रूप में विकसित किया जाए. आने वाला समय ओटीटी व मीडिया स्ट्रीमिंग का है. इसके लिए हाई कैपेसिटी, वर्ल्ड क्लास डाटा सेंटर की स्थापना भी इंफोटेनमेंट जोन में की जाएगी. उन्होंने कि हम कंटेंट डिस्ट्रीब्यूशन के लिए स्मूथ व फुलप्रूफ व्यवस्था के साथ-साथ टैक्स एक्जेम्शन की सुविधा पर भी विचार कर रहे हैं. सभी के सहयोग से यह फिल्मसिटी जल्द ही आकार लेगी.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश भारतीय संस्कृति, सभ्यता और समृद्ध परंपरा का सबसे महत्वपूर्ण केंद्र है. यमुना एक्सप्रेस-वे क्षेत्र में जहां यह फिल्म सिटी विकसित करने का विचार है, वह भारत के ऐतिहासिक, पौराणिक इतिहास से सम्बद्ध है. यह हस्तिनापुर का क्षेत्र है. हमारे दिव्य-भव्य कुंभ से पूरी दुनिया आह्लादित है. फिल्म सिटी भी सभी की उम्मीदों को पूरा करने वाली होगी.

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50 साल की जरूरतों को देखकर बन रहा डेडिकेटेड इंफोटेनमेंट (फ़िल्म सिटी) जोन- 

उत्तर प्रदेश में डेडिकेटेड इंफोटेनमेंट (फिल्म सिटी) जोन की स्थापना की कवायद शुरू हो गई है. मंगलवार की बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अनेक सिने हस्तियों की मौजूदगी में यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के सीईओ अरुनवीर जी ने प्रस्तावित फिल्म सिटी के संबंध में एक प्रस्तुतिकरण भी दिया. उन्होंने बताया कि यमुना एक्सप्रेस-वे सेक्टर-21 में लगभग 1,000 एकड़ भूमि पर इसका विकास होगा. इसमें 220 एकड़ कॉमर्शियल एक्टिविटी के लिए आरक्षित होगा. यह मथुरा-वृंदावन से 60 और आगरा से 100 किमी की दूरी पर है. हम यहां फ़िल्म सिटी के लिए जरूरी इन्फ्रास्ट्रक्चर के साथ-साथ 35 एकड़ में फिल्म सिटी पार्क भी विकसित करेंगे.

यह क्षेत्र रेल और सड़क परिवहन से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है. एशिया का सबसे बड़ा जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट समीप ही है. यह भी शीघ्र तैयार हो जायेगा. इसे मेट्रो, रैपिड रेल ट्रांसपोर्ट सिस्टम और हाई स्पीड ट्रेन से भी जोड़ने की योजना है. हम जो कुछ कर रहे हैं वर्ष 2060 की जरूरतों के मद्देनजर कर रहे हैं. इससे पहले अपर मुख्य सचिव सूचना श्री अवनीश अवस्थी जी ने पिछले साढ़े तीन वर्ष के भीतर  उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास की यात्रा से सभी को अवगत कराया.

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फिल्म जगत की हस्तियों ने किया स्वागत, कहा योगी हैं तो यकीन है-

अभिनेता अनुपम खेर- आज का मौका उत्सव का है. योगी जी की क्षमता पर सभी को भरोसा है. यूपी की फिल्म सिटी यूपी में तो होगी लेकिन पूरी दुनिया इसे अपना मानेगी. यह ताजमहल की तरह ही दुनिया भर को आकर्षित करने वाली हो. इसकी स्थापना की पहली बैठक में आमंत्रित कर योगी जी ने हमें इतिहास में दर्ज कर दिया. योगी जी के इस सपने को साकार करने में अगर मैं भी भागीदार हो सका तो यह मेरा सौभाग्य होगा. परेश रावल, चेयरमैन नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा: बहुत स्वागतयोग्य कदम है. योगी जी यह स्वप्न पूरा भी करेंगे, मुझे विश्वास है. फिल्म पटकथा लेखन को लेकर योगी जी कोई प्रयास करें तो बहुत सहायता मिलेगी. यह रीजनल सिनेमा को भी पुनर्जीवन देने वाला आयाम सिद्ध होगा.

राजू श्रीवास्तव- मुझे हर्ष है कि योगी जी ने फिल्म जगत को नया विकल्प देने की दिशा में कोशिश की है. यह छोटे-छोटे शहरों की अद्भुत प्रतिभाओं के हौसलों, सपनों को पंख देने वाला होगा. मैं हर समय, पूरी क्षमता के साथ सेवा के लिए प्रस्तुत रहूंगा. योगी जी को आभार, अभिनन्दन.

मनोज जोशी, अभिनेता- अद्भुत और अनुपम प्रयास है. पंजाबी, बंगाली, हिंदी, सहित 12 भारतीय भाषाओं के फिल्मोद्योग का महाद्वार होगी यह फिल्म सिटी. इसे इको-फ्रेंडली बनाने की कोशिश हो. आज ओटीटी प्लेटफार्म पर हिंदी पट्टी की कहानियां छायी हुई हैं. आज 70 फीसदी टेक्नीशियन उत्तर प्रदेश के हैं. रंग कर्म में यूपी अत्यंत समृद्ध है. इन सभी को 'आत्मनिर्भर' बनाने में यह नवीन फ़िल्म सिटी अत्यंत उपयोगी हो सकती है. यह प्रदेश के औद्योगिक, पर्यटन विकास को नई दिशा प्रदान करने वाली होगी.

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अनूप जलोटा, गायक- बहुत अभिनन्दनीय प्रयास है. इसके लिए पूरी दुनिया के फिल्म सिटीज का अध्ययन किया जाना चाहिए. उनकी खूबियों, कमियों को समझना चाहिए. आवश्यकताओं के लिहाज से सुविधाएं दी जाएं. यह दुनिया के लिए महत्वपूर्ण प्रयास है. मेरी शुभकामनाएं.

कैलाश खेर, गायक- आज जब योगी स्वयं नेतृत्व कर रहे हैं, तो कोई भी कार्य असाध्य नहीं है. दुनिया में फ़िल्म सिटी के नाम पर लाखों किले खड़े हैं, लोगों ने 70 साल में क्या हाल कर दिया कि घिन आती है, शर्म आती है. उत्तर प्रदेश देवताओं की पुण्य भूमि है. दुनिया को राह दिखाने वाली है. योगी जी की यह दुनिया भारतीय संस्कृति को पोषित करने वाली हो. कला साधकों को सम्मान मिले. ऐसा जरूर होगा, यह मेरा विश्वास है. बाकी योगी जी आदेश करें, हम धावक हैं दौड़ पड़ेंगे.

सतीश कौशिक, निर्माता निर्देशक- यूपी शूटिंग फ्रेंडली जगह रही है. मैंने बहुत काम किया है यहां. आज का दिन पूरी दुनिया के कला क्षेत्र के लिए ऐतिहासिक है. योगी जी फ़िल्म जगत को एक नवीन विकल्प दे रहे हैं. आज जो प्रेजेंटेशन दिखाया गया, वह हमें एक बेहतर भविष्य की छवि दिखा गया. आपने हम कलाकारों को एक नया आधार दिया है. यूपी की संस्कृति ने भारतीय फिल्मों को शुरू से ही प्रभावित किया है, अब यहां की फ़िल्म सिटी पूरी दुनिया को प्रभावित करेगी। मेरी बहुत शुभकामनाएं, योगी जी को बहुत धन्यवाद.

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उदित नारायण, पार्श्व गायक- योगी जी ने बहुत कम समय में बहुत खूबसूरत काम किया है. ऐसे में फ़िल्म सिटी की घोषणा से हम सभी का उत्साहित होना लाजिमी है. मैं 40 साल फ़िल्म जगत का हिस्सा रहा हूँ. योगी जी के इस बड़े सपने को साकार करने में अगर मैं भी कुछ योगदान कर सका तो जीवन को धन्य समझूंगा. 

मनोज मुन्तशिर, गीतकार- योगी जी ने करोड़ों प्रतिभाओं को पंख दे दिए. 75 साल से हिंदी पट्टी इसका इंतजार कर रही थी. यूपी की भाषा तो दुनिया में फैल गई, लेकिन यूपी की कहानियां नहीं सुनाई गईं. योगी जी से अनुरोध है कि एक फिल्म इंस्टिट्यूट और म्यूजिक इंस्टिट्यूट की स्थापना की दिशा में भी विचार करें. आल्हा ऊदल, महामना मालवीय जैसे महामानवों से नई पीढ़ी को परिचित कराने की कोशिश हो. मुझे आज यूपी वाला होने पर बहुत गर्व है.

ओम राउत, फ़िल्म निर्माता- बहुत शानदार विजन है. हम इस फिल्म सिटी में आर्टिस्ट, टेक्नीशियन आदि की ट्रेनिंग की व्यवस्था भी कर सकें, तो बेहतर होगा. यूपी में अब भी फिल्मों का प्रसार बहुत कम है. थियेटर कम हैं. यहां विकास की बहुत संभावना है. यूपी की यह फिल्म सिटी नई प्रतिभाओं को मंच देने वाली होगी. योगी जी को हृदय से धन्यवाद.

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अशोक पंडित, अध्यक्ष फिल्म निर्देशक संघ- फिल्म सिटी के निर्माण में फिल्म जगत के लोगों को शामिल करने की सोच योगी जी की सकारात्मकता का प्रतीक है. प्रोड्यूसर, टेक्नीशियन, एक्टर, हमारी इंडस्ट्री के इन्फ्रास्ट्रक्चर हैं. इनका इनवॉल्वमेन्ट होना, इस बड़े प्रोजेक्ट के सफल होने की गारंटी है. योगी जी के विजन 'बियांड द ग्लोब' रहा है. निश्चित ही यह फिल्म सिटी भी इसी विचार का प्रतिबिंब होगी. हमारी पूरी इंडस्ट्री कंधे से कंधा मिलाकर आपके सपने को पूरा करने के लिए तैयार हैं.

विवेक अग्निहोत्री, फिल्म निर्माता- योगी जी की अभिनव सोच और तत्परतापूर्ण क्रियान्वयन को प्रणाम. बहुत जरूरी और बहुप्रतीक्षित प्रयास है. हिंदी फिल्मोद्योग को एक नवीन आधार मिलेगा. ईश्वर आपके साथ हैं सर.

नितिन देसाई, कला निर्देशक- योगी जी के विजन को सैल्यूट. फ़िल्म केवल नृत्य-संगीत ही नहीं है. लाखों को रोजगार, अरबों का व्यापार, हुनर और हौसलों को सलाम भी है. जो प्रस्ताव यूपी का है वह इंटरनेशनल फ़िल्म जगत को आकर्षित करने वाला है. देवताओं की जन्मस्थली है उत्तर प्रदेश. धर्म, संस्कृति, कला का अद्भुत संगम है यहां. यह फिल्म सिटी यूपी को और समृद्ध करेगी. हम सभी इस विजन को सफल करने में हम संभव मदद करने के लिए तैयार हैं.

सौंदर्या (तमिल सुपरस्टार रजनीकांत की बेटी, फ़िल्म निर्माता)- भारत में अब भी एनिमेशन इंडस्ट्री नहीं है. आज की फिल्मों में इसका बड़ा असर है. योगी जी अगर इस दिशा में कोशिश हो, तो  बड़ी सुविधा होगी. फ़िल्म सिटी की स्थापना की घोषणा के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री जी को बहुत धन्यवाद. 

विजयेंद्र प्रसाद, निर्देशक- योगी जी में बहुत क्षमता है. इन्होंने जो कार्य सोचा है वह ज़रूर कर सकेंगे. मेरे योग्य कोई कार्य हो, तो खुद को सौभाग्यशाली समझूंगा.

विनोद बच्चन, फिल्म निर्माता- यूपी में फिल्मसिटी का सपना, दशकों से है. आज वो सपना योगी जी ने देखा है. अब पूरा होना तय है. इसके निर्माण में फिल्म जगत के विद्वान तकनीशियनों का जितना सहयोग लेंगे. उतना ही यह प्रोजेक्ट सफल होगा. मैंने अपनी फिल्मों में हमेशा से ही यूपी को रिप्रेजेंट किया है. बस इस सपने को यूपी बनाम महाराष्ट्र न बनने दिया जाए. हमसे जो बन सकेगा, हम करने के लिए पूरी क्षमता से तैयार है. अब यह और गति पकड़ेगा। एक महत्वपूर्ण बात, फ़िल्म स्क्रीन की कमी है, योगी जी छोटे-छोटे कस्बों तक पहुंचाने के लिए कुछ प्रयास करें तो बड़ी मदद मिलेगी. महत्वपूर्ण यह भी है कि अच्छे सिनेमा को ही प्रोत्साहित किया जाए.

शैलेश सिंह, निर्माता-निर्देशक- जेम्स कैमरन आज दुनिया की सबसे मंहगी फ़िल्म न्यूजीलैंड में बना रहे हैं. हमें समझना होगा कि फ़िल्म सिटी केवल बिल्डिंग या सेट्स की जगह प्रोवाइड करा देना भर नहीं होता. यह एक संस्कृति है. अगर हमने उन जैसे लोगों को बेहतर माहौल दिया, संस्कृति दी तो वह लोग भी यहां ज़रूर आएंगे. फ़िल्म सिटी केवल उत्तर प्रदेश बस लोकेशन बन कर न रह जाये, बल्कि एक संस्कृति के रूप में विकसित हो. यूपी सरकार की विल पॉवर देखकर ऐसा होने का विश्वास भी होता है.

 

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