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64 साल में पूरा हुआ तमिल सिनेमा का ड्रीम प्रोजेक्ट 'पोन्नियिन सेल्वन', रेखा के पिता करने वाले थे काम

डायरेक्टर मणि रत्नम अपना नया मास्टरपीस लेकर आ रहे हैं, जिसका टाइटल 'पोन्नियिन सेल्वन' है. ये फिल्म उस नॉवेल पर आधारित है जिसे 'तमिल साहित्य का महानतम उपन्यास' माना जाता है. कागज से स्क्रीन तक आते-आते कहानी को 64 साल लगे और इस बीच साउथ में शायद ही कोई बड़ा एक्टर बचा हो जिसका नाम फिल्म से न जुड़ा हो!

महेश बाबू और कमल हासन महेश बाबू और कमल हासन
सुबोध मिश्रा
  • नई दिल्ली ,
  • 23 सितंबर 2022,
  • अपडेटेड 12:10 PM IST

30 सितंबर तमिल सिनेमा के लिए एक बहुत बड़ा दिन होने वाला है. वजह ये है कि इस दिन 'पोन्नियिन सेल्वन' का पहला पार्ट (PS-1) थिएटर्स में रिलीज होगा. और ये सिर्फ तमिल ही नहीं, बल्कि भारत के सबसे महत्वाकांक्षी फिल्म प्रोजेक्ट्स में से एक है. ऐसा क्यों है, इसे समझने के कई कारण हैं.

'पोन्नियिन सेल्वन' की कहानी, इसी नाम के तमिल उपन्यास पर आधारित है, जिसे कल्कि कृष्णमूर्ति ने लिखा था. नॉवेल कितना आइकॉनिक है इसे यूं समझिए कि बहुत सारे लोग इसे तमिल साहित्य का महानतम उपन्यास मानते हैं. भारत के इतिहास में सबसे समृद्ध, सबसे शक्तिशाली साम्राज्यों में से एक चोल साम्राज्य की कहानी इस उपन्यास में थी, जो अब स्क्रीन पर आने जा रही है. लेकिन फिल्म सिर्फ तमिल ही नहीं बल्कि हिंदी, तेलुगू, मलयालम और कन्नड़ में भी डबिंग के साथ रिलीज होगी. 

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इन दिनों साउथ सिनेमा की तगड़ी फैन हो चुकी हिंदी जनता भी PS-1 का ट्रेलर देखने के बाद कितनी उम्मीद से फिल्म का इंतजार कर रही है, इसका सबूत यूट्यूब पर ट्रेलर का कमेंट बॉक्स है. 'पोन्नियिन सेल्वन' तमिल सिनेमा के लिए ड्रीम प्रोजेक्ट जैसा है. 500 करोड़ के बजट में बनी, इंडिया की सबसे महंगी फिल्म बताई जा रही 'पोन्नियिन सेल्वन' को स्क्रीन तक लाने का सपना बिल्कुल भी आसान नहीं रहा है और इसे पूरा होने में करीब 64 साल लग चुके हैं. और एक से एक दिलचस्प किरदारों से भरे इस 'मैग्नम ओपस' में साउथ सिनेमा के लगभग हर बड़े नाम पर कभी न कभी विचार हो चुका है. आइए एक्टर्स की कास्टिंग के हिसाब से बताते हैं 'पोन्नियिन सेल्वन' का लंबा सफर:

1. MGR की पहली कोशिश- 1958
इंडियन सिनेमा और पॉलिटिक्स में आइकॉन कहे जाने वाले एम जी रामचंद्रन उर्फ एम.जी.आर (MGR) ने पहली बार 1958 में कल्कि कृष्णमूर्ति के हिस्टोरिकल नॉवेल के राइट्स खरीदे और 'पोन्नियिन सेल्वन' फिल्म अनाउंस की. फिल्म को डायरेक्ट करने के साथ-साथ वो इसमें एक्टिंग भी करने वाले थे. MGR की 'पोन्नियिन सेल्वन' में उस दौर के कई आइकॉन होने वाले थे जैसे- वैजयंतीमाला, जेमिनी गणेशन, पद्मिनी रामचंद्रन, सावित्री, बी. सरोजा देवी. 

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एम.जी.आर, वैजयंतीमाला और जेमिनी गणेशन

इतनी बड़ी कास्ट और दिल खोलकर बजट खर्च करने की तैयारी के साथ MGR फिल्म प्लान कर ही रहे थे कि शूट शुरू होने से पहले ही उनका एक्सीडेंट हो गया. उन्हें ठीक होने में ही 6 महीने से ज्यादा लग गए और 'पोन्नियिन सेल्वन' अटक गई. 4 साल बाद उन्होंने एक बार फिर से राइट्स अपने नाम रिन्यू करवाए लेकिन आखिरकार उनका ये ड्रीम प्रोजेक्ट शुरू नहीं हो पाया. 

2. कमल हासन और मणि रत्नम ने मिलाया हाथ 

कमल हासन और मणि रत्नम


90s में एक बार फिर से 'पोन्नियिन सेल्वन' पर काम शुरू हुआ और इस बार राइट्स खरीदे कमल हासन ने. 1994 में फिल्मफेयर को दिए एक इंटरव्यू में मणि रत्नम ने बताया कि कल्कि कृष्णमूर्ति के नॉवेल को स्क्रीनप्ले में एडाप्ट करना उनका ड्रीम प्रोजेक्ट है और कमल हासन के लिए उन्होंने पहला ड्राफ्ट भी लिखा. हालांकि एक बार फिर इस प्रोजेक्ट कर काम रुक गया क्योंकि दोनों को ही समय के हिसाब से फिल्म का बजट बहुत ज्यादा बढ़ता हुआ लगा. 

3. 2010 में फिर शुरू हुई कोशिश 
मणि रत्नम अपने इंटरव्यू में कई बार बोल चुके थे कि वो अपनी जिन्दगी में इस प्रोजेक्ट को पूरा होते देखना चाहते हैं. 2010 में एक बार फिर से उन्होंने अपने सपने पर काम शुरू किया और इस बार जाने माने तमिल राइटर जयमोहन को 'पोन्नियिन सेल्वन' की कहानी फाइनल करने के लिए अपने साथ लिया. म्यूजिक कम्पोजर ए आर रहमान को भी मणि रत्नम ने तभी साथ बुलाया था. फिल्म महंगी होनी थी, लेकिन मणि रत्नम ने तय किया कि अब वो इसे खुद ही प्रोड्यूस करेंगे और किसी बड़े स्टूडियो से बाद में हाथ मिला लेंगे.

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4. विजय, महेश बाबू और आर्य 
इस बार फिल्म में सबसे पहले कास्ट हुए जोसेफ विजय चन्द्रसेखर, जिन्हें लोग थलपति विजय या विजय के नाम से जानते हैं. उनके बाद फिल्म में कास्ट किए गए सुपरस्टार महेश बाबू और आर्य. इनका नाम फाइनल होने से पहले मणि रत्नम ने विक्रम, सूर्या और विशाल की तिकड़ी को कास्ट करने के बारे में भी सोचा था, मगर बात नहीं बनी. फीमेल किरदारों के लिए PS-1 की टीम ने 'बाहुबली' एक्ट्रेस अनुष्का शेट्टी का नाम भी फाइनल कर लिया और एक महत्वपूर्ण किरदार के लिए प्रियंका चोपड़ा से डिस्कशन भी हुआ. 

महेश बाबू, आर्य और विजय

आखिरकार, मणि रत्नम और टीम कमर कस के शूट के लिए तैयार थे. लेकिन शूट से सिर्फ हफ्ता भर पहले, फिल्म के लिए बेहद महत्वपूर्ण दो लोकेशन- मैसूर पैलेस और ललिता महल ने शूटिंग की परमिशन देने से इनकार कर दिया. मणि रत्नम सोचा कि वो इन लोकेशन से हुबहू मिलता हुआ सेट बनाकर काम कर लेंगे. लेकिन 100 करोड़ के बजट में 'पोन्नियिन सेल्वन' बनाने निकले डायरेक्टर को समझ आया कि सिर्फ ढंग का सेट बनाने में ही 50 करोड़ खर्च होने वाले हैं.

ये 2016 से पहले की बात है, जब 100 करोड़ का बजट पहले ही बुर्ज खलीफा जैसा था, उसपर सेट बनाने का खर्च इसे आसमान पार ले जाता. तो एक बार फिर से 'पोन्नियिन सेल्वन' का काम रुक गया. 

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5. 2019 में फिर बदली कास्ट 
इस बार मणि रत्नम को लाइका प्रोडक्शन्स का साथ मिला और उन्होंने फिर से अपने ड्रीम प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया. कास्ट फिर बदली और पहले कास्ट होने से चूक गए विक्रम इस बार लीड रोल में लिए गए. उनके साथ फिल्म में आए दमदार एक्टर विजय सेतुपति और जयम रवि. एक महत्वपूर्ण रोल में में सिलम्बरासन भी कास्ट किए गए, जिन्हें जनता सिम्बु कहकर बुलाती है.

विजय सेतुपति, सिलम्बरासन और अमिताभ बच्चन

बॉलीवुड के शहंशाह अमिताभ बच्चन को सुन्दर चोल के रोल में कास्ट किया गया और उसी समय फिल्म से जुड़ीं ऐश्वर्या राय बच्चन. साथ में साउथ में तेजी से उभरीं अमाला पॉल को भी महत्वपूर्ण रोल में कास्ट किया गया. इसी बीच रजनीकांत ने भी मणि रत्नम से फिल्म में एक कैमियो करने की रिक्वेस्ट की थी. लेकिन डायरेक्टर ने ये कहते हुए मना किया कि इससे रजनीकांत के फैन्स नाराज हो जाएंगे.
लेकिन फिल्म बनने में वक्त लग रहा था और विजय सेतुपति के पास नई फिल्में आती जा रही थीं. आखिरकार शिड्यूल और डेट्स फंसने के चलते उन्होंने भी फिल्म छोड़ दी. और इस तरह फिल्म में एंट्री हुई कार्थी की. 

मणि रत्नम और जयमोहन के साथ इलांगो कुमारावेल (Elango Kumaravel) भी स्क्रीनप्ले लिखने में साथ आ गए. लेकिन 'पोन्नियिन सेल्वन'  की कास्ट में एक बार फिर से बड़ा पंगा हो गया. मणि रत्नम और ए आर रहमान के साथ शानदार गाने लिख चुके वैरामुथू पर मी टू मूवमेंट में कई गंभीर आरोप लगे. अनुष्का शेट्टी ने फिल्म के साथ वैरामुथू के जुड़े होने के कारण आपत्ति जताई और फिल्म छोड़ दी. उनकी जगह ही बीच में कीर्ति सुरेश की भी एंट्री फिल्म में हुई.

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अमाला पॉल और कीर्ति सुरेश

मणि रत्नम का विजन बहुत बड़ा था और इसे स्क्रीन पर उतारने के लिए पर्याप्त समय चाहिए था.  लेकिन विजय सेतुपति की तरह कई एक्टर्स के बढ़ते करियर में नए ऑफर बहुत जरूरी थे. इसी वजह से अमाला पॉल और कीर्ति सुरेश ने भी फिल्म छोड़ दी. और फिर 'पोन्नियिन सेल्वन' से जुड़ीं त्रिशा, ऐश्वर्या लक्ष्मी और विक्रम प्रभु. 

6. अब ये है फाइनल कास्ट 

कई सालों और एक दर्जन से ज्यादा महत्वपूर्ण किरदारों वाली 'पोन्नियिन सेल्वन' का शूट आखिरकार 2019 में शुरू हुआ और अब ये फाइनली बनकर तैयार है. अब फिल्म में लीडिंग मेल कैरेक्टर में हैं- विक्रम, कार्थी और जयम रवि. फिल्म की लीडिंग एक्ट्रेसेज हैं- ऐश्वर्या राय, त्रिशा, ऐश्वर्या लक्ष्मी और शोभिता धुलिपाला. अमिताभ बच्चन जो किरदार निभाने वाले थे, उसे अब प्रकाश राज निभा रहे हैं. 

पोन्नियिन सेल्वन फाइनल कास्ट

'पोन्नियिन सेल्वन' तमिल इंडस्ट्री का वो सपना है जिसे कागज से स्क्रीन तक आने में 64 साल का समय लगा. इंडस्ट्री के हर डायरेक्टर ने कभी न कभी इस कहानी को स्क्रीन पर लाने का सपना देखा है और हर एक्टर इस प्रोजेक्ट से जुड़ने के लिए तैयार रहा है. 30 सितंबर को 'पोन्नियिन सेल्वन' पार्ट 1 पूरे देश में रिलीज होगी और अब सारी नजर इस बात पर रहेगी कि जनता के दरबार में फिल्म को क्या रिस्पॉन्स मिलता है.

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