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रिया के सपोर्ट में उतरीं विद्या बालन, कहा- 'अपराध साबित होने तक दोषी ना ठहराएं'

विद्या बालन ने ट्वीट किया- 'एक युवा स्टार सुशांत सिंह राजपूत की असमय मौत मीड‍िया सर्कस बनना बदकिस्मती है. इसी जिंदगी में, एक महिला के तौर पर, रिया चक्रवर्ती के हो रहे इस तिरस्कार से मेरा दिल टूट जाता है.

विद्या बालन विद्या बालन
aajtak.in
  • नई दिल्ली ,
  • 01 सितंबर 2020,
  • अपडेटेड 9:25 PM IST

सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में अब तक कई सेलेब्स अपनी आवाज उठा चुके हैं. शेखर सुमन, कंगना रनौत, शत्रुघ्न सिन्हा, वरुण धवन समेत कई सेलिब्रिटीज इस केस में अपनी राय रख चुके हैं. अब बॉलीवुड एक्ट्रेस विद्या बालन ने भी इस केस में अपनी बात सबके सामने रखी है. उन्होंने ट्वीट कर सुशांत केस को मीड‍िया सर्कस नहीं बनाने और कानून को अपना काम करने देने की अपील की है.

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दरअसल, हाल ही में एक्ट्रेस लक्ष्मी मंछू ने एक ट्वीट किया था. उन्होंने आजतक पर रिया चक्रवर्ती के इंटरव्यू से जुड़ी बातें कही थी. इसपर रिएक्ट करते हुए विद्या बालन ने ट्वीट किया- 'God Bless You लक्ष्मी मंछू ये खुलकर कहने के लिए. एक युवा स्टार सुशांत सिंह राजपूत की असमय मौत मीड‍िया सर्कस बनना बदकिस्मती है. इसी जिंदगी में, एक महिला के तौर पर, रिया चक्रवर्ती के हो रहे इस तिरस्कार से मेरा दिल टूट जाता है. जब तक अपराध साबित नहीं हो जाता तब तक क्या वे निर्दोष नहीं हैं, या अब ऐसा है कि जब तक साबित नहीं हो जाता तब तक आप दोषी हैं? नागरिकों के कानूनी अध‍िकार के प्रति थोड़ी इज्जत दिखाएं और कानून को अपना काम करने दें.'

विद्या के अलावा तापसी पन्नू ने भी लक्ष्मी मंछू के ट्वीट को सपोर्ट किया था. उन्होंने लोगों से अनुरोध किया था कि वे सीधे निष्कर्ष पर ना पहुंचें और इस केस से जुड़े हर व्यक्त‍ि के प्रति सम्मान रखें जब तक कि केस पर फैसला नहीं आ जाता.

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बता दें लक्ष्मी मंछू ने ट्वीट किया था- 'मैंने रिया चक्रवर्ती का पूरा इंटरव्यू देखा. मैंने उसपर सोचा और फिर ये सोचा क‍ि कुछ जवाब दूं या नहीं. मैं कितने ही लोगों को चुप बैठे देखती हूं क्योंकि मीड‍िया ने किसी लड़की को राक्षस बना दिया है. मुझे सच नहीं पता पर मैं सच जानना चाहती हूं और मुझे उम्मीद है कि सच जल्द ही ईमानदारी से बाहर आ जाएगा.पर तब तक क्या हम इस हैवानियत से इस क्रूरता से और एक इंसान और उनके पर‍िवार को बिना किसी तर्क को जाने उन्हें गाली देना बंद नहीं कर सकते क्या? हम कैसे उस विश्वनीय बनें जब तक हम अपनी दिल की बात नहीं रखते जबकि हमारे पास आवाज है. मैं अपने कलीग के लिए खड़ी हो रही हूं.'

 

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