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Who Is Jigisha Joshi: 'मैं तो मरने में भी फेल हो गई थी, नाउम्मीद हुई मां ने कहा- ना होती तो अच्छा होता', फिर कैसे बनी 'मेवाड़ी बाई'?

Who is Jigisha Joshi: राजसमंद के नाथद्वारा की रहनी वाली जिगीषा जोशी को 'मेवाड़ी बाई' और 'मेवाड़ की रानी' के नाम से जाना जाता है. जिगीषा जोशी का अपनी मेवाड़ी भाषा से बहुत लगाव है, इसलिए वह मेवाड़ी भाषा में वीडियो बनाती हैं, जो लोगों को खूब पंसद आती हैं. इनकी वीडियोज पर मिलियन में व्यूज आते हैं.

मेवाड़ी बाई उर्फ जिगीषा जोशी मेवाड़ी बाई उर्फ जिगीषा जोशी
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 08 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 3:10 PM IST

Who is Mewadi Bai Jigisha Joshi: राजस्थान की एक बेटी, जो परिवार के लिए एक नाउम्मीदी का कारण बन गई थी. उसने आज ऐसा नाम बनाया है कि हर कोई उसकी सराहना करते नहीं थकता है. आज वो उस मुकाम पर है कि हर कोई उस लड़की कायल हो गया. हम बात कर रहे हैं राजस्थान की मेवाड़ी बाई यानी जिगीषा जोशी की. जो आज राजस्थान की फेमस सिंगर हैं, और मेवाड़ी भाषा में फनी वीडियोज भी बनाती हैं. 

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राजसमंद के नाथद्वारा की रहनी वाली जिगीषा जोशी को 'मेवाड़ी बाई' और 'मेवाड़ की रानी' के नाम से जाना जाता है. जिगीषा जोशी का अपनी मेवाड़ी भाषा से बहुत लगाव है. इसलिए वह मेवाड़ी भाषा में वीडियो बनाती हैं, जो लोगों को खूब पंसद आती हैं. इनकी वीडियोज पर मिलियन में व्यूज आते हैं. इसी के साथ लाखों में लोग इनको फॉलो भी करते है. जोश टॉक्स में जिगीषा ने बचपन से लेकर अब तक के अपने स्ट्रगल को बताया. 

स्कूल से निकाली गई जिगीषा

जिगीषा ने बताया कि वो बचपन में कितनी लापरवाह थीं, ना पढ़ाई में मन लगता था, ना हा किसी और काम में. जिगीषा हर बार क्लास में फेल हो जाती थीं, जिस वजह से मम्मी से डांट खानी पड़ती थी. इसलिए उन्होने झूठ बोलना शुरू किया. जिगीषा ने कहा- लेकिन मेरा झूठ बोलना मुझे नहीं पता था कि मेरे ऊपर ही पड़ेगा. मैं हर बार मम्मी से अपने मार्क्स को लेकर झूठ बोलती रही, क्योंकि मम्मी हमारी पढ़ाई के लिए दिन-रात मेहनत करती थीं. लेकिन एक दिन मेरे लगातार फेल होने की वजह से मुझे स्कूल से निकाले जाने का नोटिस मिल गया. 

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मम्मी ने कहा तू ना होती तो...

जिगीषा ने कहा कि- मुझे उस दिन मम्मी को सच बताना पड़ा. मेरी मम्मी प्रिंसिपल के आगे हाथ जोड़कर खड़ी थीं, कि इसे मत निकालो, साल बर्बाद हो जाएगा. लेकिन फिर मुझे सरकारी स्कूल में डाला गया. पर पढ़ाई मेरे सिर के ऊपर से निकल जाती थी. मैं तब भी फेल होती थी. एक बार इसी गुस्से में मेरी मां ने मुझे कह दिया कि इससे अच्छा तो तू ना ही होती. मुझे बहुत गुस्सा आया. मैं बहुत रोई. मैंने जाकर कीड़े मारने वाली दवाई खा ली. लेकिन मैं वहां मरने में भी फेल हो गई. क्योंकि मम्मी ने मुझसे उल्टी करवा के सारी दवाई निकलवा दी.  

27 बार जीता अवॉर्ड

जिगीषा ने आगे बताया कि- मुझे शुरू से गाना अच्छा लगता था. मेरी लाइफ में तब एक टीचर की एंट्री हुई. जिन्होंने मुझे मौके दिए. उन्होंने मुझे 27 बार मंच दिया, मैं 27 बार अवॉर्ड लेकर आई. जिसके बाद नाउम्मीद हो चुकी मेरी मां को मुझे पर वापस भरोसा हुआ कि हां में भी कुछ कर सकती हूं. मेरे अंदर भी कोई टैलेंट है. मुझे शुरू से ही मेरे वजन और स्किन को लेकर भी परेशान किया जाता था. जब मुझे लोग जानने लगे तब जाकर ये सब बंद हुआ.

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बनी मेवाड़ी बाई

जिगीषा जोशी का जन्म एक मिडिल क्लास फैमिली के एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था. जिगीषा की मां एक सरकारी अध्यापिक है. उनके घर में सभी लोग मेवाड़ी भाषा बात करते हैं, इसलिए जिगीषा का अपनी भाषा और रीति-रिवाज से एक अलग ही लगाव है. जिगीषा को 2021 में मेवाड़ की लाडली और साल 2022 में वीमेन अचीवर इन सोशल मीडिया, वंडरवुमन 2022 और वुमन ऑफ सब्सटांस आदि कई सम्मान मिल चुके हैं. जिगीषा ने बताया कि उन्होंने लोगों को अपनी भाषा में वीडियो डालते देखा था, जहां से उन्हें भी इंस्पिरेशन मिली. उनका पहला वीडियो ही डेढ़ मिलियन व्यूज क्रॉस कर चुका था. उन्होंने फिर इसी भाषा शैली में वीडियो बनाने शुरू किए. और आज वो मेवाड़ी बाई के नाम से फेमस हैं.

 

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