
मेरी उम्र महज 7-8 साल ही रही होगी जब 'डर', 'बाजीगर' और 'अंजाम' जैसी फिल्में रिलीज हुई थीं. उस समय 'किंग खान' पैदा भी नहीं हुए थे. उस समय
'शाहरुख खान' बस एक नया नवेला एक्टर था. दिल्ली से आया एक चिकना लौंडा.
मुट्ठी भर टीवी सीरियलों में काम कर चुका था, पर एक्टिंग में जान थी. पापा और बड़े भैया बताते हैं कि लोग उसका काम देखकर सीटियां बजाते थे. लेकिन आज के दौर में जब फिल्म 'फैन' देखी , तो एहसास हुआ कि 1993 में 'डर' या 1994 में 'अंजाम' जैसी फिल्मों में इसी शाहरुख का पागलपन, जुनून और दीवानगी देखकर ऑडियंस का तो सिर ही चकरा गया होगा, बाई गॉड!
लेकिन उस दौर के बाद देखते ही देखते आप विलेन से बन गए रोमांस किंग. अब नाक थोड़ी मोटी है तो क्या हुआ? मुझे तो प्यार हो चुका था. थोड़ी बड़ी हुई तो
पता चला कि आप तो पहले से शादीशुदा हैं. तो सोचा कि बॉयफ्रेंड बिलकुल आप जैसा ही ढूंढूगी. पर उफ ये किस्मत- न तो आपके जैसी पर्सनालिटी वाला बॉयफ्रेंड मिला
और न ही आपके नाम वाला.
मेरी उम्र के साथ-साथ आप भी बढ़ते गए. मैं आज भी आपके जैसा पार्टनर खोज रही हूं और आप आज पूरी बॉलीवुड इंडस्ट्री के बादशाह बने
बैठे हैं. पर कुछ तो खास है आपमें. किस्मत भी उनका ही साथ देती है जिनके हौसले बुलंद होते हैं. टीवी पर एक ऐड में बोलते देखा है आपको कि जब पूरी दुनिया सोती
थी, तब आप रात भर जागकर रिहर्सल करते थे. सच झूठ तो नहीं पता, लेकिन आपकी मेहनत आपके काम में बोलती है.
मेरी मम्मी पिछले एक हफ्ते से पापा को टोक रही हैं कि आंगन का बल्ब फ्यूज हो गया है, उसे चेंज कर दो. घर के काम के लिए तुम्हें टाइम ही नहीं मिलता. समझ नहीं आता कि जब दोपहर 1 बजे स्कूल से फ्री हो जाने वाले मेरे टीचर पिताजी के पास बल्ब बदलने का भी समय नहीं होता, तो ऐसे में पूरे दिन शूटिंग करने वाले आप कैसे आसानी से फैमिली मैनेज कर लेते हैं! बीवी को घुमाने भी ले जाते हैं. 3 बच्चों को अलग-अलग समय देते हैं. पार्टी भी करते हैं. हो सकता है 'गौरव चांदना' के जैसे क्लोन्स बना रखे हों.
मेरा फेवरेट बड़े-बड़े डिंपल वाला यह चॉकलेटी हीरो वैसे बढ़ी दाढ़ी में भी जंचता है. तमाम अवॉर्ड फंक्शन में एंकरिंग भी गजब की करता है. वो बंदा किसी यूनिवर्सिटी में लेक्चर देने जाता है तो उसकी कही एक-एक लाइन फेसबुक पर तैरने लगती है. रोमांटिक रोल से लेकर सीरियस कोच तक और डॉन से लेकर रोबोट तक हर रोल में फिट बैठता है. मम्मी हमेशा कहती हैं 'काश ऐसा बेटा होता मेरा'. मैंने समझा दिया है कि बेटा नहीं, अब तो दामाद आएगा ऐसा.
वैसे फिल्म इंडस्ट्री में लोग सही बोलते हैं कि बिना गॉडफादर, बिना सलमान जैसी मसल्स और बिना आमिर जैसी कारीगरी के अगर कोई बन्दा मेगास्टार बना है तो वो सिर्फ और सिर्फ शाहरुख ही है!
आप कितने वर्सटाइल एक्टर हैं इसके नजारे तो मैं सालों से देख रही हूं. लेकिन फिर भी 'मियां भाई की डेयरिंग और बनिए का दिमाग' देखने को बहुत उतावली हूं. मुझ जैसे अनगिनत हैं, आपके दीवाने, आपकी एक झलक को पागल, आपके 'फैन'. कुछ हैं जो 'रईस' की रिलीज डेट पोस्टपोन होने पर थोड़ा निराश हैं. लेकिन आपकी फिल्में 2017 में आए या 2027 में, हम 'फैन्स' की दुआओं में आप हमेशा रईस रहेंगे. आमीन.