
नई दिल्ली के 84 साल पुराने रीगल सिनेमा ने इतने सालों में बहुत सी समस्यायें झेली हैं, जैसे हाई एंटरटेनमेंट टैक्स, मल्टीप्लैक्स के साथ कॉम्पटीशन, पाइरेसी. लेकिन कभी भी इस थिएटर के बंद होने की नौबत नहीं आई थी. लकिन अब इस सिनेमा हॉल पर नोटबंदी की मार पड़ चुकी है.
जानें, 'दंगल' देखने के बाद क्या है बॉलीवुड का रिएक्शन
आमिर खान की 'दंगल' इस थिएटर में दिखाई जाने वाली अंतिम फिल्म होगी. रीगल सिनेमा के मालिक विशाल चौधरी ने कहा, 'एक दशक से इस थिएटर का बिजनेस मंदा है लेकिन पिछला महीना तो बहुत ही बुरा था. 'बेफिक्रे' से हमें बस 4 लाख रुपये की कमाई हुई. हम कम से कम 10 लाख रुपये की उम्मीद कर रहे थे. टिकट से जितनी कमाई होती है उसका आधा हिस्सा डिस्ट्रीब्यूटर को चला जाता है. एक हफ्ते में शो चलाने के लिए हमें 2 लाख रुपये की जरूरत पड़ती है.'
सिनेमा हॉल मालिकों को टिकट का 40% एंटरटेंमेंट टैक्स के लिए देना पड़ता है. इससे उनके मुनाफे पर भारी असर पड़ता है. पिछले एक महीने में रीगल ने छह बार नाइट शोज रद्द कर दिए.
Film Review- दंगल: सच में छोरियां छोरों से कम ना हैं
यह थिएटर 1932 में बना था. सिनेमा प्रमियों के दिल में रीगल थिएटर के लिए खास जगह है क्योंकि यहां राज कपूर और नरगिस फिल्म प्रीमियर्स अटेंड करने आते थे. विशाल कहते हैं, 'हम पुराने दिन वापस लाना चाहते थे. लेकिन अब हम नहीं जानते कि कितने दिन हम अपने बिजनेस को बचा पाएंगे. अगर कोई आदमी घंटों लाइन में खड़ा होकर 2,000 रुपये का नोट लाता है तो क्या आपको लगता है वो फिल्म देखकर वो पैसे बर्बाद करेगा?'