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मुश्किल में है ऐ दिल! फवाद की वजह से बढ़ा बवाल, सिंगल स्क्रीन थिएटरों का रिलीज से इनकार

'ऐ दिल है मुश्किल' की रिलीज को लेकर अड़चने बड़ी, सिनेमा ऑनर्स और एग्ज‍िबि‍टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने फिल्म को रिलीज नहीं करने की घोषणा की.

'ऐ दिल है मुश्किल' 'ऐ दिल है मुश्किल'
पूजा बजाज
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  • 14 अक्टूबर 2016,
  • अपडेटेड 11:18 AM IST

28 अक्टूबर को रिलीज होने जा रही करण जौहर की फिल्म 'ऐ दिल है मुश्किल'  रिलीज को लेकर पहले से ही कई परेशानियों में घि‍री थी कि अब इसके रास्ते में एक और बड़ी अड़चन आ गई है. इस मामले में ताजा अपडेट यह है कि 'सिनेमा ऑनर्स और एग्ज‍िबि‍टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया' इस फिल्म को रिलीज करने के पक्ष में नहीं हैं.

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इस एसोसिएशन के प्रेजिडेंट नितिन दातार ने हाल ही में इस बात की घोषणा  है कि वह करण जौहर की फिल्म 'ऐ दिल है मश्किल' को रिलीज करने के पक्ष में नहीं हैं. उनके इस कदम की मुख्य वजह फिल्म में पाकिस्तानी एक्टर फवाद खान का कैमियो बताया जा रहा है. एसोसिएशन ने कहा है कि उन्होंने यह फैसला  सुरक्षा कारणों को देखते हुए लिया है. उनका कहना है कि मौजूदा हालात को देखते हुए पाकिस्तान के किसी भी आर्टिस्ट की फिल्म को रिलीज करना इस समय एक बड़ा खतरा साबित हो सकता है और वे ये खतरा मोल नहीं लेना चाहते. आपको बता दें कि 'सिनेमा ऑनर्स और एग्ज‍िबि‍टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया' से ज्यातर सिंगल स्क्रीन के ऑनर्स जुड़े हुए हैं, ऐसे में फिल्म का सिंगल स्क्रीन थि‍एटर्स पर रिलीज होना मुश्‍किल में नजर आ रहा है.

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यहां तक कि नितिन दातार ने यह भी कहा, 'एसोसिएशन चाहती है कि बाकी राज्यों के बोर्ड भी फिल्म को रिलीज ना करने के हमारे फैसले का साथ दें और इसे ना रिलीज होने दें. ' इसके अलावा इस ऐसोसिएशन के साथ केवल महाराष्ट्र के ही 430 मेंबर्स जुड़े हुए हैं. ऐसोसिएशन का यह दावा है कि उनका गोवा, गुजरात और कोलकाता के कुछ हिस्सों में भी अच्छा खासा दबदबा है और उनके साथ सिंगल स्क्रीन के अलावा कई छोटे मल्टीप्लेक्स के मालिक भी जुड़े हुए हैं.

एसोसिएशन के फिल्म को रिलीज ना करने के इस फैसले को लेकर BJP सांसद, एक्टर और सिंगर मनोज तिवारी ने सराहना की है. मनोज तिवारी ने इस बारे में बयान देते हुए कहा, मैं डिस्ट्रीब्यूटर्स के इस कदम से बहुत खुश हूं. मैं इसके लिए IMPA इंडियन फिल्म और टेलीवीजन डायरेक्टर्स एसोसिएशन का भी धन्यवाद  करना हूं.' मनोज तिवारी ने कहा कि एसोसिएशन के इस फैसले से सैनिकों का मनोबल बढ़ेगा. मनोज का कहना है कि जब तक कलाकार आतंकवादियों और उनका पोषण करनेवालों की निंदा नहीं करते हैं तब तक ऐसी पाबंदी होनी जरूरी है.

हालांकि फिल्म की रिलीज को लेकर चल रही इन सभी अटकलों के बावजूद गुरुवार को सेंसर बोर्ड ने फिल्म को UA सर्टिफिकेट दे‍ दिया है. करीबी सूत्रों की मानें तो फिल्म में सेंसर की आरे से कोई कांट छांट नहीं की गई है और ना ही फवाद खान पर फिल्माए गए सीन्स को हटाय गया है.

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