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बॉलीवुड बेचारा सितारों का मारा! अगर ऐसा कहा जाए तो गलत नहीं होगा. यहां एक्टर की बिसात नहीं और स्टार आगे किसी की औकात नहीं.
अक्सर फिल्म इंडस्ट्री के डायरेक्टर्स की शिकायत रहती है कि वे कहानी किसी भी तरह की ले जाएं लेकिन प्रोड्यूसर तभी कोई भाव देता है जब उसमें बड़े एक्टर हों, इस चक्कर में कई बार कहानी को पलीता लगते देखा गया है क्योंकि बड़े ऐक्टर जरूरी नहीं है कि हर किरदार में सेट बैठें.
हाल ही में सोनम कपूर 'नीरजा' में नजर आईं और उनकी औसत ऐक्टिंग के बावजूद नीरजा की कहानी इतनी मार्मिक और डायरेक्शन इतना सधा हुआ था कि दर्शकों ने फिल्म को पसंद किया.
आज ही 'सरबजीत' का पोस्टर रिलीज हुआ है. फिल्म में सरबजीत का किरदार रणदीप हुड्डा निभा रहे हैं, और उन्होंने इस किरदार के लिए जी-जान से मेहनत की है. फिल्म में उनकी बहन दलबीर कौर का किरदार अहम है. ऐसे में डायरेक्टर और प्रोड्यूसर ने दिमाग के घोड़े दौड़ाए और 'जज्बा' से बॉलीवुड में वापसी करने वाली ऐश्वर्या राय को चुन लिया. वजह शायद ऐश्वर्या का गला फाड़-फाड़कर चिल्लाना या रोना हो सकता है क्योंकि दलबीर का कैरेक्टर काफी इमोशंस समेटे हुए होगा.
लेकिन असल जिंदगी के किसी भी कैरेक्टर को आप चुनते हैं तो कोशिश यही रहती है कि वह असल जिंदगी के इनसान के भी करीब नजर आए. जैसे सरबजीत के डायरेक्टर उमंग कुमार ने 'मैरी कौम' में किया था. उन्होंने प्रियंका को मेकअप के जरिये कुछ-कुछ मैरी कौम जैसा बना दिया था. शायद सरबजीत के लिए उन्होंने अलग ही एंगल चुना क्योंकि ऐश्वर्या किसी भी एंगल से असल जिंदगी की दलबीर कौर जैसी तो लगती नहीं हैं. फिर वह दलबीर के रोल में भी काफी ग्लैमरस लग रही हैं जबकि असल जिंदगी की दलबीर हालात और जमाने से जूझती एक महिला हैं. वक्त के थपेड़ों और भाई से बिछड़ने का दर्द उनके चेहरे पर साफ नजर आया था.
अब थोड़े और डिटेल्स पर जाएं तो दलबीर का चश्मा और ऐश्वर्या के चश्मे में भी जमीन आसमान का अंतर है. शायद असल दलबीर का चश्मा का स्टाइल ऐश्वर्या के चेहरे पर जमा नहीं होगा? अब आप सोचिए 'गांधी' फिल्म में रिचर्ड एटनबरो ने बेन किंग्स्ले के चेहरे के हिसाब से चश्मा चुना होता तो? चलिए अब देखना है फिल्म में ऐश्वर्या ने एक्टिंग के क्या तेवर दिखाएं हैं...क्योंकि बॉलीवुड है यहां तो सब चलता है.