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जब 'उड़ता पंजाब' देखकर रो पड़ीं आलिया भट्ट की मां

आखिरकार बहुत सारे विवादों के बाद अब आलिया भट्ट की फिल्म 'उड़ता पंजाब' रिलीज होने को तैयार है, आलिया से हुई खास बातचीत के पेश हैं कुछ मुख्य अंश:

पूजा बजाज/आर जे आलोक
  • मुंबई,
  • 15 जून 2016,
  • अपडेटेड 7:35 PM IST

आखिरकार बहुत सारे विवादों के बाद अब आलिया भट्ट की फिल्म 'उड़ता पंजाब' रिलीज होने को तैयार है, आलिया से हुई खास बातचीत के पेश हैं कुछ मुख्य अंश:

'उड़ता पंजाब' फिल्म में आपके लुक अपकी फिल्म 'हाईवे' की याद दिलाती है?
ये फिल्म 'हाईवे' जैसी तो नहीं, लेकिन हां चका चौंध की जिंदगी से दूर है. काफी अलग तरह का किरदार और फिल्म है.

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आपको क्या लगता है कि ये ड्रग्स का मुद्दा सिर्फ पंजाब तक ही सीमित है?
ऐसा नहीं है, ड्रग्स सिर्फ पंजाब की ही नहीं, बल्कि पूरे देश और वर्ल्ड की प्रॉब्लम है .

'बिहार की माइग्रेंट' का किरदार निभाना कितना मुश्किल था?
मैंने कुछ डॉक्युमेंट्रीज देखी जिसकी वजह से मैं एक 'ड्रग अब्यूज' लड़की का किरदार समझ सकूं. मैंने पंजाब के बाहरी इलाकों में जाकर भी किरदार की तैयारी की थी, एक घर में जाकर मैंने उनसे पुछा था की आखिरकार उन्हें क्या चाहिए, उन लोगों को जिंदगी से बहुत कम की चाह होती है, लेकिन वो लोग काफी मेहनत करते हैं.

इस किरदार के लिए खास तरह की भाषा की तैयारी भी आपने की?
जी हां, मुझे 'पंकज त्रिपाठी' जी ने 'बिहार' की भाषा बोलनी सिखाई. वो एक थिएटर एक्टर हैं तो उन्होंने मुझे बड़े आसानी से ये भाषा सिखाई.

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क्या आपने असल जिंदगी में किसी ड्रग एडिक्ट से मुलाकात की है?
आजकल पार्टीज में लोग अक्सर बाथरूम में जाकर ड्रग्स लेते हैं, मैं इससे इंकार नहीं करती, लेकिन कोई ऐसा नहीं है जिससे मेरी मुलाकात हुई हो.

क्या आपने कभी ड्रग्स ट्राई किया?
नहीं, बिल्कुल नहीं, मैं एक फाइटर की फैमिली से हूं, एक वक्त पर मेरे डैड (महेश भट्ट) शराब के नशे में धुत हुआ करते थे, लेकिन पिछले 27 साल से उन्होंने अल्कोहल को टच नहीं किया है, यही कारण है की बचपन से हमें ऐसी प्रेरणा मिली है.

पापा के कितने करीब हैं आप?
मेरे पापा एक ऐसे आदमी हैं जो एक बच्चे से भी बात करते हैं तो एक एडल्ट की ही तरह करते हैं. इसलिए बचपन में रिलेट कर पाना मुश्किल होता था. हमारे पास कुछ ज्यादा बात करने को नहीं होता है, लेकिन अब मैं कनेक्ट कर पाती हूं, और हमारा रिश्ता काफी स्ट्रॉन्ग है.

क्या आपकी इस फिल्म को डार्क कहा जाए?
डार्क के साथ-साथ एंटरटेनमेंट फैक्टर भी है, टॉमी सिंह का किरदार बहुत एंटरटेन करता है.

घरवालों ने फिल्म देखी?
हां देखी, मम्मी तो रोने लगी क्योंकि उन्हें लगा की इस किरदार के साथ अब कुछ बुरा होने वाला है, घरवाले काफी शॉक और सरप्राईज हुए.

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सेंसर ने शुरुआत में आपत्ति दिखाई थी?
सेंसर का खुद का एक प्रोसेस होता है जिसके बारे में मुझे ज्यादा जानकारी नहीं है, लेकिन यह एक महत्वपूर्ण कहानी है जो सबको देखनी चाहिए, यह सिर्फ पंजाब की नहीं बल्कि पूरे देश का मुद्दा है, ड्रग की वजह से लोगों की मौत हो जाती है, लोगों को सावधान करना जरूरी है.

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