
अमिताभ बच्चन 2005 से पोलियो उन्मूलन अभियान से बतौर ब्रैंड एम्बेसडर जुड़े हैं. हाल ही में उन्होंने पोलियो से देश को बचाने के लिए चलाए गए अभियान के सकारात्मक असर पर बात की. अमिताभ ने अपने एक लेख में लिखा कि कुछ समय पहले तक पोलियो से देश को मुक्ति दिलाना कोरी कल्पना लगता था. 10 साल पहले तक दुनिया के कुल पोलियो के मामलों में आधे भारत में थे. जब मैं लड़का था, तब ये सोचना कि पोलियो को मात दी जा सकती है, असंभव था. ये एक अंतहीन लड़ाई थी, जो वाकई में अनन्तता के खिलाफ युद्ध है.'
अमिताभ ने एक लेख में लिखा है, 'वैक्सीनेटर्स और हैल्थ वर्कर्स हर साल 30 लाख बच्चों की जान बचा रहे हैं. इस अभियान के बल पर सिर्फ टीकाकरण से 2000 से अब तक 2 करोड़ बच्चों को जीवन दिया गया है.
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अमिताभ ने लिखा, 'वैक्सीन्स ने बच्चों की सुरक्षा इस तरह पहले कभी नहीं की. 2016 में एक साल से कम उम्र के 86 फीसदी बच्चों को डिप्थीरिया, टेटनस और पेटसुसिस के खिलाफ पूरी तरह टीकाकृत किया गया. जबकि 30 साल पहले यह आंकड़ा 52 फीसदी था. दुनिया पूरी तरह पोलियो से मुक्त है. पिछले साल सिर्फ दो देशों में पोलियो के मामले सामने आए.
पोलियो और अन्य टीकों की असाधारण सफलता के पीछे दुनियाभर में फैले लाखों स्वास्थ्य कार्यकताओं की कड़ी मेहनत है, जो सैकड़ों मील चलते हैं, घने जंगलों और ब्राजील के अमेज़ोनिया की नदियों को पार करते हैं या दक्षिण प्रशांत के दूरस्थ द्वीपों की यात्रा करते हैं. ये यात्रा कठिन हो सकती है, लेकिन ये वॉलेंटियर्स अपने समुदायों की सुरक्षा के लिए खड़े रहते हैं.
किस शर्त पर 75 साल की उम्र में भी स्टंट करने को तैयार हैं अमिताभ
खसरा और रूबेला के खिलाफ सबसे बड़े टीकाकरण अभियान के हिस्से के रूप में भारत में 3.5 लाख से ज्यादा बच्चों को टीका लगाए गए थे. दुनियाभर 2016 में करीब 11.9 करोड़ बच्चों को खसरा के खिलाफ टीका लगाया गया, जो इथियोपिया की पूरी आबादी से अधिक है.