
अनुराग कश्यप ऐसे निर्माता निर्देशक के रूप गिने जाते हैं जिन्होंने हिंदी सिनेमा में एक अलग ही धारा की फिल्मों का निर्माण और निर्देशन किया. बहुआयामी प्रतिभा के धनी अनुराग कश्यप का मानना है कि 46 साल की उम्र में पहुंचने पर उन्हें आज ऐसा लगता है कि वो अपनों को पर्याप्त वक्त नहीं दे पाए. अब चाहकर भी वो ऐसा नहीं कर पाते हैं क्योंकि उन्हें नहीं पता कि क्या और कैसे करें.
अनुराग ने पहली बार जाने माने जर्नलिस्ट और गीतकार नीलेश मिश्रा के साथ एक लंबी बातचीत में पर्सनल लाइफ और खुद के अंदर चलने वाली उधेड़बुन पर खुलकर बात की. क्या आप अच्छे पिता हैं? इस सवाल पर अनुराग ने कहा, "पता नहीं. मुझे नहीं लगता कई बार. मुझे लगता है मैं इंटेंशनली अच्छा पिता हूं. मैंने सबकुछ प्रोवाइड किया है, लेकिन मैंने समय दिया नहीं है कभी. वो मेरे अंदर है."
"मैं हर साल छुट्टी लेकर जाता था एक बार. लेकिन ना तो मैंने अपनी बेटी को समय दिया, मैंने अपने परिवार में किसी को समय नहीं दिया. वो मुझे अब एहसास होता है." इस दौरान अनुराग ने बताया कि वो अपनी 18 साल की बेटी को बहुत प्यार करते हैं. उसमें उनकी जान है."
मुझे कोई नफ़रत नहीं करता, बस लोग हर्ट हैं
फैमिली से जुड़ी बातचीत पर बेहद भावुक नजर आए अनुराग ने कहा, "छब्बीस साल से पता नहीं मैं एक धुनकी में चला जा रहा हूं. चीजें बदलने के या फिर अपने प्रोब्लम सॉल्व करने. मैंने किसी को समय नहीं दिया." इन वजहों से रिश्ते टूटने के सवाल पर मशहूर वेब सीरीज सैक्रेड गेम्स के निर्देशक ने कहा, "इसीलिए रिश्ते टूटे, क्योंकि मैंने समय नहीं दिया. रिश्तों को समय नहीं दिया, अपनों को समय नहीं दिया. वो सब मेरे दोस्त थे. मेरी जिंदगी में कोई नफ़रत नहीं करता मुझसे. या तो गुस्सा है या हर्ट है, नफरत कोई नहीं करता. वो सब हैं."
खुद को एक अच्छा बेटा मानने के सवाल पर अनुराग ने कहा, "ये मेरे मां बाप से पूछना पड़ेगा. मां बाप प्यार तो बहुत करते हैं. लेकिन मुझे नहीं मालूम. मैंने वही बोला न कि मैंने किसी को दिया नहीं समय. और अब मैं इस स्टेज पर हूं, जहां मुझे देना नहीं आता. मैं स्ट्रगल करता हूं. मैं काम में बड़ा एक्सप्रेसिव हूं पर जाती रिश्तों में, पता नहीं."
"मैं नहीं कर पाता. आज मैं कोशिश भी करता हूं तो सामने, ऐसा लगता है एफर्ट कर रहा हूं. मैं सामने बैठ जाऊंगा, लेकिन साइलेंस में. मुझे नहीं मालूम कि क्या चाहिए उनको और कैसे दूं? और कैसे कन्वे करूं कि वो जरूरी हैं मेरे लिए... और जहां पे इमोशन नहीं है, वहां भर भर के कर लेता हूं."
मेरे पास सेविंग्स नहीं
फ्यूचर प्लान्स और मुंबई छोड़ने के सवाल पर अनुराग ने कहा, "मैं आगे का नहीं सोचता. मेरे फ्यूचर प्लान्स ही नहीं होते. मैं सेविंग्स नहीं करता. मुझे जब भी समय मिलेगा ट्रेवल करूंगा."
"मैं जब काम नहीं होता है तब छोड़ (मुंबई को) देता हूं. काम होता है तभी मुंबई में होता हूं. नहीं तो बाहर रहता हूं, घूमता रहता हूं. मुझे एकांत अच्छा लगता है. एकांत में कुछ भी नहीं करता हूं. कभी पढ़ता हूं, कभी कुछ देख रहा होता हूं कभी कुछ नहीं करता हूं. बैठा रहता हूं घंटो बस."