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करण जौहर से दुश्मनी-दोस्ती, नेपोट‍िज्म पर सुननी चाह‍िए अनुराग कश्यप की ये बात

अनुराग कश्यप की फिल्में स्क्रीन पर हर जज्बात को बयां करती हैं. लेकिन अनुराग पर्सनल लाइफ में उतने ही साइलेंट पर्सन हैं. बॉलीवुड में अपने स्ट्रगल, बचपन से लेकर अब तक के सफर पर अनुराग ने खुलकर बातचीत की.

अनुराग कश्यप (PHOTO: इंस्टाग्राम) अनुराग कश्यप (PHOTO: इंस्टाग्राम)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 28 फरवरी 2019,
  • अपडेटेड 4:10 PM IST

बॉलीवुड के डायरेक्टर अनुराग कश्यप की फिल्में स्क्रीन पर हर जज्बात को बयां करती हैं. लेकिन अनुराग पर्सनल लाइफ में उतने ही साइलेंट पर्सन हैं. बॉलीवुड में अपने स्ट्रगल, बचपन से लेकर अब तक के सफर पर अनुराग ने पहली बार खुलकर बातचीत ली. जर्नल‍िस्ट, स्टोरीटेलर नीलेश मिश्रा से बातचीत में अनुराग ने नेपोट‍िज्म से लेकर करण जौहर, अभिषेक बच्चन संग र‍िश्तों के बारे सवालों के जवाब दिए. 

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एक सवाल पर अनुराग ने कहा, "मैं पहले करण जौहर को बहुत बातें सुनाता था. मैं सोचता था जो मुझे नहीं मिल रहा है. दूसरे को मिल रहा है तो बस वो गलत है. करण को हमेशा में एक प्र‍िवलेज इंसान समझता था. ज‍िसे बचपन से सब मिला है. लेकिन बाद में जब मैंने उसे करीब से जाना तो हां वो प्र‍िवलेज तो था."

"लेकिन वो भी तो वही काम करता है जो मैं करता हूं. करण को जो समझ आता है, वो उसे बनाता है. जो मुझे समझ आता है मैं बनाता हूं. लोग मुझसे कहते हैं कि आप तो हमारे लीडर थे, अब उनके साथ हैं. मैं हमेशा खुद को व‍िक्ट‍िम बनाकर रखना पसंद करता था. लेकिन अब ऐसा नहीं है."

नेपोट‍िज्म को लेकर अनुराग ने कहा, "जब मैं नेपोट‍िज्म की ड‍िबेट सुनता हूं तो सोचता हूं. उसमें खामी नहीं है. क्योंकि मैंने भी हमेशा उसी के साथ काम किया है, ज‍िस पर पूरी तरह से भरोसा है. भले वो मेरी पैदाइश नहीं हैं. वो मेरे भाई-भतीजे नहीं हैं. लेकिन जो 'भरोसा' है वो भी तो नेपोट‍िज्म ही है. मैंने भी किसी बिल्कुल नए अनजान चेहरे को काम नहीं द‍िया."

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"जब नेपोट‍िज्म की ड‍िबेट होती है, कहते हैं आउटसाइडर को काम नहीं मिलता. लेकिन जब आउटसाइडर काम मिलने के बाद इंसाइडर हो जाते हैं. तब वो अपना काम संभालने के ल‍िए अपने ही किसी को लाते हैं. किसी अनजान पर तो वो भी भरोसा नहीं करते हैं. वो भी नेपोट‍िज्म ही हुआ."

अनुराग ने कहा, "शुरुआत में मैंने अमिताभ बच्चन और अभ‍िषेक को क्या-क्या नहीं बोला. बाद दोनों के साथ फिल्म बनाई. मैं बतौर एक्टर अमित जी की पहले भी बहुत र‍िस्पेक्ट करता था. लेकिन मैं ज‍ितना खुद को अंडर डॉग, अन प्र‍िवलेज मानता था, मैं अंदर वालों से खार खाता था. इसको काम क्यों मिल रहा है."

अनुराग कश्यप का मानना है कि 46 साल की उम्र में पहुंचने पर उन्हें आज ऐसा लगता है कि वो पर‍िवार के किसी सदस्य को पूरा वक्त नहीं दे पाए. आज जब वक्त देता हूं तो लगता है कोश‍िश कर रहा हूं.

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