
आदित्य चोपड़ा की फिल्म 'बेफिक्रे' रिलीज के नजदीक है और रिलीज से पहले आदि ने एक खत के जरिए अपने डर, अनुभव, करियर की बात की है. उन्होंने इस खत का नाम दिया है, 'माइ सेकेंड फर्स्ट फिल्म.' आदित्य का मानना है कि 'बेफिक्रे' के साथ उन्होंने एक बार फिर बेफिक्र एटीट्यूड अपना लिया है.
आदित्य ने लिखा है, जब मैं 23 साल का था तब मैंने 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे ' की शूटिंग शुरू की थी. उस समय मैं यंग और फीयरलेस था. मुझे उस समय कुछ नहीं जानता था. भगवान मुझ पर मेहरबान थे इसलिए शायद उतनी बेहतरीन फिल्म ना होते हुए भी उसे इतनी सफलता मिली. उस फिल्म के 21 साल हो गए और इस दौरान मैंने कुछ फिल्में लिखीं तो कुछ डायरेक्ट भी की. इससे मेरे ज्ञान का विकास हुआ. लेकिन इस ज्ञान के साथ ही मेरे में डर भी पैदा हो गया. डर थी असफलता की.
अगर आज मैं 23 साल का होता तो कैसी फिल्में बनाता ? मुझे नहीं लगता कि मैं 'डीडीएलजे' जैसी फिल्म बनाता. अगर आज कोई राज, सिमरन से ये कहेगा कि मैं तुम्हें तभी ले जाऊंगा जब बाबूजी तुम्हारा हाथ मेरे हाथ में दंगे तो सिमरन कहेगी, डूड, मैं जा रही हूं. जब मेरे डैड के साथ पैचअप हो जाए तब आना.
'बेफिक्रे' बनाते समय मैं ऐसा महसूस करना चाहता था कि मैं अपनी पहली फिल्म बना रहा हूं. इसके लिए मैंने उन लोगों को अपने आस-पास रखा जो मुझे नहीं जानते थे. चूंकि फिल्म हमने पेरिस में शूट की है इसलिए मैंने पूरा क्रू फ्रेंच रखा था. वो मेरे काम करने का तरीका नहीं जानते थे. वो मेरे पहले के फिल्मों के बारे में नहीं जानते थे. इसलिए उन्होंने मुझे किसी साधारण डायरेक्टर की तरह ट्रीट किया.
आज 45 साल की उम्र में मैं एक बार फिर निडर हो गया हूं. मैं अपने कंफर्ट जोन से बाहर निकल रहा हूं. अपने 21 साल के करियर में मैंने 3 फिल्में बनाई हैं और तीनों ही फिल्मों को लोगों ने बेहद पसंद किया है. आशा करता हूं कि ये फिल्म भी लोगों को पसंद आएगी.