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कैसे बना वायरल टीटू मामा का किरदार? भुवन बाम ने किया खुलासा

भुवन बाम ने बताया कि टीटू मामा का किरदार उनके असली मामा का ही है. एक्ट को देखकर जब मामा ने मुझे फोन किया, मेरे लिए वो सबसे बड़ी बात थी.

 भुवन बाम भुवन बाम
aajtak.in
  • भुवनेश्वर,
  • 10 जनवरी 2019,
  • अपडेटेड 6:59 PM IST

Bhuvan Bam viral YouTube Video इंटरनेट संसेशन बनकर उभरे आर्टिस्ट भुवन बाम ने 'इंडिया टुडे माइंड रॉक्स' में शिरकत की. यूट्यूबर भुवन बाम की एंट्री के साथ ही इंवेंट में पहुंचें फैंस ने जबरदस्‍त वेलकल किया. सेशन के दौरान भुवन बाम ने अपने मशहूर किरदारों के बारे में बात की. भुवन ने बताया कि लोग टीटू मामा को बहुत पसंद करते हैं. लेकिन ये बात कम लोग ही जानते हैं कि ये मेरे र‍ियल मामा से प्रेर‍ित है.

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मैं बड़ोदरा में उनके पास ही पला-बढ़ा हूं. इसल‍िए मुझे उनका किरदार करने में सबसे ज्‍यादा आसानी हुई. लेकिन एक बात ये भी है कि उनका नाम टीटू नहीं है. भुवन ने बताया, जब पहली बार टीटू मामा का किरदार बनाया, वीड‍ियो शूट किया तो अंदाजा नहीं था कि कैसा र‍िस्‍पांस मिलेगा. लेकिन जिस द‍िन बनाया ये वायरल हो गया. कई लोग मेरे मामा को ये वीड‍ियो द‍िखाने पहुंचे कि ये देखों आपकी तरह कॉपी करता है.

ये देखकर मामा ने मुझे ऑफ‍िस फोन किया, ये तूने मेरे ल‍िए बनाया है. मामा का वो फोन मेरे लिए सबसे बड़ी बात थी. मैं समझ गया कि हां कुछ अच्‍छा कर द‍िया है.

समीर फूडी किरदार की कहानी

भुवन बाम ने बताया कि मेरे तीन दोस्‍त का किरदार बहुत फेमस है. तीन दोस्‍त में समीर फूडी, खाने का शौकीन है. इस रोल की बात करूं तो ऐसा बंदा हर ग्रुप में होता है. इसका आइड‍िया मुझे घर में ही एक द‍िन आया था. मेरे पापा एक चश्‍मा लेकर आए थे. उस चश्‍मे को मैंने लगाया, थोड़े दांत बाहर न‍िकाले, बस हो गया. ये किरदार ऐसे ही बन गया. लोगों को मेरा काम पसंद आया. ये सबसे बड़ी बात है.

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सबसे मुश्‍किल किरदार

भुवन बाम ने बताया कि अब तक कई किरदार मैंने बनाए हैं, लेकिन सबसे मुश्‍किल है दुबई वाले अंकल. इसकी वजह है कि मैंने दो वीड‍ियो में उनका किरदार किया. पहले और दूसरे वीड‍ियो में 3 साल का फर्क था. दूसरी वजह ये थी कि उनकी आवाज न‍िकालना आसन नहीं था. कॉमिक किरदारों में भुवन ने कहा, मैं स्पाइडरमैन और एक्‍वॉमैन का फैन हूं.

एक वीड‍ियो एप‍िसोड में कितना टाइम लगता है?

भुवन ने कहा, "मुझे आमतौर पर वीड‍ियो शूट करना तभी पसंद है जब लगता है कंटेंट में मजा आए. मैं 15 द‍िन में एक एप‍िसोड का कांसेप्‍ट ल‍िखता हूं. लेकिन जब मजा नहीं आता तो नहीं करता हूं. क्‍योंकि मैं उन लोगों को हल्‍के में नहीं लेता, जो मुझसे जुड़े हुए हैं. मुझे हमेशा खुद पर डाउट होता है. जब नर्वस रहूंगा तो डर के मारे ही सही अच्‍छा काम करूंगा. ये एक कलाकार के लिए जरूरी है. ये मेरी आइड‍ियॉलजी है. "

वीड‍ियो की प्रेरणा कहां से मिलती है?

ये सब माइंड से आता है. वैसे तो आप ट्रैवल करते हो, आधी स‍िव्‍युएशन घर से मिल जाती है. बस ध्‍यान दो सब अपने पास ही मिलता है.

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