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गुरदासपुर से लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं सनी देओल, क्या ब्लैंक है करियर की आखिरी फिल्म?

सनी देओल की मूवी ब्लैंक 3 मई को रिलीज हो रही है. एक्टर के राजनीति में आने के बाद ब्लैंक को लेकर फैंस में उत्सुकता बढ़ी है. मगर ऐसे भी कयास हैं ब्लैंक सनी देओल की बतौर एक्टर आखिरी फिल्म हो सकती है.

सनी देओल (फोटो: इंस्टाग्राम) सनी देओल (फोटो: इंस्टाग्राम)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 02 मई 2019,
  • अपडेटेड 11:28 AM IST

सनी देओल एक्टर, डायरेक्टर और प्रोड्यूसर बनने के बाद अब राजनीति में भी कदम रख चुके हैं. वे 23 अप्रैल को बीजेपी में शामिल हुए. बीजेपी ने उन्हें पंजाब की हाई प्रोफाइल सीट गुरदासपुर से टिकट भी दिया है. इस बीच सनी देओल की एक्शन थ्रिलर मूवी ब्लैंक भी इसी शुक्रवार 3 मई को रिलीज हो रही है. एक्टर के राजनीति में आने के बाद ब्लैंक को लेकर फैंस में उत्सुकता बढ़ी है. मगर ऐसे भी कयास हैं ब्लैंक सनी देओल की बतौर एक्टर आखिरी फिल्म हो सकती है.

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गुरदासपुर लोकसभा सीट से दिग्गज एक्टर विनोद खन्ना चार बार सांसद रह चुके हैं. हालांकि उनके निधन के बाद उपचुनाव में बीजेपी ये सीट हार गई थी. अब इस सीट को वापस पाने के लिए बीजेपी ने सनी देओल को अपना उम्मीदवार बनाया है. सनी देओल की जड़ें पंजाब से हैं. उनकी ठेठ इमेज देशभक्त, नेकदिल और सज्जन शख्स की है. नामांकन के दिन वे सिख लुक में भी नजर आए थे. पिता धर्मेंद्र का नाम तो उनके साथ है ही. पॉलिटिकल फैमिली बैंकग्राउंड होने की वजह से सनी जानते हैं कि वोटर्स को कैसे लुभाना है. वे जोर-शोर से अपने इलेक्शन कैंपेन में जुटे भी हैं. इन सभी बातों के मद्देनजर सनी देओल के पास गुरदासपुर सीट जीतने के काफी चांस हैं.

अगर सनी चुनाव जीतकर सांसद बनते हैं तो संभव है कि एक्टर की राजनीतिक जिम्मेदारियां बढ़ जाए. हरियाणा और दिल्ली में विधानसभा चुनाव भी होंगे. ऐसे में फ़िल्मी और जाट, सिख बैकग्राउंड की वजह से सनी देओल की भूमिका बीजेपी की राजनीति में बढ़ जाएगी. सक्रिय राजनीति में फिल्मों के लिए वक्त निकालना मुश्किल होगा. अगर सनी का राजनीतिक शेड्यूल बिजी रहा तो ब्लैंक बतौर लीड हीरो सनी देओल की आखिरी बॉलीवुड मूवी हो सकती है. चुनाव जीतने के बाद उनके पास दो ऑप्शन होंगे. या तो एक्टिंग-राजनीति दोनों जारी रखें, या फिर एक सफल राजनेता के पद पर खुद को स्थापित करें. सफल एक्टर तो वे पहले से हैं हीं, लेकिन राजनीतिक मंच उनके लिए चुनौती है.

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वैसे तमाम फ़िल्मी सितारे चुनाव जीतकर भी फ़िल्में करते रहे हैं. खुद गुरुदासपुर के सांसद विनोद खन्ना ने भी सांसद रहते हुए कई फ़िल्में कीं. लेकिन वो आमतौर पर छोटी छोटी भूमिका में ही नजर आए. सांसद रहने के दौरान राजबब्बर, जया बच्चन, हेमा मालिनी, परेश रावल और गोविंदा ने भी फ़िल्में की हैं, लेकिन एक्टर अभिनय में ज्यादा सक्रिय या फिर मुख्य भूमिकाओं में नजर नहीं आए. 

वैसे भी 2011 से सनी देओल की किसी मूवी ने धमाकेदार बिजनेस नहीं किया है. फिल्मों में सनी देओल का जादू थोड़ा कमजोर पड़ा है. ऐसे में अगर वे राजनीति को पूरा समय देने की सोचते हैं तो फैंस को हैरानी नहीं होगी. लिहाजा एक्टिंग के अलावा सनी देओल डायरेक्शन भी करते हैं. वे अपने बेटे करण देओल को फिल्म ''पल पल दिल के पास'' से लॉन्च कर रहे हैं. जो कि 19 जुलाई को रिलीज होगी. दिख भी रहा है कि सनी अब खुद की बजाय बेटों के करियर को लेकर ज्यादा फोकस हैं. ऐसे में सनी देओल के लिए एक्टिंग में ज्यादा सक्रियता के चांसेस कम ही नजर आते हैं.

फिलहाल जबरदस्त चर्चाओं में चल रहे सनी देओल को ब्लैंक से काफी उम्मीदें हैं. इस फिल्म से डिंपल कपाडिया के भतीजे करण कपाड़िया लॉन्च हो रहे हैं. सनी के नाम का फायदा ब्लैंक को मिलो सकता है. ब्लैंक के बॉक्स ऑफिस पर ठीक ठाक कमाई के आसार भी नजर आते हैं. ट्रेड एक्सपर्ट्स के मुताबिक ब्लैंक पहले दिन 2 करोड़ कमा सकती है, जो कि इसके बजट के लिहाज से अच्छा ही कहा जाएगा. अब देखना दिलचस्प होगा कि सनी देओल राजनीति के साथ फिल्मों में किस तरह से सक्रिय होंगे.    

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