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जानिए, जेल में रहकर कुछ इस तरह बीते संजय दत्‍त के दिन

यरवदा जेल में पांच साल की सजा काट रहे अभिनेता संजय दत्‍त को आठ महीने पहले ही रिहा कर दिया गया है. 93 मुंबई बम धमाके से जुड़े मामले में अवैध हथियार रखने के लिए संजय को सजा सुनाई गई थी.

यरवदा जेल से रिहा हुए संजय दत्‍त यरवदा जेल से रिहा हुए संजय दत्‍त
वन्‍दना यादव/पंकज खेळकर
  • पुणे,
  • 25 फरवरी 2016,
  • अपडेटेड 10:29 AM IST

यरवदा जेल में पांच साल की सजा काट रहे अभिनेता संजय दत्‍त को आठ महीने पहले ही रिहा कर दिया गया है. 93 मुंबई बम धमाके से जुड़े मामले में अवैध हथियार रखने के लिए संजय को पांच साल की सजा सुनाई गई थी. संजय दत्त जेल से 440 रुपये साथ से लेकर बाहर आए जो उन्‍होंने वहां पर काम करते हुए कमाए थे. संजय दत्त को यरवदा जेल से सामान्य जिंदगी जीने की मान्यता मिल गई है.

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2013 मई से संजय दत्त पुणे के यरवदा जेल में पांच साल की सजा काट रहे थे. बॉलीवुड के इस सितारे को 93 बम धमाके के सिलसिले में अवैध हथियार रखने के मामले में दोषी करार किया गया था. संजय दत्त 60 महीने ही जेल में काट चुके थे जिसमें से 18 महीने उन्होंने पहले ही अंडरट्रायल जेल में बिताए थे. बाकी बचे 42 महीने की सजा कटाने के लिए 22 मई 2013 को संजय दत्त को यरवदा जेल में भेज दिया गया था.

अच्‍छे स्‍वभाव ने आठ महीने पहले ही दिलाई रिहाई
42 महीने यानि की मई 2013 से अक्टूबर 2016 तक कर समय संजू बाबा को यरवदा जेल में बिताना था लेकिन जेल नियमों के अनुसार, हर कैदी को उसके अच्छे बर्ताव के लिए हर महीने में 7 दिन की सजा माफ की जाती है. जेल अधिकारियों के मुताबिक संजय दत्‍त की 256 दिन यानि आठ महीने की सजा काम हुई है और इसीलिए उन्‍हें आठ महीने पहले ही रिहा कर दिया गया.

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सीखा कागज के लिफाफे बनाना
संजय दत्त को सजा काटने के दौरान कागज की थैलियां बनाने का काम दिया गया था. जेल से बाहर आने तक संजय दत्त ने पंद्रह सौ थैलियां बना ली थीं. रोज सुबह पांच बजे उठने के बाद संजय दत्त को दूध और केला दिया जाता था. फिर साढ़े आठ बजे नाश्ता दिया जाता था जिसमें कभी पोहा तो कभी उपमा होता था. संजय दत्त को कागज की थैलियां बनाने का काम उनकी ही बैरक में सिखाया गया. एक थैली बनाने में संजय दत्त को पहले बहुत समय लगता था लेकिन बाद में संजू बाबा का हाथ इस काम में साफ हो गया था.

संजू को सताती थी घर की याद
संजय दत्त जेल में बीमार रहने लगे थे और उन्‍हें घर और परिवार की याद सताती थी. संजय दत्त को इस बीच कई बीमारियों ने भी अपनी गिरफ्त में लेना शुरू कर दिया था. सबसे ज्यादा उन्हें BP की तकलीफ का सामना करना पड़ा. संजय दत्त ने अपने कमरे में धार्मिक किताबें पढ़ना और योगा करना शुरू किया तो उनकी तबियत में सुधार होने लगा. इन 34 महीनों में संजय दत्त को पैरोल पर कई बार छुट्टी भी मिली जिस पर कई तरह के बवाल का भी उन्‍हें सामना करना पड़ा.

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दोस्‍तों ने नहीं छोड़ा साथ
सांस्कृतिक नाटक की रिहर्सल के दौरान संजय दत्त के दोस्त राजू हिरानी और एक उनके एक और दोस्त उनसे मिलने जेल पहुंचे थे. हाल ही में जनवरी में योगा शिविर के दौरान योग गुरु बाबा रामदेव ने भी संजय दत्त से मुलाकात की थी.

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