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पहलाज निहलानी- कानून के दायरे में है फिल्मों पर कट लगाना, कोई रोक नहीं सकता

पूर्व सेंसर बोर्ड अध्यक्ष पहलाज निहलानी ने फिल्मों में कट लगाने के अपने फैसले को सही बताया है. उन्होंने कहा कि जब तक सेंसर बोर्ड है, तब तक कट लगते रहेंगे. ये कानून के मुताबिक हैं.

Ex CBFC chief Pahlaj Nihalani Ex CBFC chief Pahlaj Nihalani
महेन्द्र गुप्ता
  • नई दिल्‍ली,
  • 24 अगस्त 2017,
  • अपडेटेड 3:06 PM IST

पहलाज निहलानी ने सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद मोदी सरकार के बारे में कई खुलासे किए हैं. उन्होंने फिल्मों पर कट लगाए जाने के पीछे सरकार का दबाव बताया. निहलानी खुद को हटाए जाने के लिए केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को जिम्मेदार बात चुके हैं.

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निहलानी के कार्यकाल में यह बहस जोरों पर रही कि सेंसर बोर्ड का काम कट लगाना है या फिर सिर्फ सर्टिफिकेट देना. अनुराग कश्यप से लेकर शबाना आजमी तक ये बात उठा चुके हैं कि सेंसर बोर्ड सिर्फ सर्टिफिकेट जारी करे, लेकिन शुरू से ही निहलानी इस तर्क के खिलाफ रहे हैं.

निहलानी ने 'आज तक' से हुई बातचीत में कहा, 'फिल्मों पर कट लगने का सिलसिला जारी रहेगा. जब तक सेंसर बोर्ड है, तब तक कट तो लगते रहेंगे. यह कानून के दायरे में है. सिनेमैटोग्राफ एक्ट, 1952 कहता है कि कोई फिल्म यदि इस एक्ट की गाइडलाइन के मुताबिक फिट नहीं बैठती है तो उसमें कट लगाए जा सकते हैं. फिल्मों पर इस एक्ट के तहत ही सेंसर फैसला लेता है.'

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बोर्ड को बताया था कंफ्यूज्ड संस्था

 बता दें कि पहलाज निहलानी ने पद गंवाने के बाद कहा था कि सेंसर बोर्ड एक कंफ्यूज सरकारी संस्था है. बोर्ड की गाइडलाइन में ऐसा नहीं कहा गया है कि फिल्म में कट नहीं लगाए जा सकते हैं. उन्होंने फिल्म उड़ता पंजाब के बारे में भी कहा कि इसे पास न करने को उनसे सरकार ने कहा था.

स्मृति को लेकर कही थी ये बात

निहलानी ने आगे कहा कि जो भी बातें उन्होंने सरकार या स्मृति ईरानी के बारे में कही हैं, वे सब सही हैं. उनका सेंसर बोर्ड से जाना पुरानी बात हो चली है. अब वे इस बारे में वे कुछ और नहीं कहना चाहते हैं.  निहलानी स्मृति ईरानी के बारे में पहले कह चुके हैं, 'मुझे सेंसर बोर्ड से बाहर करने के पीछे स्मृति ईरानी का हाथ है. वो जहां भी होती हैं अपनी मौजूदगी दिखाती हैं. जिस भी मिनिस्ट्री में गई हैं वहां अपने हिसाब से काम करती हैं. पहलाज आगे तंज कसते हुए बोले, दुनिया ने स्म‍ृति ईरानी का काम देखा है. उन्होंने मुझे फोन करके फिल्म इंदू सरकार को बिना किसी कट के पास करने को कहा. लेकिन मैंने फिल्म को सेंसर बोर्ड के नियमों के मुताबिक पास कर दिया, ये बात स्मृति ईरानी को बुरी लग गई'

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