
लेजेंडरी एक्टर दिलीप कुमार भले ही उम्र के इस पड़ाव पर सक्रिय ना हो लेकिन एक दौर ऐसा था जब वे सिर्फ बॉलीवुड ही नहीं बल्कि हॉलीवुड में भी लोकप्रिय थे. यही कारण है कि उन्हें एक बेहद मशहूर फिल्म में काम करने का मौका मिला था हालांकि दिलीप ने इस फिल्म में काम करने से इंकार कर दिया था.
दरअसल मशहूर डायरेक्टर डेविड लीन फिल्म 'द ब्रिज ऑन द रिवर क्वाई' का निर्देशन कर हॉलीवुड में स्थापित हो चुके थे. इस फिल्म ने 7 ऑस्कर जीते थे. वे अपनी नई फिल्म लॉरेन्स ऑफ अरेबिया के लिए कास्टिंग कर रहे थे. डेविड को भारतीय फिल्मों का शौक था. उन्होंने अपनी चौथी शादी भी हैदराबाद की लीला वेलिंगकर से की थी और लीला के चलते डेविड की हिंदी सिनेमा में काफी रुचि बढ़ गई थी.
डेविड इस फिल्म में प्रिंस शेरीफ अली के रोल के लिए किसी यूरोपियन एक्टर को नहीं बल्कि भारत के एक्टर को लेना चाहते थे. इसी फिल्म के लिए वे दिलीप कुमार के पास पहुंचे क्योंकि भारतीय सिनेमा में रुचि के चलते वे दिलीप के काम से वाकिफ थे हालांकि दिलीप कुमार ने प्रिंस अली के रोल को निभाने से इंकार कर दिया था.
दिलीप कुमार को नहीं था हॉलीवुड से लगाव
दिलीप को हॉलीवुड का खास आकर्षण नहीं था. एक रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने अपनी ऑटोबायोग्राफी में भी इस फिल्म के बारे में खास नहीं लिखा है लेकिन माना जाता है कि उन्होंने डेविड की इस करिश्माई फिल्म में करने से इंकार कर दिया था क्योंकि उन्हें लगा कि वे इस फिल्म में बाहरी दिखेंगे. उनकी पत्नी सायरा बानो के मुताबिक, दिलीप को हॉलीवुड में जाने का कोई शौक नहीं था.
दिलीप का ये रोल इसके बाद ओमार शरीफ को मिला था और इस फिल्म के साथ ओमार ने हॉलीवुड में स्टारडम हासिल कर लिया था. इस फिल्म को 1962 में 10 ऑस्कर अवॉर्ड्स के लिए नॉमिनेट किया गया था जिसमें से लॉरेन्स ऑफ अरेबिया ने 7 ऑस्कर अवॉर्ड जीते थे. डेविड लीन ने बेस्ट डायरेक्टर का ऑस्कर जीता. ओमार शरीफ के रोल को भी ऑस्कर अवार्ड के लिए नॉमिनेट किया गया था.