
देश में बढ़ते रेप, यौन हिंसा को देखते हुए कुछ दिनों पहले अमिताभ बच्चन ने अपनी पोती और नातिन के नाम खुला खत लिखा था. अब हिंदुस्तान टाइम्स के आठ पार्ट सीरीज 'लेट्स टॉक रेप' में फरहान अख्तर ने अपनी बेटी के नाम एक खत लिखा है, जिसमें उन्होंने बताया है कि पिता होने के नाते उन्हें किन-किन बातों का डर लगता है.
खत की शुरुआत में ही फरहान ने लिखा, 'मैं रेप और यौन हिंसा के बारे में तुम्हें बताते हुए कैसे इस खत की शुरुआत करूं. कोई भी पिता अपने बच्चों की सुरक्षा ही चाहता है लेकिन हमें इन बातों को डिसक्स करना ही होगा. मैं एक कविता से शुरुआत करना चाहूंगा जो 2012 में मेरी टीम की एक वकील की हत्या के बाद मैंने लिखा था. उस समय तुम बहुत छोटी थी. सिर्फ 12 साल की... उस समय मैं तुम्हें बस मुस्कुराते हुए देखना चाहता था. रेप और मर्डर की बात उस समय तुम्हारे लिए ठीक नहीं थी.'
अमिताभ ने लिखा नातिन और पोती के नाम खुला खत...
फरहान लिखते हैं, 'अब तुम 16 साल की हो और तुम्हारे दिमाग के सवालों को मैं पढ़ पा रहा हूं. वही सवाल मैं खुद से भी पूछता हूं.' फरहान ने आगे कविता लिखीः
'What is this country that I live in? That takes away her right to love Brutalises her with an iron glove Rapes her without fear of there being justice for her tear... ...what do I tell my daughter? That she's growing up to be lamb for the slaughter we've got to make a change Reboot, reformat, rearrange, and never give in no matter how much our head may spin Just keep asking the question What is this country that I live in?'
फरहान ने खत में कुछ गंभीर प्रश्न भी पूछे हैं. जैसे, 'जो मैं पहनना चाहती हूं वो क्यों नहीं पहन सकती? मैं दूसरों की तरह आजाद क्यों नहीं हूं?' फरहान ने आगे लिखा, 'हां, हम असुरक्षित समाज में रहते हैं. लेकिन हमने तुम्हें कभी ये नहीं बताया कि तुम्हें क्या पहनना चाहिए और क्या नहीं. तुमने बॉलीवुड इंडस्ट्री के बारे में बहुत बार पूछा है और मैंने हर बार तुम्हारे सवालों का जवाब दिया है.'
फिल्ममेकर होने के नाते हम अपनी आंखों पर पट्टी बांध कर कैसी भी फिल्में नहीं बना सकते. हमारे ऑडियंस हम पर भरोसा करते हैं इसलिए हमें एंटरटेंनमेंट के नाम पर कुछ भी नहीं बनाना चाहिए.
फरहान ने इस बात पर जोर दिया कि समाज में हर मुद्दे पर खुलकर बात करनी चाहिए.