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शूल-शौर्य-हासिल! वो 5 हिन्दी फिल्में जो हर किसी को देखनी चाहिए

कई ऐसी फिल्में हैं जो मौजूदा दौर से काफी पहले आ चुकी हैं, लेकिन हिन्दी सिनेमा में उन फिल्मों को एक कल्ट माना गया है. ऐसी ही पांच फिल्मों का नाम देखें, जो हर किसी को जरूर देखनी चाहिए.

आदित्य श्रीवास्तव, इरफान खान और के के मेनन आदित्य श्रीवास्तव, इरफान खान और के के मेनन
मोहित ग्रोवर
  • नई दिल्ली,
  • 04 मई 2020,
  • अपडेटेड 3:31 PM IST

लॉकडाउन की वजह से हर किसी को कुछ अधिक वक्त मिल रहा है. वर्क फ्रॉम होम के अलावा मनोरंजन के लिए हर कोई इंटरनेट पर फिल्में खंगाल रहा है. ऐसे में कई ऐसी फिल्में हैं जो मौजूदा दौर से काफी पहले आ चुकी हैं, लेकिन हिन्दी सिनेमा में उन फिल्मों को एक कल्ट माना गया है. कल्ट यानी जिनके डायलॉग इतिहास हो गए, जिनपर आज मीम देखते हैं, जिनको फिल्मी स्कूल में पढ़ाया जाता है. ऐसी ही पांच फिल्मों का नाम देखें, जो हर किसी को जरूर देखनी चाहिए.

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1. शूल, 1999

राम गोपाल वर्मा के द्वारा बनाई गई इस फिल्म में मनोज वाजपेयी, रवीना टंडन मुख्य किरदार में हैं. ये वो फिल्म है, जिसे मनोज वाजपेयी की बेहतरीन फिल्मों में गिना जाता है और जिससे उनके काम को पहचान मिली. एक ईमानदार पुलिसवाला और उसके चारों ओर भ्रष्टाचार सिस्टम. फिल्म में किस तरह गांव, ईमानदारी, भ्रष्ट राजनीति और परिवार की कहानी को बुना गया है, वो शानदार है.

2. शौर्य, 2008

सेना को लेकर भारत में काफी कम फिल्में बनी हैं. 2008 में आई शौर्य एक नाटक पर आधारित है, जिसमें सेना में कोर्ट मार्शल को दिखाया गया है. फिल्म में केके मेनन, दीपक डोबरियाल, राहुल बोस, मिनीषा लांबा समेत कई शानदार अभिनेता हैं. ये वही फिल्म है जिसमें केके मेनन का कोर्ट में ट्रायल चल रहा होता है, जो सीन हमेशा यूट्यूब में ट्रेंडिंग में बना रहता है. लॉकडाउन के बीच शानदार फिल्मों की लिस्ट में इसे जोड़ सकते हैं.

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3. ब्लैक फ्राइडे, 2004

मुंबई में 1993 में हुए सीरियल ब्लास्ट पर आधारित ये फिल्म अनुराग कश्यप ने बनाई. काफी विवादों के बाद ये फिल्म रिलीज हुई थी. केके मेनन, नवाजुद्दीन सिद्दिकी, गजराज राव, आदित्य श्रीवास्तव जैसे अभिनेता फिल्म में हैं. एक किताब पर आधारित इस फिल्म में किसी को भी काल्पनिक नाम नहीं दिया गया है. 1993 में ब्लास्ट कैसे हुए थे, ये फिल्म उसकी पूरी बैकग्राउंड कहानी बताती है.

4. हासिल, 2003

इस फिल्म को देखने के लिए सिर्फ यही काफी है कि ये इरफान खान की फिल्म है. हाल ही में इरफान ने दुनिया को अलविदा कहा है, ऐसे में उनकी याद में इसे जरूर देखिए. इस फिल्म को फिल्मी स्कूलों में पढ़ाया जाता है और देखने के लिए कहा जाता है. तिग्मांशु धूलिया ने इस फिल्म को बनाया है और जिमी शेरगिल, इरफान खान का शानदार काम है. ‘तुमको याद रखेंगे गुरु हम...’ इसी फिल्म का डायलॉग है.

5. मकबूल, 2004

अगर आप बॉलीवुड फिल्मों को पसंद करते हैं, तो इस फिल्म को आपने जरूर देखा होगा. नहीं देखा है तो देख लीजिए... इस फिल्म की कहानी इश्क और गैंग्सटर से जुड़ी है. इस फिल्म में कौन-कौन है, ये ही इस फिल्म को देखने का सबसे बड़ा कारण है. इरफान खान, तब्बू, पंकज कपूर, नसीरुद्दीन शाह, ओम पुरी, पीयूष मिश्रा, दीपक डोबरियाल... फिल्म को लिखा, संगीत और डायरेक्ट विशाल भारद्वाज ने किया है.

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