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FryDay Review: कमजोर कहानी, टाइम पास है गोविंदा की फिल्म

गोविंदा की फिल्म फ्राइडे फुल ऑन मसाला है. फिल्म कॉमेडी से भरपूर है. पढ़‍िए फिल्‍म का रिव्‍यू.

फाईडे पोस्ट फाईडे पोस्ट
मोनिका गुप्ता
  • नई दिल्ली,
  • 12 अक्टूबर 2018,
  • अपडेटेड 8:43 AM IST

फिल्म का नाम: फ्राइडे

डायरेक्टर: अभिषेक डोगरा

स्टार कास्ट: गोविंदा, वरुण शर्मा , बृजेंद्र काला, संजय मिश्रा, दिगांगना सूर्यवंशी, राजेश शर्मा

अवधि: 1 घंटा 54 मिनट

सर्टिफिकेट: U/A

रेटिंग:  3 स्टार

अभिषेक डोगरा ने 'डॉली की डोली' फिल्म बनाई थी, जिसमें राजकुमार राव और सोनम कपूर थे. जिसे ठीक-ठाक रिस्पॉन्स मिला था. अब उन्होंने गोविंदा को लेकर 'फ्राइडे' फिल्म का निर्माण किया है. इसमें उनके साथ अभिनेता वरुण शर्मा भी मौजूद हैं. इसके साथ ही गोविंदा का कमबैक भी हो रहा है. फिल्म की कास्टिंग भी काफी अलग है. पढ़िए फिल्‍म का रिव्‍यू.

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क्या है फिल्म की कहानी?

ये फिल्म दिल्ली के सेल्समैन राजीव छाबड़ा (वरुण शर्मा) से शुरू होती है जो कि पवित्र पानी प्यूरीफायर बेचता है. इसी बीच हर तरफ से निराश होकर जब राजीव का प्यूरीफायर नहीं बिकता है तो कुछ जुगाड़ करके उसकी मुलाकात थिएटर आर्टिस्ट गगन कपूर (गोविंदा) से होती है. गगन शादीशुदा हैं लेकिन उसकी गर्लफ्रेंड बिंदु (दिगांगना सूर्यवंशी )है और बिंदु खुद भी शादीशुदा है. जब राजीव फ्राइडे के दिन गगन कपूर के घर पहुंचता है तो कहानी में कई सारे उतार-चढ़ाव आते हैं. वैसे फिल्म के आखिर में कई दिलचस्प घटनाएं घटती हैं, जिन्हें जानने के लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी.

क्यों देख सकते हैं फिल्म?

फिल्म की कहानी टिपिकल गोविंदा की फिल्मों के जैसे ही है. अभिषेक डोगरा का डायरेक्शन बढ़िया है. मनु ऋषि चड्ढा ने दमदार संवाद लिखे हैं. कई बार तो ऐसे पल भी आते हैं जब आप बहुत जोर से ठहाके मारकर हंसते हैं और हंसते-हंसते आंखों में पानी भी आ सकता है. सिचुएशनल कॉमेडी है, जिसकी वजह से किरदारों की मौजूदगी अलग फ्लेवर लाती है.

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विजेंद्र काला और राजेश शर्मा अपने अंदाज में आपका मनोरंजन करते हैं तो वहीं दिगांगना सूर्यवंशी का काम भी अच्छा है. वरुण शर्मा ने एक बार फिर से बता दिया है कि उनके भीतर एक अच्छा और गुणी कलाकार मौजूद है. वरुण ने भी अपने किरदार को बहुत बढ़िया तरीके से निभाया है और आपको हंसाएंगे भी. इसी के साथ गोविंदा ने उम्दा अभिनय किया है. उनकी कॉमिक टाइमिंग हमेशा की तरह लाजवाब है. फिल्म के डायलॉग भी कमाल के हैं.

कमज़ोर कड़ियां

फिल्म की कमजोर कड़ी इसकी बिना सिर पैर वाली कहानी है. शायद कहानी की तलाश में थियेटर तक जाने वाले दर्शकों के लिए ठीक नहीं है. रिलीज से पहले फिल्म के गाने भी कोई खास कमाल नहीं कर पाए.

बॉक्स ऑफिस

फिल्म का बजट लगभग 15 करोड़ है. ये देखना दिलचस्प होगा की फिल्म की ओपनिंग क्या होती है. पीवीआर खुद इस फिल्म को रिलीज कर रहा है, जिसकी वजह से स्क्रीन्स सही तादाद में मिलने की उम्मीद भी है.

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