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क्या रणवीर सिंह की गली बॉय के साथ देश में आने वाला है रैप रिवोल्यूशन?

Gully boy can give rise to hiphop culture in mainstream india हिपहॉप कल्चर में एग्रेशन की भी अपनी खूबसूरती है. मल्टीकल्चरल होने के कारण ही दुनिया के हर हिस्से में हर भाषा में रैप बनाया जा रहा है. यही कारण है कि रैपर्स की लोकप्रियता में जबरदस्त इज़ाफा देखने को मिला है.

गली बॉय में रणवीर सिंह गली बॉय में रणवीर सिंह
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 15 जनवरी 2019,
  • अपडेटेड 8:19 AM IST

Apna Time Aayega : रणवीर सिंह की फिल्म का ये नया गाना सोमवार को रिलीज हुआ और देखते ही देखते यूट्यूब पर धूम मचाने लगा. हिपहॉप और रैप भारत के लिए नया नहीं है. हनी सिंह, बादशाह और फाजिलपुरिया जैसे कई रैपर खूब सुने जाते हैं और युवाओं में उनकी लोकप्रियता कमाल की है. लेकिन इनका प्रसार और ज्यादा असर अभी मेट्रो सिटीज में ही नजर आता है. हालांकि रणवीर की गली बॉय के साथ देश में हिपहॉप और रैप कल्चर का टाइम बदल सकता है.

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जोया अख्तर के निर्देशन में बनी फिल्म में रणवीर सिंह खुद रैप करते नज़र आएंगे. ये पहली बार है जब किसी रैप आर्टिस्ट के संघर्षों से प्रेरित एक कमर्शियल फिल्म बॉलीवुड में आ रही है. 70 के दशक में न्यूयॉर्क की गलियों से होता हुआ हिपहॉप कल्चर अब इस फिल्म के साथ ही भारत के अंदरूनी क्षेत्रों खासकर हिंदी पट्टी के तमाम इलाकों के युवाओं को अपनी आगोश में लेने के लिए तैयार है.

बॉलीवुड में पहली बार पाकिस्तानी-अमेरिकी सिंगर बोहेमिया ने अक्षय कुमार की फिल्म के लिए रैप किया था. हालांकि इसके कुछ सालों बाद फिल्मों में बादशाह और हनी सिंह जैसे आर्टिस्ट्स ने हिपहॉप को कमर्शियल बनाने में योगदान दिया. एक लंबे अरसे से इन सॉन्ग्स में शराब और शबाब की बातें ही होती रहीं हैं. भारत जैसे देश में जहां एक बड़ा तबका आज भी चमक धमक से दूर बस सर्वाइव करने की कोशिश कर रहा है, उनके लिए लंबे समय तक ऐसे सॉन्ग्स से जुड़े रहना मुमकिन नहीं था. ये गाने टाइमपास करने के लिए तो सही थे, लेकिन इनके साथ ज्यादातर लोगों का कनेक्ट करना मुश्किल था.

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चूंकि ऐसे रैप के सन्दर्भ भी दूसरी दुनिया के लगते थे, इस वजह से भी ये लोगों की जरूरतों में ज्यादा पसंदीदा नहीं बने. हालांकि इनके साथ तमाम शहरों में एक पीढ़ी प्रयोग कर रही थी. अब गली बॉय से उस पीढ़ी की आवाज छाने को तैयार है.   

बताते चलें कि पिछले कुछ सालों में मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु जैसे कई शहरों से ऐसे आर्टिस्ट्स सामने आए हैं जिन्होंने अपने लिरिक्स को तीव्र, गंभीर और सामाजिक चेतना से युक्त रखा है और हिपहॉप कल्चर को शक्तिशाली माध्यम के रूप में दर्ज कराया है, जो असल मायनों में हिपहॉप का मूल स्वरूप है. मुंबई की झुग्गियों की ज़िंदगी हो, करप्शन और गरीबी की मार या फिर कश्मीर में बंदूकों के साए में जीवन, एमसी काश, डिवाइन, एमिवे बनताई जैसे कई रैपर्स हैं जो सामाजिक, निजी और वैचारिक मुद्दों पर रैप परफॉर्म कर रहे हैं.

लेकिन इस आवाज का प्रभाव भी एक इलाके तक ही सीमित नजर आया है. कुछेक अपवाद छोड़कर. पर गली बॉय बड़े पैमाने पर युवाओं में रैप को लेकर क्रांति कर सकती है. युवाओं में म्यूजिक सुनने और उसे पसंद करने का नजरिया भी बदल सकता है. क्योंकि गली में मौजूदा रैप के अलावा जिस तरह के प्रयोग हैं, उसके असर को कमतर नहीं आंका जा सकता. रणवीर की आवाज इसे और ताकतवर बनाने वाली साबित होगी.   

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क्यों रैप का बन सकता है बड़ा बाजार?

दरअसल, बॉलीवुड से अलग ज्यादातर रैपर्स ऐसे मुद्दों पर बात करते हैं जो इनके दिल के करीब है, जो मुद्दे इन्हें ताउम्र कचोटते आए हैं और जिनसे एक बड़ा तबका खुद को रिलेट करता है. चतुराई भरे वर्डप्ले के साथ सधे बोल और बीट्स, रैप की विधा को दूसरे गानों से अलग बनाते हैं.

हिपहॉप कल्चर में एग्रेशन की भी अपनी खूबसूरती है. मल्टीकल्चरल होने के कारण ही दुनिया के हर हिस्से में हर भाषा में रैप बनाया जा रहा है. यही कारण है कि पिछले कुछ सालों तक ये रैपर्स अंडरग्राउंड लेवल पर छाए रहे और कुछ ही सालों में इस कल्चर की लोकप्रियता में जबरदस्त इज़ाफा देखने को मिला है और रणवीर की फिल्म के साथ अब ये कल्चर मुख्यधारा में अपनी जगह बनाने को तैयार है.

रणवीर की फिल्म जैसे-जैसे चर्चाओं में आती जाएगी वैसे-वैसे देश के छोटे शहरों में हिपहॉप कल्चर का नया उदय देखने को मिल सकता है. कह सकते हैं कि गली बॉय एक ऐसा मोड़ है जहां से नई पीढ़ी की पसंद सुनने सुनाने के तरीके पर असर डाल सकती है. 

वैसे मशहूर डायरेक्टर अनुराग कश्यप कह भी चुके हैं कि भारत में फिल्मों से कुछ भी बदला नहीं जा सकता है, लेकिन ये भारत ही हैं जहां पर लोग जोया अख्तर की ही फिल्म दिल धड़कने दो देखने के बाद स्पेन के टूरिज़्म में जबरदस्त वृद्धि कर देते हैं और थ्री इडियट्स और दंगल जैसी फिल्मों से सोचने के अप्रोच में बदलाव ले आते हैं, ऐसे में ये देखना दिलचस्प होगा कि गली बॉय किस स्तर पर देश को हिपहॉप और रैप कल्चर को बुखार में जकड़ेगी.

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