
मशहूर रंगकर्मी हबीब तनवीर की नाट्य मंडली में चरणदास चोर के नाम से मशहूर दीपक तिवारी की हालत इन दिनों बहुत खराब है. वो बहुत बीमार हैं और चलने-फिरने के लायक भी नहीं हैं. आर्थिक समस्या से जूझ रहे दीपक अपना इलाज भी ठीक से नहीं करवा पा रहे हैं.
कुछ दिन उनका इलाज रायपुर के भीमराव अंबेडकर अस्पताल में चला. स्थिती में कोई सुधार न होता देख उनके परिवार वाले उन्हें अपने गांव राजनांद ले गए. उनके परिजनों ने वहां सरकारी मदद भी मांगी, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ.
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छत्तीसगढ़ लोक कला एवं कलाकार संगठन के महासचिव शरद अग्रवाल ने नई दुनिया से कहा कि कई कलाकारों ने अपने जीवन के आखिरी दिन पैसे न होने की वजह से दुख में बिताए. उनका कहना है कि संस्कृति विभाग से मिलने वाले पैसों की प्रक्रिया थोड़ी आसान होनी चाहिए. विभाग के अधिकारी का कहना है कि कलाकारों को संस्कृति विभाग की तरफ से 25 हजार रुपये मिलते हैं, लेकिन जटिल प्रक्रिया होने के कारण पैसे मिलने में बहुत वक्त लग जाता है.
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आपको बता दें कि दीपक 1980-90 के दशक में हबीब तनवीर के ग्रुप नया थियेटर का हिस्सा बने थे. यहां उन्होंने चरणदास चोर, लाला शोहरत राय, मिटटी की गाड़ी, आगरा बाजार, कामदेव का अपना बसंत ऋतु का सपना, देख रहे हैं नैन, लाहौर नहीं देखा और हिरमा की अमर कहानी जैसे नाटक किए थे.