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हेमा मालिनी और सनी देओल के बीच सुलह में इस अभिनेत्री की थी भूमिका

हेमा मालिनी की किताब 'बियोंड द ड्रीम गर्ल' हाल ही में रिलीज हुई है. किताब में उन्होंने बताया है कि उनके और सनी देओल के बीच दूरियां कैसे मिटी थी.

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स्वाति पांडे
  • नई दिल्ली,
  • 29 अक्टूबर 2017,
  • अपडेटेड 6:29 PM IST

हेमा मालिनी की किताब 'बियोंड द ड्रीम गर्ल' हाल ही में रिलीज हुई है. किताब में उन्होंने बताया है कि उनके और सनी देओल के बीच दूरियां कैसे मिटी थी.

जब हेमा ने धर्मेंद्र से शादी की थी, तब वो पहले से शादीशुदा थे और उनके चार बच्चे भी थे. धर्मेंद्र की पहली पत्नी प्रकाश कौर, हेमा को बिल्कुल भी पसंद नहीं करती थीं. कहा जाता है कि उनकी वजह से सनी देओल और बॉबी देओल ने भी हेमा मालिनी से दूरियां बढ़ा ली थी. हाल ही में अपनी बुक लॉन्च के मौके पर हेमा ने बताया था कि जब उनका एक्सीडेंट हुआ था, तब सनी सबसे पहले उनसे मिलने आए थे.

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हेमा मालिनी ने 1992 में फिल्म 'दिल आशना है' से बतौर डायरेक्टर डेब्यू किया था. फिल्म के लिए उन्होंने अपनी अच्छी दोस्त डिंपल कपाड़िया और मिथुन चक्रवर्ती को साइन किया था. इसी फिल्म के दौरान हेमा और सनी के बीच की दूरियां मिट गई थीं.

किताब में उन्होंने लिखा है- मैं फिल्म में मिथुन के साथ पैराग्लाइडिंग सीन शूट करना चाहती थी. फिल्म में एक एरोप्लेन का भी सीन था, जो एक गाने के सीक्वेंस के लिए जरूरी था. शूटिंग के कुछ दिन पहले पायलट का एक्सीडेंट हो गया था और इससे डिंपल बहुत डरी हुई थीं. उन्होंने यह बात सनी देओल को बताई. इसके बाद सनी आकर मुझसे मिले. मैंने सनी को कहा कि चिंता कि कोई बात नहीं है, वो सुरक्षित रहेंगी. इसके बाद हम दोनों में बातचीत शुरू हो गई थी.

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किताब में और क्या है?

1) राजनीति में कैसे आई : हेमा मालिनी की आत्मकथा में दोनों बेटियों ईशा देओल और आहना देओल का काफी जिक्र है. दोनों बेटियों के बचपन, उनके करियर, शादी से जुड़े तमाम पहलू का जिक्र किया गया है. आत्मकथा में बताया गया है कि उन्होंने कैसे राजनीति में प्रवेश किया. आत्मकथा के लेखक रामकमल ने बताया, "18 साल पहले 1999 में गुरदासपुर लोकसभा चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार विनोद खन्ना के प्रचार के बाद हेमा कैसे राजनीति में आई इसका विस्तार से जिक्र किया गया है. इसमें उनके पार्टी ज्वाइन करने और राज्यसभा-लोकसभा सांसद बनने तक की कहानी है. आत्मकथा में 2015 में हुए हेमा मालिनी के कार एक्सीडेंट का भी प्रमुखता से जिक्र किया गया है.

2) कैसे एक्टिंग की शुरुआत हुई : पहली बार आत्मकथा के जरिए हेमा मालिनी के आध्यात्मिक जीवन का भी खुलासा होगा. किताब में इस बात का जिक्र है कि हेमा मालिनी और जयललिता एक साथ तमिल फिल्म से डेब्यू करना चाहती थीं, लेकिन ऐसा नहीं हो सका. फिल्म साइन करने के बावजूद वो प्रोजेक्ट आगे नहीं बढ़ पाया. बाद में 16 साल की उम्र में राजकपूर के ओपोजिट 'सपनों का सौदागर' के जरिए वो हिंदी फिल्मों में हीरोइन के तौर पर नजर आईं. एक साउथ इंडियन लड़की के हिंदी फिल्मों की सफल अदाकारा बनने की कहानी किताब में दर्ज है.

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3) हेमा के फैसलों पर मां का कितना असर रहा : फिल्मों के लिए प्रोड्यूसर्स, डायरेक्टर्स हेमा से नहीं बल्कि उनकी मां जया लक्ष्मी चक्रवर्ती से बात करते थे. उनकी मां को यदि फिल्म में कोई सीन आपत्तिजनक लगता था, तो वो उसे हटाने को कहती थीं. हेमा मालिनी एक स्टाइलिश हीरोइन के तौर पर जानी जाती थीं. पोल्का डॉट्स, ओवरसाइज्ड सलग्लासेज, प्लेटफॉर्म हील्स का ट्रेंड उन्होंने ही शुरू किया था, लेकिन फिल्मों में वो कभी वल्गर कपड़ें पहनी नहीं नजर आई. वो खुद इन सब चीजों में कंफर्टेबल नहीं होती थीं.

4) क्यों टूटी जितेंद्र से सगाई : हेमा मालिनी फिल्मों में अपना करियर नहीं बनाना चाहती थीं, लेकिन वो क्या वजह थी जिसकी वजह से उन्होंने फिल्म को अपना प्रोफेशन चुना, वो दक्षिण भारतीय होते हुए भी वहां की इंडस्ट्री में क्यों नहीं गईं- इस बारे में भी आपको यह किताब पढ़कर ही पता चलेगा. आपको बता दें कि किताब पढ़कर आपको पता चलेगा कि जीतेंद्र संग उनका अफेयर नहीं था, लेकिन दोनों की शादी जरूर तय हुई थी, लेकिन दोनों का रिश्ता किन्हीं वजहों से टूट गया था. बता दें कि हेमा इस वक्त मथुरा से भाजपा की लोकसभा सांसद हैं.

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Source: Mid Day

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