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इसलिए फारूक नहीं चाहते कि उजागर हो राजी की असली 'सहमत' की तस्वीर

फारूक अब्दुल्ला के कार्यालय ने इस बात की पुष्टि की है कि उन्होंने नॉवेल राइट हरिंदर सिक्का को इस बारे में पत्र लिखा है, राइटर का ये नॉवेल साल 2008 में प्रकाशित हुआ था.

फारुक अब्दुल्ला और राजी में आलिया भट्ट फारुक अब्दुल्ला और राजी में आलिया भट्ट
पूजा बजाज
  • दिल्ली,
  • 19 मई 2018,
  • अपडेटेड 4:20 PM IST

आलिया भट्ट की फिल्म राजी में उनका किरदार ना सिर्फ सिनेप्रेमि‍यों का दिल जीत रहा है बल्कि अब इस किरदार के चर्चे राजनीतिक गलियारों में भी होने लगे हैं. जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने राजी फिल्म जिस नॉवेल कॉलिंग सहमत पर बेस्ड है उसके राइटर से आलिया के किरदार की पहचान गुप्त रखने की मांग की है.

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फारूक अब्दुल्ला के कार्यालय ने इस बात की पुष्टि की है कि उन्होंने नॉवेल राइट हरिंदर सिक्का को इस बारे में पत्र लिखा है, राइटर का ये नॉवेल साल 2008 में प्रकाशित हुआ था.

बता दें आलिया स्टारर राजी की कहानी कॉलिंग सहमत के किरदार सहमत पर बेस्ड है. सहमत, कश्मीर की रहने वाली लड़की है जिसकी शादी पाकिस्तान के आर्मी ऑफिसर से एक खास मिशन को पूरा करने के लिए होती है. सहमत अपने देश भारत के लिए पाकिस्तान में रहकर जासूसी करती है और 1971 की जंग को जीतने में देश को कामयाबी दिलाने में मदद करती है.

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फिल्म में आलिया के इस किरदार को दर्शक खूब पसंद कर रहे हैं. दर्शकों में सहमत के बारे में और जानने की उत्सुकता को देखते हुए कॉलिंग सहमत के राइटर ने इस महिला जासूस की पहचान सार्वजनिक करने की ओर इशारा भी किया था. लेकिन अब फारूक अब्दुल्ला ने राइटर से बहादुर जासूस सहमत की पहचान गुप्त रखने की मांग की है.

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16 मई को फारूक अब्दुल्ला द्वारा राइटर को लिखे गए खत में उन्होंने सिक्का को याद दिलाया कि एक दशक पहले, लेखक पहचान की रक्षा करने के लिए सहमत थे. फारूक ने लिख, जब आप एक दशक पहले इस किताब को लेकर मेरे पास आए थे तो मुझे बहुत अच्छा लगा और आप मेरे कहने पर किरदार की पहचान की रक्षा के लिए सहमत भी हुए, जो कि सराहनीय था. कृपया इसे इस तरह रखें.' फारूक ने आगे लिखा, 'ऐसे लाखों लोग हैं जो एक हिंदुस्तान के लिए काम करते हैं और प्रार्थना करते हैं. कश्मीरी अद्भुत, सरल और शांतिप्रिय लोग हैं. और जो इस घाटी(कश्मीर) का दौरा करते हैं वे अपनी ईमानदारी के लिए प्रतिबद्ध होंगे. मैं आपकी सफलता की कामना करता हूं.'

फारूक के इस कदम को लेकर सूत्रों का दावा है कि जब फारूक अब्दुल्ला को किताब की स्क्रि‍प्ट के बारे में सूचित किया गया था, तो उन्हें एहसास हुआ कि इस किताब की असली पहचान जारी हो सकती है और ये होने के बाद सहमत के परिवार को ढूंढना मुश्किल नहीं होगा जो कि उसके परिवार को जोखिम में डाल सकता है.

स्‍क्र‍िप्ट पढ़ने के बाद, अब्दुल्ला ने लेखक को नाम बदलने और इसे काल्पनिक रूप में पेश करने की सलाह दी. लेखक भी फारूक की इस बात से सहमत हुए. लेकिन फिर राजी की सक्सेस के बाद इस बात की चर्चा हुई कि राइटर सिक्का सहमत की पहचान का खुलासा जून महीने में कर सकते हैं. इसके बाद ही अब्दुल्ला हरकत में आए और इस राइटर को पत्र लिखा.

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वहीं सिक्का ने इंडिया टुडे से बात करते हुए कहा है कि महिला जासूस की पहचान को सार्वजनिक करने का फैसला मैंने उन लोगों पर छोड़ दिया है जो उन्हें जानते हैं, वह अब इस दुनिया में नहीं हैं. उन्होंने बताया कि वह इस बात को लेकर महिला जासूस के बेटे से मिल चुके हैं जिन्हें अपनी मां की पहचान उजागर करने को लेकर कोई आपत्ति नहीं है. हालांकि‍ बकौल राइटर, महिला जासूस के कुछ और करीबियों ने फिल्हाल इस बात के लिए हामी नहीं भरी है जिसके चलते राइटर जल्द ही उनसे भी मुलाकात करेंगे और आखि‍री फैसला उन पर छोड़ेंगे.

राइटर सिक्का ने आगे ये भी कहा कि सुरक्षा कारणों के चलते सहमत जब तक जिंदा थीं तब तक वो भी नहीं चाहती थीं कि उनकी पहचान सामने आए. राइटर ने आगे कहा, 'अब जब सहमत इस दुनिया में नहीं हैं तो मुझे नहीं लगता किसी भी तरह की असुरक्षा का मामला खड़ा हो सकता है.'

जानकारी के लिए बता दें हरिंदर सिक्का के इस नॉवेल को साल 2008 में रिलीज करने वाले दिग्गजों में फारूक अब्दुल्ला भी शामिल थे.

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