
अभिनेता मनोज बाजपेयी की फिल्म 'अलीगढ़' का ट्रेलर जब से लॉन्च हुआ है, हर तरफ चर्चा का विषय बन चुका है, हमने मनोज से एक्सक्लूसिव बातचीत की है, पेश हैं उसी के मुख्य अंश.
आपकी फिल्म 'अलीगढ़' का ट्रेलर लॉन्च हुआ और अब सुप्रीम कोर्ट में धारा 377 पर सोच विचार के लिए याचिका दायर की गई
है?
जी, सुप्रीम कोर्ट में समलैंगिकता की धारा 377 के लिए याचिका दायर की गई है और सुप्रीम कोर्ट इस बार निर्णय करने वाला है.
सुप्रीम कोर्ट ने खुद ही कहा कि आप याचिका दायर कीजिए, तो ये एक अपने आप में बहुत बड़ी बात है क्योंकि सबसे बड़ी कोर्ट भी ये
मान रही है कि ये गलत है लेकिन जब तक याचिका नहीं आएगी तब तक कोर्ट कुछ नहीं कर सकती है. 2 फरवरी को केस की सुनवाई
है. मुझे लगता है कि कुछ बेहतर रिजल्ट सामने आएगा.
आपकी 'अलीगढ़' फिल्म में भी समलैंगिकता का आधार है?
जी हमारी फिल्म समलैंगिकता के साथ-साथ 'एकांत के अधिकार' के बारे में भी बात करती है. हमारी फिल्म में भी वही लड़ाई लड़ी जा
रही है.
आप फिल्म में प्रोफेसर सिरस का किरदार निभा रहे हैं, और जब आपने उनके ऊपर रिसर्च किया तो किन-किन बातों का पता
चला ?
वो शब्दों का जादूगर था, उसे प्रेम से भी प्रेम था, वो एक कवि भी था. तो उन्हें जानने के लिए मैंने काफी प्रयास किया क्योंकि शहर
की भाग दौड़ में हम लोग कहीं ना कहीं प्यार का मतलब भूल जाते हैं.
फिल्म के ट्रेलर को 'A ' सर्टिफिकेट दिए जाने पर भी मतभेद हैं?
हां, हमारे ट्रेलर में ना जाने ऐसा क्या था जिसके लिए इसे A सर्टिफिकेट मिला, ये हमारे लिए भी बड़ा सवाल था, इसीलिए हमने
सोशल नेटवर्किंग साइट पर डाला, कि आप ही बताएं की ये A क्यों है? आखिर प्रजातंत्र में कोई तो बताए कि आखिर ऐसा क्यों है?
आखिर हम बनाएं क्या? हर फिल्म के साथ सेंसर बोर्ड का रवैया अलग रहा है, अब सरकार को सोचने की जरुरत है कि सेंसर बोर्ड की
जगह सर्टिफिकेशन बोर्ड नहीं होना चाहिए, जो उम्र के हिसाब से कैटगरी बनाए? वैसे भी हमारे मां बाप से बड़ा सेंसर है और कोई नहीं
है. वो हमेशा बताते हैं कि क्या देखना है और क्या नहीं. ये बहुत बड़ा मुद्दा है.
क्या आप देश में खुद को सुरक्षित महसूस करते हैं ?
मैं हमेशा से सुरक्षित महसूस करता हूं. कुछ बातों के कारण ज्यादा असुरक्षित महसूस करने की जरूरत नहीं है, निडर होकर देश में
रहिए, डरने की जरूरत नहीं है.
करियर के इस दौर को कैसे एन्जॉय कर रहे हैं ?
मैं तो सोच रहा था प्लास्टिक सर्जरी करवा लूं (हंसते हुए), वैसे मैं नियत समय पर उठता हूं. व्यायाम करता हूं, हर फिल्म के साथ
जवान हो जाता हूं. भगवान करे कि ये बना रहे. मुझे लगता है कि मैं अच्छा काम करने के लिए ही पैदा हुआ हूं. अब मैं अपनी बेटी को
बड़ा होते हुए देखना चाहता हूं.
आगे कौन-कौन सी फिल्में हैं ?
'सात उचक्के', तब्बू के साथ 'मिसिंग', उसके बाद 'दुरंतो' फिल्म आएगी.