Advertisement

पैसे लेकर गैरों की शादी में नाचना पसंद नहीं: जॉन अब्राहम

जॉन अब्राहम बॉलीवुड के बहुत ही चर्चित सितारे हैं जो अपनी एक अलग पहचान रखते हैं. यह अभिनेता अपनी फिटनेस के लिए भी यूथ के बीच काफी मशहूूर है.

जॉन अब्राहम जॉन अब्राहम
वन्‍दना यादव
  • मुंबई ,
  • 29 मार्च 2016,
  • अपडेटेड 9:32 PM IST

जॉन अब्राहम ने लगभग 13-14 साल से इंडस्ट्री में एक से बढ़कर एक फिल्में की हैं और फिटनेस आइकॉन भी हैं. हाल ही में जॉन की फिल्म 'रॉकी हैंडसम' रिलीज हुई है. हमने उनसे की खास बातचीत, पेश हैं उसी के मुख्य अंश...

'रॉकी हैंडसम' आपने अपने होम प्रोडक्‍शन में बनाने की क्‍यों सोची?
जी मैं एक इमोशनल फिल्म बनाना चाहता था और हमें एक्शन को फिर से परिभाषित करना था. बस इसीलिए हमने 'रॉकी हैंडसम' बनाई. मुझे आज भी याद है जब मैं 'मद्रास कैफे' और 'विकी डोनर' जैसी फिल्मों की स्क्रिप्ट लेकर कॉर्पोरेट हाउस में जाता था तब किसी ने भी इन स्क्रिप्ट्स को तवज्जों नहीं दी थी. सब ने उठाकर बाहर फेंक दिया था. तब मैंने उन फिल्मों को अपने प्रोडक्शन हाउस के बैनर 'जॉन अब्राहम एंटरटेनमेंट' के तहत बनाने की ठानी और देखिए हमें दो-दो नेशनल अवॉर्ड्स से नवाजा गया.

Advertisement

सुना है साउथ में भी 'रॉकी हैंडसम' बनाना चाहते हैं?
जी साउथ के दो सुपरस्टार्स हैं, वो इस फिल्म को साउथ में बनाना चाहते हैं. यह एक काफी सेफ और कमर्शियल फिल्म है. मैं तमिल और तेलुगु में प्रोड्यूस करूंगा लेकिन एक्टिंग कोई और करेंगे.

आप सिर्फ प्रोमोशन के वक्त ही दिखाई देते हैं, अवार्ड्स में नहीं आते?
ना तो मुझे अवॉर्ड्स कार्यक्रम में दिलचस्पी हैं और ना ही किसी की शादी में पैसे लेकर नाचने में. मैंने अपनी जिंदगी में कुछ उसूल बनाएं हैं, जिनका मैं शिद्दत से पालन करता हूं. शादियों-पार्टियों में नहीं नाचना इनमें से एक है.

लेकिन बाकी एक्टर्स तो ऐसा करते हैं?
गैरों की शादी में पैसे लेकर नाचना मेरे लिए शर्मिंदिगी की बात है हालांकि कुछ अभिनेता इसे कलाकार का काम कहकर सही ठहराते हैं. मैं ऐसा करके अपनी रातों की नींद नहीं खोना चाहता.

Advertisement

अवॉर्ड्स सेरेमनी को आप कैसे देखते हैं?
आज-कल के अवॉर्ड्स कार्यक्रम सिर्फ टेलीविजन के धारावाहिक हैं जहां सिर्फ नाच-गाना ही होता हैं. हमारे यहां दस-दस अवॉर्ड्स फंक्शन होते हैं लेकिन किसी एक पर भी भरोसा नहीं कर सकते. बाहर विदेश में देखिए ऑस्कर सिर्फ एक ही अवॉर्ड है और जो मुश्किल से मिलता है.

आप बहुत कम फिल्में करते हैं?
मैं ज्यादा फि‍ल्में नहीं करता लेकिन अच्छी फि‍ल्में करना चाहता हूं. 'वेलकम बैक' से पहले मैंने 'मद्रास कैफे' को भी पूरे सात साल दिए थे. तब कई लोगों ने मुझसे कहा कि तुम बेवकूफी कर रहे हो लेकिन उसी फिल्म को 2 नेशनल अवॉर्ड्स मिले. इसलिए मैं अच्छी फि‍ल्मों के साथ ही अपना नाम जोड़ना चाहता हूं.'

यूथ क्‍या फिटनेस मंत्र देना चाहेंगे?
मैं हमेशा यही कोशिश करता हूं कि मैं जो ज्ञान देता हूं उसका पालन भी करूं. मैं चाहता हूं कि हर एक यूथ हेल्‍दी होने का मतलब जाने और कोई भी शॉर्ट कट ना फॉलो करें. मैंने खुद कभी भी खाने-पीने में बहुत सावधानी बरती है. यही सब आज के यूथ को भी समझाता हूं. डेली एक्सरसाइज करने से अच्छी बॉडी बनती है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement