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#OneDayAtATime: सोनाली बेंद्रे ने बताया- बीमारी से जुड़ा हैश टैग कैसे बना ट्रेंडिंग टॉपिक?

सोनाली बेंद्रे ने जिस हिम्मत के साथ कैंसर से लड़ाई लड़ी वो काबिलेतारीफ है. अपनी इस पूरी जर्नी में वे सोशल मीडिया  पर काफी एक्टिव रहीं. मुश्किल की घड़ी में एक्ट्रेस के बेटे और पति ने उनका बहुत साथ दिया.

शोमा चौधरी के साथ सोनाली बेंद्रे PHOTO: Vishal Ghavri शोमा चौधरी के साथ सोनाली बेंद्रे PHOTO: Vishal Ghavri
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 02 मार्च 2019,
  • अपडेटेड 5:54 PM IST

पिछले साल सोनाली बेंद्रे को कैंसर होने की खबर ने फैंस और बॉलीवुड सेलेब्स को चौंकाया था. न्यूयॉर्क में इलाज कराने के बाद अब वे भारत लौट चुकी हैं. अभी भी कैंसर से उनकी जंग जारी है. जिस हिम्मत से सोनाली ने कैंसर से लड़ाई लड़ी वो काबिलेतारीफ है. वे सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहीं.  #OneDayAtATime और #SwitchOnTheSunshine उनके ज्यादातर पोस्ट में नजर आया और टॉप ट्रेंडिंग में भी रहा.

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इंडिया टुडे कॉन्क्लेव के 18वें संस्करण में एक्ट्रेस ने बताया कि कैसे ये दोनों हैशटैग की शुरूआत हुई. सेशन The Empress of Maladies: How I beat cancer. What it taught me में सीनियर जर्नलिस्ट शोमा चौधरी से बातचीत के दौरान एक्ट्रेस ने कहा, ''गोल्डी ने मुझे इस जर्नी में बेहद मोटिवेट किया. वे मुझे हमेशा कहते थे सोनाली हम ये जंग जीत जाएंगे."

"वे हर सुबह मुझे प्रोत्साहित करते और कहते सोनाली वन डे एट अ टाइम. ऐसे ही #OneDayAtATime शुरू हुआ. हर वक्त जब भी मैं नर्वस होती तो मैं कहती स्विच इट ऑन सोनाली-स्विच इट ऑन. यही से #SwitchOnTheSunshine ट्रेंड में आया.''

एक्ट्रेस ने कहा, ''किसने सोचा था कि मैं सोशल मीडिया पर इतनी एक्टिव रहूंगी. जबकि मैं टैक्निकली साउंड नहीं हूं. लेकिन इन दोनों हैशटैग ने मेरी जर्नी को बताया, बयां किया है. जब भी आप निराश हो तो उस एक दिन के बारे में सोचो कि और कहो One Day At A Time, उस पल का सामना कर आगे बढ़ो. ऐसे करते करते एक हफ्ता बीत जाएगा. सनसाइन को स्विच करो. आप बहुत सारी चीजों को सनसाइन के जरिए देख सकते हो. आपको सब कुछ खूबसूरत लगेगा.''

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सहानुभूति नहीं चाहतीं थीं सोनाली बेंद्रे

सोनाली अपनी बीमारी के दौरान किसी की सहानुभूति नहीं चाहती थीं. उन्होंने कहा, ''मैं ट्रीटमेंट के दौरान किसी भी तरह की सहानुभूमि नहीं चाहती थी. हालांकि मैं महसूस करूंगी, लेकिन मैं ये नहीं चाहती.'' कॉन्क्लेव के दौरान कैंसर पर बोलते हुए वे कई बार इमोशनल हुईं. उनका कहना है कि चाहे आज वो निडर बन गई हैं लेकिन कहीं ना कहीं उनमें डर मौजूद है.

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