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मुंबई में एक बार फिर सोनू निगम ने अजान के मसले पर बात की. मौक़ा था 'आज तक' के कार्यक्रम मुंबई मंथन 2017 का. इस दौरान उन्होंने बताया कि लाउडस्पीकर से जुड़ा एक जरूरी सवाल कैसे साम्रदायिकता से जोड़ दिया गया. जबकि उन्होंने ऐसा कुछ कहा ही नहीं था. 'कल हो न हो' का एक गाना सुनाने के बाद सोनू ने कई सवालों के जवाब दिए.
मैं धार्मिक नहीं, लेकिन नास्तिक भी नहीं
अजान मामले पर दोस्तों की प्रतिक्रया के सवाल पर सोनू ने कहा, 'मैं हैरान था. मैं बताना चाहता हूं कि मैं धार्मिक नहीं हूं, लेकिन मैं नास्तिक भी नहीं हूं. मुझे किसी धर्मं को फॉलो करने की आवश्यकता नहीं है. लेकिन मैं सबमें ईश्वर देखता हूं. करीब 20 साल साथ रहे मेरे दोस्त अचानक मजहबी बन गए. जिसका उस्ताद मोहम्मद रफ़ी है, जिन्हें रो-रो कर सुनता है, ऐसे दोस्त की बात उन लोगों ने नहीं समझी. पर कई लोग मेरे साथ भी थे. लोगों ने भी कहा आपने अच्छा मुद्दा उठाया और तमीज से उठाया. मुझे धमकी दी गई. मैं कैसे देश में रहता हूं.
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मेरे घर के पास ही लाउडस्पीकर चलने लगा था
क्या अब भी सोनू को अजान की वजह से सोने में दिक्कत होती है? इस सवाल पर हलके अंदाज में कहा, कल रात को ही ऑस्ट्रेलिया से आया हूं अच्छे से सोया. लाउडस्पीकर का मुद्दा दरअसल, मेरे स्टूडियो में है. हालांकि मैंने जब सवाल उठाया तो बदले के तौर पर मेरे घर के पास भी ये शुरू हो गया. हर इंसान का फर्ज बनता है जो उसे गलत दिखे वो आवाज उठाए, तकलीफ का हिस्सा ना बने. अजान मामले में धर्म भी जुड़ गया था. भारत में लोग बात का मर्म नहीं समझते, उसे ऊपरी तौर पर देखते हैं. उसी ट्वीट में मैंने मंदिर, गुरुद्वारे के बारे में लिखा है, लेकिन अजान को हाइलाइट किया गया.
मैं न वामपंथी हूं, न दक्षिणपंथी
10 के बाद कोर्ट का ऑर्डर है. आप आवाज नहीं कर सकते. सुबह या रात, जब शांति की बात हो तब आप आवाज नहीं कर सकते. मुंबई में मैंने सब कुछ देखा है. मैंने हमेशा सीखा है कि कभी गलत संगत में न हो. मैं गलत लोगों के साथ नहीं घूमता. कभी भी गली देने वालों के साथ नहीं रहता. दरअसल, टि्वटर ऐसा प्लेटफार्म है, जहां कोई किसी को भी गाली दे सकता है. मैं सिंगापुर में था, लोगों ने मुझसे पूछा कि सिनेमा हॉल में राष्ट्रीय गान होना चाहिए या नहीं? मैंने कहा- इसे आप रेस्टोरेंट, मूवी हॉल में बजाकर छोटा ना करिए. मैं अपने मां-बाप को वहां ले जाऊंगा जहां उनकी इज्जत होगी. मेरे हिसाब से थिएटर में राष्ट्रीय गान नहीं बजना चाहिए और अगर बज रहा है तो सबको खड़ा होना चाहिए. इसमें क्या एरोगेंस. मैं दूसरों के राष्ट्र गान के लिए भी खड़ा होऊंगा. मैं वामपंथी नहीं हूं, न दक्षिण पंथी हूं. मैं बीच में हूं.
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ये मेरे अकेले की लड़ाई थी
मैं जान बूझ के साथ लुक से साथ एक्सपेरिमेंट नहीं करता. मूड जो करता है, वो करता हूं. अपने तरीके से जिंदगी जीता हूं. मैं और मेरी पत्नी मधुरिमा मिलकर कपड़े चुनते हैं. मैं खुशहाल जिंदगी बीता रहा हूं. विवाद के समय मैंने किसी चैनल जाकर कुछ नहीं कहा. मैं किसी पार्टी का नहीं हूं. मेरे अकेले की लड़ाई थी. मैं संतुलित इंसान हूं.
कई सिंगर्स गाना भी नहीं जानते, वो भी गा रहे हैं
आजकल अरिजीत, अरमान मलिक अच्छा गा रहे हैं. कई सिंगर्स गाना भी नहीं जानते, वो भी गा रहे हैं. मैंने रफी साहब को आदर्श माना, लेकिन उनकी तरह बनने की कोशिश नहीं की. सबकी अलग पहचान होती है. मैं खुद क्या चीज हूं, ये सोचना चाहिए.मुंबई में हुई भारी बारिश पर सरकार को क्या कहना चाहेंगे?नागरिक के तौर पर कह रहा हूं, किसी से गिला शिकवा नहीं है. मुंबई सरकार के 3 साल हुई हैं. इनका प्रयास दिख रहा है. भविष्य में चाहूंगा कि यातायात और सड़क के हालात ठीक हों.
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मेरे पापा नोटबंदी के खिलाफ थे
सोनू निगम ने नोटबंदी पर भी बात की. उन्होंने कहा, मेरे पापा नोटबंदी के खिलाफ थे. मेरे ख्याल से यह ठीक था. कम से कम कोई सोच तो रहा है कुछ ठीक करने का.मोदी सरकार पर- आपलोग अच्छा काम कर रहे हैं. प्रयास दिख रहा है. कुछ लोग गर्दन पर तलवार लेकर बैठे हैं. यह सही भी है, तभी सरकार अच्छे से काम करेगी.