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बुरी फिल्मों में काम करने से बेहतर, अच्छे प्रोजक्ट का इंतजार करना: मानव कौल

फिल्म में अपनी कास्टिंग और विद्या बालन के संजीव कुमार बनने ले लेकर फिल्म से जुड़े हर पहलू पर थियेटर और फिल्म एक्टर मानव कौल ने की खास बातचीत..

मानव कौल मानव कौल
सिद्धार्थ हुसैन
  • नई दिल्ली,
  • 12 अप्रैल 2017,
  • अपडेटेड 7:48 PM IST

थियेटर और फिल्म एक्टर मानव कौल आजकल सातवें आसमान पर हैं और हों भी क्यों ना आखिरकार उन्हें बॉलीवुड की बेगमजान विद्या बालन के साथ बड़े पर्दे पर काम करने का मौका जो मिल गया है. थियेटर डायरेक्टर, फिल्ममेकर, एक्टर और प्ले राइटर मानव कौल की खुशी का ठिकाना नहीं है.

'सिटी लाइट' 'काय पो छे' और 'वजीर' जैसी बॉलीवुड फिल्मों में दमदार किरदार निभाने के बाद एक्टर मानव कौल अब अगली फिल्म 'तुम्हारी सुलू' में लीड हीरो बने हैं और इस फिल्म में उनकी हीरोइन होंगी एक्ट्रेस विद्या बालन. हाल ही में मानव ने की आजतक के साथ ,खास बातचीत...

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1. विद्या बालन के अपोजिट आपकी पहली फिल्म. सुनते ही आपको पहला ख्याल क्या आया?
विद्या बालन मेरे लिए शायद पहली ऐसी एक्ट्रेस हैं जिन्होंने अपने टैलेंट के दम पर बिना किसी गॉडफादर या बड़े हीरो के बावजूद सोलो फिल्म्स करके लगातार हिट दी हैं. विद्या मेरी और मेरी मां की भी फेवरेट एक्ट्रेस हैं. जब ये बात मैंने अपनी मां को बताई तो उनका जवाब था कि मैं उनकी नजर में अब फिल्म एक्टर बना हूं. जब मैंने विद्या के साथ लुक टेस्ट दिया था तो मैं काफी नर्वस था लेकिन जैसे ही हम मिले विद्या ने मुझे दो मिनट में ही इतना रिलेक्स महसूस करा दिया जैसे कि मैं उन्हें बरसों से जानता हूं, ये निशानी है एक बेहतरीन शखसियत की जो एक कमाल की अभिनेत्री भी हैं.

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2. फिल्म में ये रोल कैसे मिला आपको?
बुरी फिल्मों में काम करने से बेहतर है अच्छी फिल्मों का इंतजार करना और वही मैं ने भी किया. कास्टिंग डायरेक्टर नंदनी का मेरे पास फोन आया था और उन्होंने कहा था कि वह फिल्म के बारे में कुछ बता नही सकती लेकिन ऑडीशन के लिये फिल्म के दो सीन भेज रही है. फिल्म 'तुम्हारी सुलू' के निर्देशक सुरेश त्रिवेणी के सामने मैंने ऑडिशन दिया था और एक सीन को हमने 12 बार अलग-अलग तरीके से किया, फिर हमने चार और सीन किये. सुरेश के साथ मैं कई बार मिला और उन्होंने पूरी स्क्रिप्ट का नरेशन भी दिया और उसके बाद उन्होंने एक्ट्रेस विद्या बालन के साथ मेरा एक लुक टेस्ट करवाया सिर्फ ये देखने के लिये कि स्क्रीन पर हम दोनों की जोड़ी कैसी लग रही है और फिर एक शाम सुरेश त्रिवेणी ने कहा, आप ये फिल्म कर रहे हैं. मुझसे पहले 40 एक्टर्स का लुक टेस्ट हो चुका था.

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3. फिल्म में अपने किरदार और कहानी के बारे में कुछ बताएं?
फिल्म 'तुम्हारी सुलू' आम जिंदगी से जुड़ी एक रोमांटिक लवस्टोरी है. यह फिल्म मुंबई में रहने वाले एक मिडिल क्लास परिवार की कहानी है. मेरे किरदार का नाम है अशोक दुबे और विद्या बालन हैं सुलोचना दुबे, सब उन्हें प्यार से सुलू कहते हैं. मैं एक छोटी से जगह पर काम करता हूं जहां बच्चों के कपड़े बनाए जाते हैं और हमारा एक बेटा भी है. फिल्म में विद्या किसी वजह से रेडियो जॉकी बनती हैं. फिल्म एक स्लाइस ऑफ लाइफ है और ऋषिकेश मुखर्जी की फिल्मों की खुशबू आपको हमारी फिल्म 'तुम्हारी सुलू' में भी महसूस होगी.

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4. फिल्म के निर्माता अतुल कसबेकर ने ट्वीट के जरिये आपकी कास्टिंग का ऐलान किया था और कहा था कि 'हमें हमारा संजीव कुमार मिल गया हैं.'? अतुल कसबेकर के इस कॉप्लिमेंट के बारे में क्या कहेंगे?
हाल ही में अतुल की फिल्म 'नीरजा' को नेशनल अवॉर्ड मिला है और मैं खुद को खुशकिस्मत समझता हूं कि मुझे अतुल की अगली फिल्म में काम करने का मौका मिला. रही बात संजीव कुमार वाले ट्वीट की तो ये अतुल का प्यार और उसका बड़प्पन है. संजीव कुमार साहब सिर्फ मेरे ही नहीं बल्कि पूरे फिल्मी जगत के चहते थे और आज भी हैं. अगर मैं संजीव कुमार का 'स' भी बन पाऊं तो मेरी जिंदगी मुकम्मल होगी. संजीव साहब की फिल्म 'अंगूर' मेरी पसंदीदा फिल्मों में से एक है. मेरे लिए ये तुलना बहुत मायने रखती है.

5. सुना है कि थियेटर के जमाने में संजीव कुमार ने आपके गुरु पंडित सत्य देव दुबे जी के साथ भी काम किया था?
जी हां और मेरे लिये ये एक बेहद खूबसूरत इक्तिफाक है कि मुंबई में मेरे गुरु स्वर्गीय पंडित सत्य देव दुबे जी ने ही संजीव साहब को उनका नाम 'संजीव' दिया था, वरना उनका असली नाम तो 'हरी भाई जरीवाला' था जो सब जानते ही हैं. दुबे जी बताते थे कि संजीव साहब अक्सर रिहर्सल पर लेट आते थे और उनकी इस बात पर दुबे जी को बहुत गुस्सा आता था लेकिन जब वो एक्टिंग करते तो उनका सारा ग़ुस्सा शांत हो जाता था. ऐसे महान कलाकारों में से थे संजीव साहब.

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6. फिल्मों में आपके अभिनय को हमेशा सराहा गया है लेकिन आप क्या आपको लगता हैं कि फिल्म 'तुम्हारी सुलू' आपके करीयर में टर्निंग पॉइंट साबित हो सकती है?
आगे क्या होने वाला है इसके बारे में मैं नहीं सोचता लेकिन ये जरूर है कि फिल्म के निर्देशक सुरेश त्रिवेणी जी, निर्माता अतुल कसबेकर, टी सीरीज और एक्ट्रेस विद्या बालन ने मुझे एक खूबसूरत पल का एहसास कराया है और मेरी जिंदगी के सफर में ये हिस्सा मेरे लिए हमेशा यादगार रहेगा. बाकी जो होगा अच्छा ही होगा ऐसी मैं कामना करता हूं.

7. अक्सर थियेटर एक्टर से जब पूछा जाता है कि फिल्म और थियेटर में वो किसे चुनेंगे तो उनका जवाब 'थियेटर' ही होता है. आपका मुंबई थियेटर में बहुत नाम है ऐसे में आप क्या जवाब देंगे?
मैं बस अच्छे काम को चुनता हूं फिर चाहे वो थियेटर में हो, शॉर्ट फिल्म में या फीचर फिल्म में हो. मुझे अपने काम को परी तरह से उसमें डूब के काम करने में मजा आता है और मैं अक्सर ऐसे मौके ढूंढता हूं ,बाकी सब परफॉर्मिंग आर्ट है और सभी प्लेटफार्म अच्छे हैं.

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