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क्या सच में कंगना रनौत की मणिकर्णिका में दिखाए गए हैं ये पांच गलत तथ्य?

Kangana Ranaut Manikarnika कंगना रनौत की फिल्म मणिकर्णिका: द क्वीन ऑफ झांसी रिलीज हो गई है. फिल्म में कंगना ने लक्ष्मीबाई की भूमिका निभाई है. लेकिन फिल्म आने के बाद इसमें इस्तेमाल ऐतिहासिक तथ्यों को लेकर एक बहस भी देखी जा रही है.

कंगना रनौत कंगना रनौत
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 29 जनवरी 2019,
  • अपडेटेड 11:04 AM IST

झांसी रानी लक्ष्मीबाई पिछले कुछ दिनों से चर्चा में हैं और इसकी एक बड़ी वजह कंगना रनौत की फिल्म मणिकर्णिका: द क्वीन ऑफ झांसी है. इस फिल्म में कंगना ने लक्ष्मीबाई की भूमिका निभाई है. फिल्म रिलीज होने के बाद इसमें इस्तेमाल ऐतिहासिक तथ्यों को लेकर एक बहस भी शुरू है. तमाम लोगों का कहना है कि मणिकर्णिका में सिनेमैटिक लिबर्टी के नाम पर लक्ष्मीबाई की एक ऐसी फिल्म दिखाई जा रही है जो ऐतिहासिक रूप से हकीकत से अलग है. मणिकर्णिका में उदाहरण इतिहास की गलत व्याख्या करते देखे जा सकते हैं. इन बातों को लेकर इतिहास में दूसरे साक्ष्य हैं. हालांकि कुछेक पर भ्रम भी है. आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ उदाहरण...

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#1. शादी बाल विवाह थी, लेकिन...

कंगना रनौत की मणिकर्णिका में दिखाया गया है कि लक्ष्मीबाई की शादी राजा गंगाधर राव के साथ युवावस्था में हुई. जबकि ऐतिहासिक रूप से तथ्य यह है कि लक्ष्मीबाई की शादी एक बाल विवाह थी. विवाह के वक्त उनकी उम्र करीब 14 साल थी. मणिकर्णिका में मेकर्स ने झांसी की रानी को कुछ इस तरह से चित्रित किया है कि वो अंग्रेजों के खिलाफ भारत की आजादी और उसके अधिकार के लिए संघर्ष कर रही हैं.

#2. भारत नहीं लक्ष्मीबाई की लड़ाई झांसी के लिए थी

इतिहास भरा पड़ा है कि लक्ष्मीबाई के गोद लिए बेटे को अंग्रेजों ने उनका वारिस नहीं माना, जिसके बाद उन्होंने झांसी के लिए अंग्रेजों से विद्रोह कर दिया. सिनेमैटिक लिबर्टी के नामा पर फिल्म में अप्रत्यक्ष रूप से झांसी जैसे छोटे राज्य को प्रतीकात्मक तौर पर भारत के रूप में दिखाया गया है. जहां लक्ष्मीबाई पूरे देश के लिए अंग्रेजों से संघर्ष करती नजर आती हैं.

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#3. तात्या टोपे इतिहास में बहुत बड़ा किरदार हैं

तात्या टोपे इतिहास के महत्वपूर्ण किरदार भी है, उनकी भूमिका महज इतनी नहीं है कि १८५७ की क्रांति में वो झांसी की रानी के मेंटर थे. मूवी में महज रानी झांसी को महिमामंडित किया गया है. जबकि उनके साथ काम करने वाले तात्या टोपे जैसे बड़े और महत्वपूर्ण किरदारों को कमजोर दिखाया गया है. मूवी में दिखाया गया है कि झांसी की रानी ने जो किया वे तमाम प्रयास उनके थे.

#4. क्या रानी ने अपने शरीर को जलाने के लिए कहा था

जो ऐतिहासिक तथ्य हैं उसके मुताबिक रानी लक्ष्मीबाई अंग्रेजों से युद्ध के मैदान में संघर्ष करते हुए मरी थीं. तार्किक रूप से देखें तो यह कहीं नजर नहीं आता कि आख़िरी वक्त में कोई उनके साथ था जिसने रानी इच्छा के मुताबिक उन्हें जला दिया. ताकि अंग्रेज लक्ष्मीबाई को पकड़ न पाए. मणिकर्णिका में दिखाया गया है कि रानी को जला दिया गया था और अंग्रेजों को कुछ नहीं मिला.

#5. लक्ष्मीबाई की शिक्षा

मणिकर्णिका में इमेजिनेशन का खूब इस्तेमाल किया गया है. रानी लक्ष्मीबाई को इंग्लिश बोलते दिखाया गया है उनके महल में एक बड़ी लाइब्रेरी, किताबों का विशाल कलेक्शन भी नजर आता है. इन तमाम बातों से जाहिर होता है कि मूवी में ऐतिहासिक तथ्यों की बजाए फिक्शन ज्यादा है.

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