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फिल्म पद्मावत को रिलीज न होने देने के लिए करणी सेना ने लगातार तीन महीने तक विरोध किया, अब खबर आई है कि करणी सेना ने अपना विरोध वापस लेते हुए इस फिल्म की प्रशंसा की है. इसे करणी सेना का यू टर्न माना गया. लेकिन श्रीराजपूत करणी सेना के प्रमुख लोकेंद्र सिंह कल्वी ने इन खबरों को बेबुनियाद बताया है.
दरअसल, श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना- महाराष्ट्र के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष योगेंद्र सिंह कटार ने चिट्ठी लिख कहा था कि उन्होंने 2 फरवरी को पद्मावत देखी है, जिसमें राजपूतों की वीरता और त्याग का बहुत सुंदर चित्रण किया गया है. यह फिल्म रानी पद्मावती की महानता को समर्पित है.
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इस फिल्म में रानी पद्मावती और अलाउद्दीन के बीच कोई भी सीन नहीं है. इस फिल्म में ऐसा कुछ नहीं है जो राजपूत समाज के इतिहास और भावनाओं को नुकसान पहुंचाए.हम इस फिल्म से् पूर्णता संतुष्ट हैं. इसलिए हम हमारा आंदोलन/ विरोध बिना शर्त वापस लेते हैं.
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अब इन खबरों का खंडन करते हुए श्रीराजपूत करणी सेना के प्रमुख लोकेंद्र सिंह कल्वी ने IANS से बातचीत में कहा है, भारत में फर्जी करणी सेना पैदा हो गई है. इस समय इसी नाम से आठ सेनाएं देश में चल रही हैं. कल्वी ने कहा कि फिल्म पद्मावत पर बैन नहीं लगने की वजह लोगों में नाराजगी बढ़ी है, जिसके कारण भाजपा की राजस्थान के उपचुनाव में हार हुई है. आगे भी भाजपा को इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है.