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फिल्म निर्माता ने 13 साल बाद लौटाया पद्मश्री पुरस्कार, मोदी सरकार के इस काम से हैं नाराज

Manipur filmmaker Aribam Shyam Sharma सरकार ने 2006 में फिल्म निर्माता अरिबम श्याम शर्मा को पद्मश्री पुरस्कार से नवाजा था. अब करीब 13 साल बाद शर्मा ने ‘नागरिकता संशोधन विधेयक’ के विरोध में अपना पद्मश्री पुरस्कार लौटाने की घोषणा की है.

अरिबम श्याम शर्मा अरिबम श्याम शर्मा
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 03 फरवरी 2019,
  • अपडेटेड 6:49 PM IST

सरकार ने 2006 में फिल्म निर्माता अरिबम श्याम शर्मा को पद्मश्री पुरस्कार से नवाजा था. अब करीब 13 साल बाद शर्मा ने ‘नागरिकता संशोधन विधेयक’ के विरोध में अपना पद्मश्री पुरस्कार लौटाने की घोषणा की है. 83 वर्षीय शर्मा ने ये घोषणा मणिपुर के इम्फाल में की.  बता दें कि नागरिकता संशोधन विधेयक का लंबे समय से विरोध किया जा रहा है.

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2006 में मणिपुरी सिनेमा और फिल्मों में महत्वपूर्ण योगदान के लिए दिवंगत पूर्व राष्ट्रपति डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम ने शर्मा को इस सम्मान से नवाजा था. शर्मा मणिपुर के जाने-माने फिल्मकार व कंपोजर हैं. उन्होंने कहा, "मणिपुरवासियों को सुरक्षा की जरूरत है. 500 से अधिक सदस्यों वाले सदन (लोकसभा) में राज्य के सिर्फ एक या दो सदस्य हैं. ऐसे में संसद के भीतर देश के उत्तर पूर्वी हिस्से की आवाज क्या और कैसी होगी."

अरिबम श्याम शर्मा ने कहा, "छोटे या बड़े पर राज्य के नाते केंद्र सरकार हमारा सम्मान करे. इसे आबादी के आधार पर नहीं मापा जाना चाहिए. मैं यह मुद्दा इसलिए उठा रहा हूं. उत्तर पूर्वी राज्यों संयुक्त रूप से जब कोई चीज सरकार के समक्ष पेश करें, तब उसे उस चीज पर विचार करना चाहिए. अगर सरकार ऐसा नहीं किया जाएगा, तो स्वाभाविक है कि हम विरोध जताएंगे.”

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क्या है नागरिकता संशोधन विधेयक?

नागरिकता संशोधन विधेयक, 2016 को लोकसभा में नागरिकता अधिनियम 1955 में बदलाव के लिए लाया गया था. केंद्र सरकार ने इस विधेयक के जरिए अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के हिंदुओं, सिखों, बौद्धों, जैन, पारसियों और ईसाइयों को बिना वैध दस्तावेज के भारतीय नागरिकता देने का प्रस्ताव रखा है. इसके लिए उनके निवास काल को 11 वर्ष से घटाकर छह वर्ष कर दिया गया है.  यानी अब ये शरणार्थी 6 साल बाद ही भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं. इस बिल के तहत सरकार अवैध प्रवासियों की परिभाषा बदलने के प्रयास में है. 

2015 में लौटाए थे कई लेखकों ने अवॉर्ड

2015 में अवॉर्ड लौटाने का मामला काफी उछला था. देश में बढ़ रही असहिष्णुता के विरोध में कहानीकार उदय प्रकाश सहित कई लेखकों ने अपने सम्मान वापस कर दिए थे. इनमें मंगलेश डबराल (हिंदी कवि), राजेश जोशी (हिंदी कवि), गणेश देवी, एन. शिवदास (कोंकणी लेखक), वीरभद्रप्पा (कन्नड़ लेखक), गुरबचन सिंह भुल्लर, अजमेर सिंह औलख, आत्मजीत सिंह, वरयाम सिंह संधू आदि नाम शामिल थे.

इस साल कला जगत से इन्हें मिला पद्म पुरस्कार

इस साल हाल ही में सरकार ने पद्म पुरस्कारों की घोषणा की है. जिन हस्त‍ियों को कला जगत से पद्म पुरस्कार के लिए चुना गया हैं उनमें मनोज बाजपेयी, प्रभु देवा  कादर खान, शंकर महादेवन नारायण, तीजन बाई का नाम शामिल है.

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