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कैसे लड़ी कैंसर की जंग, मनीषा ने JLF फेस्टिवल में बताया

Manisha Koirala Talk about cancer बॉलीवुड एक्ट्रेस मनीषा कोइराला ने रविवार को कैंसर से अपनी जंग के पूरे दौर पर जयपुर ल‍िटरेचर फेस्टिवल में चर्चा की.

शबाना आजमी संग मनीषा कोइराला PHOTOS- Twitter शबाना आजमी संग मनीषा कोइराला PHOTOS- Twitter
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 27 जनवरी 2019,
  • अपडेटेड 6:37 PM IST

Manisha Koirala Talk about cancer बॉलीवुड एक्ट्रेस मनीषा कोइराला ने रविवार को कैंसर से अपनी जंग के पूरे दौर पर जयपुर ल‍िटरेचर फेस्टिवल में चर्चा की. उन्‍होंने अपनी जिंदगी और कैंसर से लड़ाई पर एक किताब लिखी है. मनीषा ने फेस्ट‍िवल में कहा, बुरा दौर असफलता का परिचायक नहीं होता है, लेकिन यह आपको कई नए सबक सिखा सकता है और सीख दे सकता है.

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जयपुर साहित्य महोत्सव के इतर मनीषा कोइराला ने कहा, "जिंदगी फूलों की सेज नहीं होती है. हर किसी की जिंदगी में उतार-चढ़ाव होते हैं. लेकिन, हर किसी को यह समझना चहिए कि यह एक बुरा वक्त है और कल अच्छा दौर आएगा." मनीषा के अनुसार, कैंसर ने एक इंसान के तौर पर उन्हें बदल दिया और वह कहीं ज्यादा दयालु सौम्य हो गई हैं. प्रकृति के हर पहलू का आनंद ले रही हैं. उन्होंने कहा कि फॉर्मास्युटिकल कंपनियों और सरकार के बीच साझेदारी होनी चाहिए ताकि भारत में मरीजों को सस्ता मेडिकल उपचार मिल सके.

मनीषा ने कहा, "हमें दुनिया के अपने हिस्से में, जो कि विकासशील देश हैं, कैंसर के बारे में जागरुकता की आवश्यकता है क्योंकि विकसित देश इस बारे में पूरी तरह से जागरूक हैं. वहां के लोग सही समय पर चिकित्सक के पास चले जाते हैं, इसलिए कैंसर का शुरू में ही पता चल जाता है और समय पर ठीक हो जाते हैं. मेरा शरीर इसके संकेत दे रहा था, लेकिन मैं इससे अनजान थी. अगर मुझे इस बारे में पता होता तो पहले ही चिकित्सक के पास चली जाती और पहले ठीक हो जाती."

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मनीषा ने अपनी किताब 'हील्ड : हाउ कैंसर गेव मी अ न्यू लाइफ' के बारे में भी बात की. उन्होंने कहा, इस किताब की शुरुआत मैंने एक खास लाइन से की है कि मैं मरना नहीं चाहती हूं. पहली बार कैंसर के बारे में पता चलने पर मौत का ख्याल ही सामने आया था. वो रात बहुत मुश्क‍िल थी.

मनीषा ने कहा, "जब मैं बीमार थी, मैं सकारात्मक कहानियों की तलाश में थी. मुझे युवराज सिंह और लीजा रे की कहानी को छोड़कर ज्यादा कहानियां नहीं मिलीं, जिन्होंने कैंसर से सफलतापूर्वक लड़ाई लड़ी थी." अभिनेत्री ने कहा, "तो, जब मैं ठीक हो गई तो मैंने अपनी कहानी लोगों के साथ साझा करने का फैसला किया. मेरा यह भी मानना है कि अपनी बात साझा करने से दिल और दिमाग पर से एक तरह का बोझ उतरने में मदद मिलती है. इसलिए, मैंने किताब लिखी और मैं यहां जेएलएफ (जयपुर साहित्य महोत्सव) में हूं क्योंकि मैंने फैसला किया था कि लेखिका बनते ही मैं यहां आऊंगी."

मनीषा को मिला 1942 ए लव स्टोरी से कर द‍िया था र‍िजेक्ट

सेशन के दौरान मनीषा कोइराला ने बताया कि मुझे फिल्म 1942 ए लव स्टोरी के स्क्रीन टेस्ट पर र‍िजेक्ट कर द‍िया गया था. तब मैंने डायरेक्टर व‍िधु व‍िनोद चोपड़ा से 24 घंटे का समय मांगा. पूरी रात मैंने स्क्र‍िप्ट पर काम किया. दूसरे द‍िन मेरा काम देखकर व‍िधु व‍िनोद चोपड़ा हैरान थे. उन्होंने कहा, कल तुमने जीरो परसेंट द‍िया और आज 100 परसेंट.  इस बार जयपुर ल‍िटरेचर फेस्ट‍िवल में मनीषा कोइराला के सेशन को ड‍िज‍िटल प्लेटफॉर्म पर सुन सकते हैं.

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मनीषा ने फिल्मों के अलावा अपने कर‍ियर के अलावा बताया कि जल्द हिमालय पर चढ़ना पसंद करूंगी. मैं हिमालय बेस कैंप भी जा रही हूं. सही ट्रेनिंग मिली तो मैं हिमालय चढ़ने की कोशिश करूंगी. पिछले साल अभिनेत्री दो फिल्मों 'लस्ट स्टोरीज' और 'संजू' में नजर आई थीं.

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