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एक तरफ तमिल फिल्म मर्सल को लेकर शुरू हुआ विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है, तो दूसरी तरफ फिल्म को दर्शकों ही नहीं बड़ी-बड़ी हस्तियों की भी खूब तारीफ मिल रही है. हाल ही में रजनीकांत ने भी इस फिल्म की तारीफ करते हुए ट्विट किया है.
उन्होंने लिखा है कि फिल्म में एक अहम मुद्दे को दिखाया गया है, इसके लिए मर्सल की टीम को बधाई.
हालांकि जिस अहम मुद्दे की बात यहां की जा रही है, उसे लेकर राजनीतिक हलकों में काफी हलचल है. दरअसल जीएसटी को लेकर फिल्म में एक संवाद है. इसमें फिल्म के हीरो विजय कह रहे हैं, 'सिंगापुर में 7 प्रतिशत जीएसटी है, फिर भी वहां मुफ्त मेडिकल सुविधाएं हैं. जबकि भारत में दवाइयों पर 12 प्रतिशत जीएसटी है और अल्कोहल पर कोई जीएसटी नहीं है.' इस सीन में विजय गोरखपुर ट्रेजेडी पर भी बोलते नजर आ रहे हैं. इसी सीन को कई बीजेपी नेताओं ने हटाने की मांग की है.
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इस पर फिल्म के प्रोड्यूसर ने भी ट्विट कर कहा था कि यदि फिल्म में दिखाए गए इन दृश्यों या संवादों से समस्या पैदा हो रही है, तो वो इसे हटा देंगे. लेकिन इस बीच है फिल्म का एक सीन ट्विटर पर लीक हो गया. इतना ही नहीं इसे लगातार री-ट्वीट भी किया जा रहा है. अब यह वीडियो क्लिप इंटरनेट पर वायरल हो चुकी है.
फिल्म को लेकर बीजेपी-कांग्रेस में टकराव, 3 दिन में 100 करोड़ के करीब
वहीं फिल्म के बॉक्स ऑफिस रिकॉर्ड की बात करें, तो यह तमाम विवादों के बीच भी रिलीज के तीन दिन के भीतर ही सौ करोड़ के क्लब में शामिल हो गई है. पहले दिन फिल्म ने 43. 3 करोड़ कमाए थे.
बता दें कि मर्सल 18 अक्टूबर को रिलीज हुई थी. फिल्म 120 करोड़ के बजट में बनी है. इसकी शानदार ओपनिंग ने रजनीकांत की फिल्म कबाली का भी रिकॉर्ड तोड़ दिया है.
विवादों के बाद भी इस फिल्म ने 3 दिन में कमाए सौ करोड़, तोड़ा रजनीकांत का रिकॉर्ड
वैसे फिल्म के दृश्यों को हटाने की बीजेपी नेताओं की मांग पर विपक्ष ने भी तीखा हमला बोला था. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और डीएमके के कार्यकारी अध्यक्ष एम.के स्टालिन ने इस मांग की आलोचना की थी. इस पूरे मसले पर बीजेपी नेता शत्रुघ्न सिन्हा का बयान भी गौर करने लायक है. उन्होंने हाल ही में मीडिया से बातचीत में कहा, 'कुछ लोग नोटबंदी का सपोर्ट करते हैं, कुछ नहीं करते. कुछ लोग जीएसटी को अच्छा समझते हैं, कुछ नहीं समझते. मगर इसका ये मतलब नहीं कि जो लोग आलोचना कर रहे हैं, वो देश विरोधी हो गए हैं. '
इससे पहले इस मामले में प्रोड्यूसर्स गिल्ड ऑफ इंडिया से जुड़े प्रोड्यूसर सिद्धार्थ रॉय कपूर ने मर्सल के निर्माताओं का बचाव करते हुए कहा था, 'हम सेंसर बोर्ड की सराहना करते हैं, जो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मामले में मर्सल के प्रोड्यूसर्स के साथ खड़ा रहा. साथ ही फिल्म के कैरेक्टर द्वारा दी गई अपनी अलग राय को बरकरार रखने की इजाजत दी.
बैकफुट पर 'मर्सल' के प्रोड्यूसर, कहा- जरूरी है, तो हटा देंगे GST से जुड़ा सीन
सिद्धार्थ ने कहा था, अब हम ऐसे अधिकारियों को नियुक्त किए जाने की उम्मीद करते हैं, जो उन मामलों से निपट सके, जिनमें फिल्म के कंटेंट में बदलाव के लिए निर्माताओं पर दबाव बनाया जाता है. साथ ही सेंसर बोर्ड से सर्टिफाइड फिल्मों को बिना किसी कांट-छांट के रिलीज कराने में मदद करे. रॉय ने कहा, हम ऐसे समय में हैं, जहां कलाकारों का अपने काम के जरिए अलग-अलग राय प्रकट करने के अधिकार का समर्थन किया जाता है. इनमें देश के लिए क्या बेहतर है, यह दिखाया जाता है.'