
फीचर फिल्मों से अलग नेशनल अवॉर्ड्स देश भर में बनाई जा रही डॉक्यूमेंट्रीज और लिखी जा रही किताबों को भी राष्ट्रीय पटल पर सामने लाते हैं. लता मंगेशकर के बारे में लिखी गई यतींद्र मिश्र की पुस्तक 'लता-सुरगाथा' को जूरी ने बेस्ट बुक ऑन सिनेमा के स्वर्ण कमल पुरस्कार के लिए चुना.
कई संगीतकारों की जीवनी को रोचक और शोधपरक ग्रंथों के रूप में लिख चुके यतींद्र मिश्र की इस पुस्तक के तीन भागों में लता जी के अपने संस्मरण और उनके जीवन के रोचक प्रसंग और बचपन से लेकर अब तक की यादों का कारवां साथ-साथ चलता है.
मनोज वाजपेयी को नेशनल अवॉर्ड ना मिलने से नाखुश हंसल मेहता!
जूरी ने फिल्म समीक्षक जी धनंजयन को बेस्ट फिल्म क्रिटिक अवॉर्ड के लिए चुना है. उनके अब तक के अनुभव और फिल्मों की सटीक समीक्षा के लिए जूरी ने उनका चुनाव किया है.
प्रियदर्शन ने कहा- अक्षय का नेशनल अवॉर्ड 'रुस्तम' और 'एयरलिफ्ट' दोनों के लिए
डॉक्यूमेंट्री सेक्शन में वरिष्ठ फिल्म पत्रकार और निर्देशक अमिताभ पाराशर की डॉक्यूमेटंरी 'द आइज ऑफ डार्कनेस' को जूरी स्पेशल मेंशन अवॉर्ड दिया जाएगा. भागलपुर अंखफोड़वा कांड के बाद बिहार में अब तक हुई आंखें फोड़ने की घटनाओं पर मार्मिक डॉक्यूमेंट्री फिल्म बनाने वाले पाराशर की इस फिल्म ने जूरी का दिल जीत लिया क्योंकि 1980-81 में भागलपुर जेल में कैदियों की आंखें फोड़ने की दिल दहला देने वाली घटना के बाद से अब तक लोगों ने आंख फोड़ कर बदला लेने को ही अपना तरीका बना लिया. बीते 27 सालों में आंख फोड़ कर बदला लेने की कई बर्बर घटनाएं हुईं. ये डॉक्यूमेंट्री इसी पर आधारित है.
नेशनल अवॉर्ड्स का ऐलान, अक्षय बने बेस्ट एक्टर, सोनम की 'नीरजा' सर्वश्रेष्ठ फिल्म
इसके अलावा असमिया में रामने बोरा और सिबानू बोरा की सिकार अरु सीत्कार के साथ सौम्या सदानंदन की चेंबाई को भी जूरी स्पेशल मेंशन अवॉर्ड के लिए चुना गया.