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सिनेमा में बड़ा बदलाव बाकी, 1 फिल्म फ्लॉप होने से ख़त्म नहीं होते सितारे: नवाजुद्दीन सिद्दीकी

साल 2018 शाहरुख खान, सलमान खान और आमिर खान के लिए ठीक नहीं रहा. ऐसे में माना जा रहा है कि इन तीनों बड़े एक्टर्स का समय जा चुका है. सिनेमा बदल रहा है और तीनों खान इसमें फिट नहीं हो पा रहे हैं.  वहीं अब युवा एक्टर्स का टाइम है.

नवाजुद्दीन सिद्दीकी नवाजुद्दीन सिद्दीकी
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 28 फरवरी 2019,
  • अपडेटेड 7:04 PM IST

साल 2018 शाहरुख खान, सलमान खान और आमिर खान के लिए ठीक नहीं रहा. शाहरुख की जीरो बड़ी फ्लॉप रही. वहीं, आमिर खान की ठग्स ऑफ हिंदोस्तान बॉक्स ऑफिस पर असफल साबित हुई. हालांकि, सलमान खान की रेस 3 ने टिकट खिड़की पर धड़ल्ले से कमाई की. लेकिन, क्रिटिक्स ने फिल्म को बकवास बताया. दूसरी तरफ कम बजट में बनी कई फिल्मों ने जमकर कमाई की. इसमें राजकुमार राव की स्त्री और आयुष्मान खुराना की अंधाधुन जैसी फिल्में शामिल है. 

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ऐसे में माना जा रहा है कि इन तीनों बड़े एक्टर्स का समय जा चुका है. सिनेमा बदल रहा है और तीनों खान इसमें फिट नहीं हो पा रहे हैं. और अब युवा एक्टर का टाइम है. इस पर नवाजुद्दीन सिद्दीकी का कहना है कि ऐसा नहीं है कि एक फिल्म फ्लॉप हो गई तो बड़े सितारों का जमाना जा चुका है. उन्होंने कहा फिल्म के असफल होने पर एक्टर को ब्लेम करना सही नहीं है.

नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने एक बातचीत में कहा, सिनेमा में बदलाव का दौर बहुत पहले ही आ चुका है. इसका क्रेडिट शेखर कपूर, अनुराग कश्यप और राम गोपाल वर्मा जैसे फिल्म निर्माताओं को जाता है. इन दिनों कुछ एक्टर्स कह रहे हैं कि उन्होंने सिनेमा में यह बदलाव लाया है, लेकिन सही नहीं है. जब कभी भी फिल्म इंडस्ट्री में परिवर्तन आया है तो उसकी वजह सिर्फ फिल्ममेकर्स ही होते हैं.

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नवाज ने आगे कहा- ''एक्टर्स स्माल टाउन में शूटिंग कर रहे हैं यह कोई नई बात नहीं है. इसे पहले भी देव डी जैसी फिल्मों में दिखाया जा चुका है. आप ऐसा क्यों कह रहे है कि सिनेमा बदल रहा है. कंटेंट पर चलने वाली सिनेमा आकार ले रही है. मुझे लगता है कि जिस परिवर्तन को आप देख रहे हैं वह अभी-अभी नहीं हुआ है.

नवाज ने कहा, कंटेंट आधारित सिनेमा की परिभाषा में वह सब कुछ शामिल होता है जिसे मिलाकर मसाला एंटरटेनर फिल्म बनती है. आपको एक फिल्म में 4-5 गाने शामिल करने की जरूरत है. थोड़ा सा फन और ह्यूमर भी रखना चाहें विषय कुछ भी हो. मुझे लगता है कि हार्डकोर सिनेमा की लोगों तक पहुंच निश्चित होती है. उन्होंने यह भी कहा, अभी सिनेमा में कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ है. लेकिन यह निश्चित रूप से जरूर होगा.

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